अपनी बात

जय बाबा लंठ दास की, हे बाबा आतमज्ञान भाड़ में जाय, आप पतरकारन पर किरपा कीजे, ताकि सब पतरकारन के दुनिया के सारा सुख मिले, बड़ा कष्ट में बारन सब बाबा…

एगो झारखण्ड में बहुत बड़का पतरकार थे। अभियो हैं। लेकिन अपना बुद्धि-कौशल-हुनर से बहुत बड़का नेता भी बन गये हैं। बड़का जगह भी थाम लिये हैं। इतना बड़का पतरकार थे कि उ उड़नखटोला से बहुत दूर-दूर तक जाते थे। जैसे -ब्रिटेन, अमेरिका पता नहीं कौन-कौन सा देश। जब आते थे त उ अपना अखबार में लिखा करते थे। फलना देश से लौटकर फलानां।

आज भी जिन्दा है। कभी-कभी अखबार से पता लगता है कि उ कल रांची में थे और आज रांची में नहीं हैं। फिर उड़नखटोला से उड़न छू हो गये। उनको भी हम देखे हैं। कल भी देखे थे और आज भी देखे हैं। का से का हो गये। उनको और उनको चाहनेवालों को लगता होगा कि उ बहुत महान हो गये।

लेकिन सच्चाई तो उनका आतमा न उनको बताता होगा हो। आतमा जानते हो कि नहीं बचवा। उ हे आतमा। जिसके बारे में साहिर लुधियानवी साहेब ने फिल्म काजल में गाना लिखा था – तोरा मन दर्पण कहलाये, भले-बुरे सारे कर्मों को देखे और दिखाए, तोरा मन दर्पण कहलाये …

जानते हो, इ आतमा जो है न उ पीएम और सीएम ही नहीं, उ बड़का ताकतवाला अमरीका के जो बाइडेन का भी होश उड़ा देता है। लेकिन तब, जब ओकर अंदर आतमा होता है तब। लेकिन जिसका आतमा मर जाता है, त उ का हो जाता है। उ आदमी को भी नहीं पता होता है।

फिर उ केतनो योगी के मठ/आश्रम में काहे नहीं घुम आवे। ओकर कल्याण नहीं होता। उ मठ और आश्रम से दिवंगत हो जानेवाला योगी भी उसको बहुत बढ़िया से समझ लेता है और उसको वहीं चीज थमाता है, जो उसको चाहिए। जानते हो क्या – पद, प्रतिष्ठा, धन, संपत्ति यही सब थमाते चला जाता है। काहे कि उस आदमी को लगता है कि यही सब कुछ परधान चीज है। लेकिन जिसको आतम ज्ञान हो गया। उसको इ सब का करेगा जी।

हाल ही हम देखे कि एगो बरका आयोजन था। आयोजन करेवाला सब हमरो उ आयोजन में बुलाया था। हम देखा कि ओकरा में बरका-बरका आदमी पहुंचल था। संस्थान चलावेवाला लोग उ बरका-बरका आदमी लोग का बरा परशंसा किये जा रहा था। अइसन परशंसा किये जा रहा था कि जैसे लग रहा था कि इ महान लोग सीधे वैकुण्ठ से इहे पधार दिया है और जैसे ही इ लोग इहा से निकलेगा सीधे पुष्पक विमान पर बैठेगा और वैकुंठ पहुंच जायेगा।

ठीक है बचवा। घबरा जिन। तोहरो भगवान उ सब देगा। जो तू चाहेल। महंगा से महंगा गाड़ी, बीस तीस किता मकान, अमरीका आउर बिरटेन में भी मकान मिलेगा। काहे कि तू लोग बर मेहनत कर तार। पइसा और सोना त भगवान इतना दे दिहे कि तू गिन ना सकतार। भगवान त उ सब देवलन, जो मन में रहेला। हमहू तू लोग ला। भगवान से पारथना कर देले बानी कि बचवा लोग के खूब माल-असबाब दे दिही। भगवान जी कहले बारन कि चिन्ता मत कर, सब उहा के मिल जाई। अबका चिन्ता करे के बा। महान संत बाबा लंठ दास कहले बारन …

आतम ग्यान के का करब,

नेतवा व चोरवन के गुन गाइब त मालो पाइब (1)

माल में बहुत गुन बा, एकरे से सब कुछ होय।

सारा सुख एकरे से मिले, इहसे माल के गुन सब गोय (2)

बनल रहे चोर-उचक्का, जो माल सबाब कमाय।

ओकरा से पतरकार जुड़े, ताकि वो भी तर जाय (3)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *