जमशेदपुर के वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने अधिवक्ताओं की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए झारखण्ड राज्य बार कौंसिल के चेयरमैन को लिखा पत्र
जमशेदपुर के वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने झारखण्ड राज्य बार कौंसिल के चेयरमैन को अधिवक्ताओं व उनके पेशे से संबंधित मुद्दों व समस्याओं के समाधान को लेकर एक पत्र दिया है तथा इसकी प्रतिलिपि बार कौंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन तथा जमशेदपुर बार एसोसिएशन के रिसीवर अधिवक्ता मनोरंजन दास को भी संप्रेषित किया है।
अपने पत्र में उन्होंने इस बात को रेखांकित किया है कि वे झारखण्ड राज्य के अधिवक्ता व उनके पेशे के राह में आनेवाली समस्याओं व कठिनाइयों तथा अन्य मुद्दों के समाधान के लिए वे सभी का ध्यान आकृष्ट कराना चाह रहे हैं। उन्होंने जिला बार एसोसिएशन परिसर में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद एवं संविधान विद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की इच्छा प्रकट की है।
उन्होंने जिला बार एसोसिएशन भवन को वाई-फाई युक्त करने, महिला अधिवक्ताओं के लिए अलग से हॉल एवं प्रसाधन कक्ष की व्यवस्था करने, बार भवन में सोलर पैनल लगाकर सोलर एनर्जी की व्यवस्था करने, बार एसोसिएशन भवन को सेंट्रलाइज्ड एसी युक्त बनाने, नये सदस्यों के लिए सदस्यता शुल्क ₹20000 से घटाकर न्याय पूर्ण एवं तर्कसंगत करने का भी अनुरोध किया है।
सुधीर कुमार पप्पू ने अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के नये सदस्यों को निशुल्क सदस्यता प्रदान करने, नये सदस्यों के बैठने के लिए समुचित व्यवस्था करने, एक साल की सीमा अवधि तक नये सदस्यों को ₹1000 प्रति माह स्टाइपेंड देने, होली-दीपावली अथवा दुर्गा पूजा के अवसर पर नियमित अधिवक्ताओं को ₹5000 समतुल्य राशि उपहार के तौर पर भेंट करने, सभी सदस्यों का सामूहिक बीमा करवाने एवं बीमा की राशि बार द्वारा देय करने, मृत्यु क्लेम राशि को बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने की मांग रखी है।
उन्होंने अपने पत्र में दो लाख रुपये मेडिक्लेम की सीमा तय करने, बार परिसर में ड्रेस कोड एवं आई कार्ड के अनुपालन को अनिवार्य करने, सदस्य अधिवक्ता की पुत्री के विवाह में बार एसोसिएशन की ओर से ₹100000 (एक लाख) बतौर उपहार देने का भी जिक्र किया है। सुधीर कुमार पप्पू ने आशा व्यक्त की है कि अधिवक्ता पेशे को मर्यादापूर्ण, सम्मानजनक बनाने एवं उत्तरोत्तर समुन्नत करने में झारखण्ड राज्य बार कौंसिल अपनी भूमिका और मजबूत तरीके से निभायेगा।