राजनीति

झारखण्ड सरकार फादर स्टेन स्वामी की रिहाई को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बनाएं – AIPF

मुंबई के जेल में झारखण्ड व देश के जाने माने मानवाधिकार कार्यकर्त्ता फादर स्टेन स्वामी की लगातार गिरती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अविलम्ब उन्हें रिहा करने की मांग को लेकर ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम झारखण्ड इकाई व अन्य सामाजिक जन संगठनों द्वारा आज तीन बजे दिन में राज्यव्यापी “नागरिक अभियान” की शुरुआत की गयी। जिसके तहत कोरोना लॉकडाउन बंदी के मद्देनज़र जो जहां है, वहीं से पोस्टर प्रदर्शित करने की अभियान की शुरुआत की गयी।

नागरिक अभियान के माध्यम से वर्तमान की केंद्र सरकार पर आरोप लगाया गया कि फादर स्टेन स्वामी द्वारा हमेशा ही झारखण्ड में कारपोरेट कंपनियों की लूट के खिलाफ जल जंगल ज़मीन के सवालों और आदिवासी व नागरिक समाज के मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज़ उठाने के कारण ही उनपर यूएपीए जैसा काला कानून लगा दिया गया है। एनआइए के जरिये गंभीर बीमारावस्था में भी उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रांची से ले जाकर मुंबई जेल में बंद कर मारने की साजिश की जा रही है, जिसे झारखण्ड प्रदेश का नागरिक समाज कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगा।

इस अभियान में झारखण्ड सरकार से भी मांग की गयी कि वो उनके जीवन रक्षा हेतु महाराष्ट्र की सरकार से बातचीत कर तत्काल उन्हें पैरोल पर रिहा कराने की पहल करे।नागरिक अभियान की शुरुआत माले विधायक विनोद सिंह समेत राजधानी में फोरम से जुड़े हॉफमैन ला एसोसिएट्स के फादर महेंद्र पिटर तिग्गा, फोरम राष्ट्रीय समिति सदस्य नदीम खान, झारखण्ड जन संस्कृति मंच के प्रदेश संयोजक जेवियर कुजूर व गौतम मुंडा, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता कुमार वरुण, पत्रकार किसलय, पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की, सामाजिक कार्यकर्त्ता आलोका कुजूर व दीपा मिंज, इनौस राज्य सचिव अमल घोषाल, झामस नेता देवकी नंदन बेदिया समेत कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रोटेस्ट-पोस्टर के जरिये की।

फादर स्टेन की रिहाई के सवाल पर झारखण्ड के गांव गाँव से व्यापक जन दबाव खड़ा किया जाएगा। नागरिक अभियान के तहत रांची के बुंडू, बगोदर, गिरिडीह, रामगढ़, बोकारो, जमशेदपुर, गढ़वा, पलामू, हजारीबाग, धनबाद और लातेहार समेत कई अन्य इलाकों में प्रतिवाद किया गया, साथ ही सोशल मीडिया मंच पर भी प्रतिवाद किया गया। इस बात की जानकारी विद्रोही24 को अनिल अंशुमन ने दी।