झारखण्ड कांग्रेस का एकमात्र भोला-भाला विधायक जयमंगल, पकड़ा गया तो जासूसी, नहीं पकड़ा गया तो भाजपा नेताओं के समक्ष शरणागत
असम सरकार के प्रवक्ता व भाजपा के वरिष्ठ नेता पीजूष हजारिका द्वारा आज टिव्ट के माध्यम से प्रसारित की गई झारखण्ड कांग्रेस के बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह के चार फोटो ने झारखण्ड में धमाल मचाकर रख दिये। इन फोटो ने कांग्रेसियों के राजनीतिक चरित्र को उजागर किये ही, साथ ही बता दिया कि झारखण्ड में कांग्रेसियों के हाल उस कद्दू की तरह हो गई हैं, जिसे हर हाल में लहुलूहान होना है।
मतलब समझे, अगर नहीं समझे तो फिर समझा देते हैं, चाकू कद्दू पर गिरे या कद्दू चाकू पर गिरे, घायल कद्दू को ही होना है, इसलिए कांग्रेस के विधायक कुछ भी करें, झारखण्ड में कांग्रेस को सत्यानाश ही होना है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी में ऐसे-ऐसे बुद्धिमान आज तक कभी नहीं देखे गये। जरा देखिये न पकड़ में आने के बाद कुमार जयमंगल विधानसभा में पत्रकारों को जवाब देने के क्रम में कैसे पेश आया।
वह इस तरह से पेश आ रहे था, जैसे वो दिल्ली भाजपा नेताओं की जासूसी करने गये था, कह रहा था इसकी जानकारी वो राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और अपने नेता को बता दिया था, मतलब पकड़ में आये तो ये बयान और नहीं पकड़ में आये तो जो चल रहा है, वो ठीक ही है। अब ऐसे बयान को सुनकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और दिल्ली में बैठी सोनिया गांधी भी कुमार जयमंगल के इस डॉयलॉग पर बलिहारी जाये तो समझ लीजिये।
राज्य की जनता ठीक ही कह रही हैं, कि कांग्रेस की लूटिया अबकी बार गोल है और इसे गोल करनेवाला और कोई नहीं कुमार जयमंगल जैसे सर्वाधिक बुद्धिमान विधायक है, जो अपने ही विधायकों के खिलाफ केस करता है, और पकड़े जाने पर कहता है कि नहीं उसने अपने विधायकों पर केस ही नहीं किया, अरे जब केस ही नहीं किया तो फिर अरगोड़ा थाने में भजन गाने गये थे।
कुमार जयमंगल से जब विधानसभा परिसर में पत्रकार सवाल पूछ रहे थे, तो कुमार जयमंगल पत्रकारों पर भी बरसने से नहीं चूका, एक पोर्टल को तो ज्यादा रगड़ रहा था, वार्ता के क्रम में यह भी कह दिया कि वो भी पत्रकारिता का कोर्स कर चुका है, लेकिन घटिया स्तर की राजनीति का कोर्स कहां किया, इसका सवाल न तो पत्रकारों ने पूछा और न ही वो जवाब देने में सक्षम था।
एक तरह से भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने ठीक ही कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने जो कार्य किये हैं, उनका चरित्र जनता के समक्ष उजागर हो चुका है, उनकी हरकत को जनता देख रही हैं, क्लियर हो चुका हैं कि उनके विधायक कैसे हैं और किस प्रकार लेन-देन में विश्वास रखते हैं, अब खरीदार का भी चरित्र उजागर हो जाना चाहिए।
इरफान अंसारी के पिता फुरकान अंसारी तो सारे मामले की जड़ कुमार जयमंगल को ही बता रहे हैं, वे आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिले, पर इस प्रकरण पर उन्होंने कोई बात नहीं की, हमें लगता है कि वे इस प्रकरण के बाद कुमार जयमंगल की हरकतों से ज्यादा नाराज है, उनका कहना था कि असली कार्रवाई तो कुमार जयमंगल पर होनी चाहिए, उसे निलंबन क्या बर्खास्त कर देना चाहिए, उसी ने ये सारी कुचक्र रची हैं, और खुद को महान बना रहा है।
दूसरी ओर पीजूष हजारिका द्वारा कुमार जयमंगल की पेश फोटो को ध्यान से देखिये, तो एक बच्चा भी कुमार जयमंगल की फोटो को देख बता देगा कि ये भाजपा नेताओं की जासूसी करने गये थे, अपने इंटक से संबंधित समस्याओं को रखने गये थे या भाजपा में अपनी जगह तलाशने गये थे या भाजपा नेताओं से ये कहने गये थे कि वे शरणागत हैं, रक्षा करें।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो जितने भोले बनकर कुमार जयमंगल खुद को पत्रकारों या मीडिया के सामने पेश कर रहे हैं, उतने भोले वे नहीं हैं और न ही इन्हें राजनीति आती हैं, सच्चाई यह है कि कांग्रेस और झामुमो ने इन्हें इस बार फुटबॉल बना दिया हैं, और इधर भाजपा कुमार जयमंगल के साथ क्या करना हैं, उसका खाका तैयार कर चुकी हैं।
शायद यही कारण है कि कुमार जयमंगल को केन्द्रीय एजेंसियों का भय सताना शुरु कर दिया हैं, जैसा कि मीडिया के समक्ष उन्होंने कहा। सच्चाई भी है कि ऐसे लोगों को भय होना भी चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार की राजनीति इनलोगों ने शुरु की हैं, वो झारखण्ड के लिए घातक है। जनता के लिए अहितकर है। भले ही ये इस राजनीति का कुछ देर फायदा उठा लें, लेकिन जनता की छाती पर जो इन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा के किले बनाने शुरु किये हैं, उसकी जितनी निन्दा की जाय कम हैं।