उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे झारखण्ड के श्रमिकों के परिजनों को उत्तराखण्ड में सुविधा दे रही झारखण्ड सरकार, श्रमिकों के परिजनों से संबंधित जिलों के उपायुक्त हैं सम्पर्क में
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच निर्माणाधीन टनल में फंसे झारखण्ड के श्रमिकों का हाल जानने गये उनके परिजनों को हर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ज्ञातव्य है कि टनल में फंसे श्रमिकों का हाल जानने के लिये उनके परिजन उत्तराखंड पहुंचे हैं। इसकी जानकारी जब मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को हुई तो उन्हें हर सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया।
टनल में फंसे झारखण्ड के सभी 15 श्रमिक सुरक्षित हैं। इनमें से गिरिडीह के दो, खूंटी के तीन, रांची के तीन एवं पश्चिमी सिंहभूम के सात श्रमिक की पुष्टि हुई है। सम्बन्धित जिला के उपायुक्त लगातार श्रमिकों के परिजनों से बातचीत कर स्थिति का जायजा ले रहें हैं। इसके अतिरिक्त प्रवासी नियंत्रण कक्ष भी टनल में फंसे श्रमिकों के परिजनों से लगातार संपर्क में है।
टनल में फंसे श्रमिकों के परिजनों को रहने और भोजन की हुई व्यवस्था
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आदेश के बाद श्रमिकों के परिवार के सभी सदस्यों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, श्रमिकों और परिवारों को जैकेट, टोपी और कंबल वितरित किए गये हैं। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री के आदेश के उपरांत 14 नवंबर को टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति से अवगत होने एवं उन्हें सहायता पहुंचाने के लिये जैप आईटी के सीईओ भुवनेश प्रताप सिंह, ज्वाइंट लेबर कमिश्नर राजेश प्रसाद एवं ज्वाइंट लेबर कमिश्नर प्रदीप रॉबर्ट लकड़ा को उत्तराखंड भेजा गया था।
उपरोक्त टीम नौ दिनों तक उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल/घटनास्थल पर उपस्थित रही। इधर राज्य सरकार ने झारखण्ड में उनके आवश्यक कार्यों को देखते हुए अब उनके स्थान पर राकेश प्रसाद, संयुक्त श्रमायुक्त सह अपर निबंधक एवं धनंजय कुमार सिंह, संयुक्त श्रमायुक्त को भेजा गया है, जो घटनास्थल पर मौजूद हैं।