CNT-SPT को लेकर ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स के खिलाफ झारखण्ड की आम आदमी पार्टी आग-बबूला
सीएनटी – एसपीटी कानून को झारखंड में आर्थिक मंदी का कारण बताने वाले और इस कानून में बदलाव की सिफारिश करने वाले ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स के सहायक महा प्रबंधक की तत्काल निलंबन और झारखंड से बाहर भेजने की माँग को लेकर आम आदमी पार्टी ने राँची स्थित प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता की।
वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण मुंडा ने बताया कि दो दिन पहले आम आदमी पार्टी कार्यालय को एक न्यूज क्लिपिंग प्राप्त हुई, जिसमें अगस्त माह में ही मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स के सहायक महाप्रबंधक सह झारखंड प्रभारी पुलिन पटनायक ने स्पष्ट तौर पर कहा कि “झारखंड में आर्थिक मंदी का एक बड़ा कारण सीएनटी – एसपीटी कानून है। आदिवासियों से लोन की रिकवरी नहीं हो पाती, उनकी ज़मीन गिरवी नहीं रख पाते और बेच नहीं पाते। अतः केंद्र सरकार को वे सीएनटी और एसपीटी कानून में बदलाव की सिफारिश करेंगे”।
बैंक के अधिकारी के इस बयान पर लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि यह बयान ‘आदिवासी विरोधी और झारखंड विरोधी’ है। इनको झारखंड और झारखंडी संस्कृति की ज़रा सी भी समझ नहीं है। आदिवासी समाज झारखंड के प्राण हैं और सीएनटी–एसपीटी कानून में आदिवासी समाज की आत्मा बस्ती है। हमारी आत्मा के साथ छेड़छाड़ की बात करने वाले पुलिन पटनायक को झारखंड में रहने का कोई नैतिक हक नहीं है।
ये अधिकारी बैंक कर्मी की नहीं बल्कि जमीन दलाल और भ्रष्ट भाजपा सरकार की बोली बोल रहे हैं। जान बूझ कर सीएनटी–एसपीटी कानून की प्रासंगिकता को खत्म करने का प्रयास भाजपा द्वारा लगातार हो रहा है ताकि पूरे राज्य में इस कानून का उल्लंघन कर आदिवासियों का ज़मीन हड़पने वालों को बचाया जा सके। झारखंड में आर्थिक मंदी के लिए सीएनटी–एसपीटी कानून को कारण बताना बहुत ही बचकाना और गैरजिम्मेदाराना बयान है।
ये अधिकारी झारखंड की 3.5 करोड़ आबादी को जाहिल और बेवकूफ समझते हैं। आदिवासी विरोधी इस अधिकारी को झारखंड से तत्काल निलंबित कर बाहर भेजा जाए अन्यथा इनके साथ साथ ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स के खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा। मौके पर पार्टी के प्रदेश सचिव राजन कुमार सिंह ने कहा कि सीएनटी –एसपीटी कानून आदिवासियों का सुरक्षा कवच है।
भाजपा येन–केन–प्रकारेण आदिवासियों के ज़मीन को लूटने के लिए इस कानून में बदलाव की बात करती है। भाजपा के इस प्रयास का आदिवासी–मूलवासी–झारखंडी समाज द्वारा कड़ा विरोध होने पर आर्थिक मंदी की आड़ में झारखंड के बदहाल आर्थिक स्थिति का हवाला देकर बैंककर्मियों से इस तरह का सिफारिश करवा रही है। किस हैसियत से पुलिन पटनायक इस तरह की नीतिगत मामले में बयानबाजी कर रहे हैं?
ये साफ दिखता है कि ओरिएण्टल बैंक के ये अधिकारी और पूरा बैंक जमीन माफियाओं और आदिवासी जमीन को हड़पने वालों के साथ खड़ा है। इस मंदी में झारखंड में पहले से स्थापित सैकड़ों कल कारखाने बंद हो गए, पहले से चल रहे बाज़ार इस आर्थिक मंदी में कंगाली की हालत में पहुँच गया।
आज भी आदिवासी–मूलवासी के ज़मीन में झारखंड के अधिकतम फैक्ट्रियां और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं, जिनकी हालात खराब है। इतना ही नहीं राज्य के हर इलाके में देश के विकास के नाम पर हजारों एकड़ अधिग्रहित किया हुआ भूमि सरकार के पास है। सरकार और बाज़ार उस भूमि का ही इस्तेमाल आज तक नहीं कर पाये। ऊपर से किसी प्रकार और ज़्यादा से ज़्यादा ज़मीन के लूट का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है। साथ ही पुलिन पटनायक के तत्काल निलंबन की मांग करती है। उनके निलंबन की मांग को लेकर ओरिएण्टल बैंक के अध्यक्ष सह प्रबन्ध निदेशक, झारखंड के राज्यपाल, केंद्रीय वित्त मंत्री तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर को शिकायत पत्र भेजा जा रहा है।
यदि जल्द पुलिन पटनायक को निलंबित कर झारखंड से बाहर नहीं भेजा गया तो उनके और पूरे ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स का विरोध पूरे राज्य में किया जाएगा। प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश कुमार, प्रदेश संयुक्त सचिव यास्मीन लाल, अमन कुमार और कई लोग उपस्थित थे।