अपनी बात

झारखण्ड के CM हेमन्त सोरेन भाजपा नेताओं को जो न करवा दें, हेमन्त के डर से हिमंता पहुंचे, भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की शोभा बढ़ा चुके हरिनारायण के घर, मांगा सहयोग, भाजपा कार्यकर्ता नाराज

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, भाजपा नेताओं को जो न करवा दें। अब देखिये न कल तक भ्रष्टाचार के नाम पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पानी पी-पी कर कोसनेवाले भाजपाई अब भ्रष्टाचार के ही कई मामले में कई वर्षों तक जेल में बंद रहे पूर्व मंत्री हरिनारायण राय के यहां जाकर उनसे सहायता की भीख मांगने लगे। कह रहे हैं, हमारे प्रभु अवगुण चित्त न धरौ, समदर्शी है नाम तुम्हारो जोई सो पार करो।

भला पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को कौन नहीं जानता। भ्रष्टाचार के मामले में जेल की शोभा बढ़ा चुके, इस पूर्व मंत्री को बच्चा-बच्चा जानता है। लेकिन आजकल तो झारखण्ड में चुनाव का माहौल है। इसलिए भाजपा शुद्धि अभियान चला रही है, साथ ही राज्य में जितने भी भ्रष्टाचारी है और जिनका राजनीतिक आधार है, जिनकी अपनी जातियों में गहरी पैठ हैं। उन पर डोरे डालने शुरु कर दिये हैं।

साम, दाम, दंड, भेद यानी राजनीति की ये चार डोरों से सबको साधने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा को लगता है कि ऐसा करने से उसे हेमन्त सोरेन की सरकार को हटाने में सफलता मिल जायेगी। लेकिन राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ऐसा करने से भाजपा को ही मुंह की खानी पड़ेगी, क्योंकि एक्शन का रिएक्शन भी उसी गति से हो रहा है। भाजपा का इमेज झारखण्ड की जनता के बीच बहुत तेजी से गिर रहा है।

जरा देखिये। आज क्या हुआ। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा हरिनारायण के गांव पहुंच गये और हरिनारायण राय के साथ एक मीटिंग कर डाली, साथ ही जनता को संबोधित करने लगे। कहने लगे कि सभी मिलकर हेमन्त सोरेन को हटाने में भाजपा का सहयोग करें। इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा तो थे ही, उनके साथ उसी वक्त गोड्डा के तेजतर्रार सांसद निशिकांत दूबे भी मौजूद थे।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह सही है कि हरिनारायण राय भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय द्वारा दोषी ठहरा गये, उन्हें सजा भी मिली है। लेकिन भाजपा शायद यह समझती है कि हरिनारायण राय जिस जाति से आते हैं। उस जाति के लोगों में हरिनारायण राय की गहरी पैठ है। साथ ही उस जाति की इतनी जनसंख्या है कि वो किसी भी दल के लोगों के लिए हार और जीत का सबब भी बन सकते हैं।

इसलिए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, हरिनारायण राय के पास पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी। उपस्थिति दर्ज करवाने के चक्कर में हिमंता ने यह भी नहीं देखा कि इसका उलटा प्रभाव क्या पड़ेगा। झामुमो जो हमेशा भाजपा पर भाड़े के लोगों के बल पर चुनाव लड़ने का आरोप लगा रही हैं। वो ऐसे भी गलत नहीं, क्योंकि हरिनारायण राय के गांव में जाकर, हरिनारायण के साथ बैठक करना, सभा करना बताता है कि भाजपा बिना भाड़े के लोगों को लिये, एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकती।

ऐसे भी संताल परगना में भाजपा खुद से ही लड़ रही है। भाजपा के कार्यकर्ता अपने ही जिलाध्यक्ष और उनके परिवारों को देखना पसन्द नहीं कर रहे हैं। वहां आज भी जिलाध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। बाहरी-भीतरी की लड़ाई है, सो अलग। ऐसे में हरिनारायण के साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंता की ये सभा एक बार फिर गुल खिलानेवाली होगी।

क्योंकि ये हिमंता की दूसरी घटना है, जो गुल खिलायेगी। पहला गुल तो तभी हिमंता ने खिला दिया था, जब वे नौ महीने जेल में बंद रहे एक विवादास्पद न्यूज चैनल के मालिक के घर जाकर नेता प्रतिपक्ष के साथ मिलकर भोजन ग्रहण किया तथा वहीं एक रांची से चुनाव लड़ने की इच्छा रखनेवाले एक विवादास्पद टिकटार्थी से मिलकर स्वयं आह्लादित हो उठे थे। जिस पर विद्रोही24 ने न्यूज भी बनाई थी।