अपराध

झारखण्ड में नफरत/अफवाह फैलानेवालों के खिलाफ झारखण्ड पुलिस का अभियान जारी, अब तक 102 गिरफ्तार

झारखण्ड पुलिस को इस बात की दाद देनी होगी, उसने इस बार ऐसा करिश्मा दिखाया है कि अफवाह और नफरत फैलानेवालों की सारी हेकड़ी निकल गई है। इसके पहले जिधर देखिये, अफवाह और नफरत फैलानेवालों का एक तरह से दबदबा था, जिधर देखिये उधर ही नफरत व अफवाह फैलानेवालों ने झंडा बुलंद रखा था, जिससे राज्य के किसी न किसी कोने में बवाल होना तय रहता था, पर जब से झारखण्ड पुलिस ने इनलोगों के खिलाफ एक्शन लेना शुरु किया है, सोशल साइट पर नफरत व अफवाह फैलानेवालों पर व्यापक असर पड़ा है, उन पर अंकुश भी लगा है, अब वे खुद से तौबा भी करने लगे हैं, माफी भी मांग रहे हैं।

आज इसी संबंध में विद्रोही24 डॉट कॉम ने राज्य के पुलिस महानिदेशक एमवी राव से बातचीत की। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी अगर लोग नहीं संभलेंगे, और एक दूसरे के खिलाफ नफरत व अफवाह फैलायेंगे तो वे जान लें कि पुलिस उन्हें छोड़ने नहीं जा रही, वे जेल के सलाखों में होंगे, उनके खिलाफ कड़ी एक्शन की भी तैयारी है, और यही कारण है कि अब तक इस मामले में 119 कांड प्रतिवेदित हुए हैं, तथा 195 अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए, इनमें से 102 लोगों की गिरफ्तारियां भी हो चुकी।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इनमें सभी धर्मों के लोग हैं, जिन्होंने समाज में नफरत फैलाने के लिए अफवाहों का सहारा लिया, एक दूसरे के प्रति आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। उनका कहना था कि उनकी टीम ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रख रही हैं, जो सामाजिक विद्वेष फैला रहे हैं, ऐसे लोगों को सामाजिक विद्वेष फैलाने की एक बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, क्योंकि हमारा पहला और अंतिम दायित्व है कि राज्य में हर हाल में अमन व शांति कायम हो, ताकि वैश्विक महामारी झेल रहे राज्य की जनता को किसी भी प्रकार का कष्ट न हो।

उन्होंने यह भी कहा कि आश्चर्य है कि एक ओर जहां वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सारी दुनिया के लोग एक हो रहे हैं, वही कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो सामाजिक समरसता को प्रभावित करने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक दस गिरफ्तारियां लातेहार से हुई है, जबकि दूसरा स्थान पर पलामू और चतरा है जहां नौ-नौ गिरफ्तारियां हुई है, तीसरे स्थान पर धनबाद, गढ़वा और गिरिडीह का जहां आठ-आठ गिरफ्तारियां हुई है। राजधानी रांची में 14 अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें अब तक चार गिरफ्तारियां हुई है।

बुद्धिजीवियों का मानना है कि अगर इसी प्रकार से शासन व्यवस्था चलती रही तो कोरोना पर विजय हम प्राप्त करेंगे ही, साथ ही साथ आर्थिक रुप से भी हमें कोई खतरा उत्पन्न नहीं होगा, क्योंकि कोरोना से मुक्ति के बाद असली लड़ाई स्वयं को आर्थिक रुप से सशक्त करना ही होगा। ऐसे में सामाजिक समरसता बहुत ही जरुरी है। राज्य के कई गण्यमान्य व्यक्तियों ने वर्तमान पुलिसिंग की जमकर सराहना की है।