झारखण्ड सरकार बहानेबाजी बंद करें और पार्श्वनाथ तथा सम्मेद शिखर को अविलम्ब तीर्थक्षेत्र घोषित करें – वीरेन्द्र विमल
विश्व हिन्दू परिषद् बिहार -झारखण्ड के क्षेत्रीय मंत्री वीरेन्द्र विमल का कहना है कि झारखंड सरकार बहानेबाजी छोड़कर पार्श्वनाथ और सम्मेद शिखर को अविलंब तीर्थक्षेत्र घोषित करे जैसे बौद्धों को बहकाकर हिन्दू समाज को तोड़ा गया है, जैसे चर्च अनुसूचित जनजातियों को समझा रहा, कि वे हिन्दू नहीं। वैसे ही झारखंड सरकार अब जैनियों को अलग करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि कुछ टुकड़े – टुकड़े गिरोह और अर्बन नक्सली इस बहाने पुनः सक्रिय हो गये हैं। इसीलिये वे आंदोलन का केन्द्र दिल्ली बनाकर केन्द्र सरकार पर दोषारोपण कर रहे हैं। इस आंदोलन में कुछ मुस्लिम नेता भी देखे जा रहे हैं। प्रयास यह है, कि अल्पसंख्यक के नाम पर सबको हिन्दुओं से अलग किया जाये। अनुसूचित जाति और जनजाति को जय भीम – जय मीम और आदिवासी – मूलवासी के नाम पर पहले से ही तोड़ने की कोशिश चल रही है।
वीरेन्द्र विमल ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा प्रारंभ आर्य-द्रविड़, सवर्ण-पिछड़ा, आदि विभेदों को तथा सेक्युलिरिज्म के नाम पर ईसाई-मुस्लिम तुष्टिकरण को अनेक दशकों तक केन्द्रीय-प्रान्तीय सरकारों ने सत्तालोलुपता के कारण बढ़ावा दिया है। आज झामुमो भी वही कर रहा है। विपक्षी सरकारें हताशा में देश को अशान्त करने हेतु किसान आन्दोलन से लेकर अनेक प्रयोग कर रहे हैं। सम्मेद शिखर का विषय उसी की नवीनतम कड़ी है। पर निश्चित रूप से झारखंड सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ेगा और पार्श्वनाथ क्षेत्र की पवित्रता की पुनर्स्थापना करनी होगी।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के सहयोगी दल इस विषय की संवेदनशीलता को नहीं समझेंगे, तो उन्हें भी इसकी बड़ी राजनैतिक कीमत चुकानी होगी। आज यह विषय केवल जैन समाज का नहीं, वरन् देश के सौ करोड़ हिन्दू समाज का हो गया है। विश्व हिन्दू परिषद् पूरी तरह पर्यटन क्षेत्र के बदले तीर्थ क्षेत्र की माँग के समर्थन में खड़ी है