अपनी बात

झारखण्ड में सर्वाधिक अशुद्ध झाविमो और सर्वाधिक परिष्कृत देसी गाय द्वारा निर्मित पंचगव्य तथा पंचामृत से शुद्ध की गई भाजपा

कल अचानक दो पत्र झाविमो से संबंधित वायरल किये गये। एक पत्र था जिसमें बाबू लाल मरांडी ने झाविमो के प्रधान महासचिव पद पर विराजमान विधायक प्रदीप यादव से इस्तीफा मांगा था और दुसरा पत्र था, जिसमें प्रदीप यादव ने बाबू लाल मरांडी को अपना त्याग पत्र सौंपा हैं। सबसे पहले देखे कि बाबू लाल मरांडी ने प्रदीप यादव को जो पत्र लिखा, उस पत्र में क्या है?

बाबू लाल मरांडी ने अपने पत्र में लिखा है कि 21 अप्रैल 2019 को पार्टी की तत्कालीन प्रवक्ता रिंकी झा ने उन्हें मोबाइल पर सुबह-सुबह फोन कर बताया कि उसके साथ आपके द्वारा कुछ अश्लील हरकत किया गया है। इसी बीच समाचार माध्यमों से पता चला कि उक्त महिला ने आप पर एक प्राथमिकी दर्ज करवायी है। नीति का तकाजा है, कि ऐसे आरोप पर जांच पूरी होने तक आपको प्रधान महासचिव का पद त्याग कर देना चाहिए, अतः आप यानी प्रदीप यादव तीन दिनों के भीतर प्रधान महासचिव के पद से खुद को मुक्त कर लें।

इधर जैसे ही इस पत्र की जानकारी मिली, प्रदीप यादव ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया, पर उस इस्तीफे में कही इस बात का जिक्र नहीं है कि उन्होंने रिंकी झा प्रकरण पर इस्तीफा दिया है, प्रदीप यादव के पत्र में इस्तीफा का कारण गोड्डा सीट पर अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने को बताया है, ज्ञातव्य है कि प्रदीप यादव झाविमो के टिकट पर गोड्डा से चुनाव लड़ रहे थे, पर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।

चलिये यह जानकर अच्छा लगा कि झाविमो में नीति के तकाजा का भी ध्यान रखा जाता है, और इसके आधार पर इस्तीफे भी मांगे जाते हैं, अब सवाल उठता है कि यहीं काम भाजपा में क्यों नहीं होता, वहां नीति का तकाजा तेल बेचने क्यों चला जाता है? सवाल तो यह भी है कि झाविमो की प्रवक्ता रिंकी झा ने प्रदीप यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज भी हो गई, तो फिर धनबाद भाजपा की जिला मंत्री, जिसने राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास के खासमखास व बाघमारा के दबंग भाजपा विधायक ढुलू महतो पर भी तो इसी प्रकार की हरकत करने का आरोप लगाया था, तो ढुलू महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई?

क्या हमारे यहां कानून की किताबों में यह भी लिखा है कि सत्तारुढ़ दल के विधायक या कोई भी नेता इस प्रकार की हरकत करें तो उसे बचाने का भरपूर प्रयास करना चाहिए, इसके लिए राज्य के पुलिस पदाधिकारियों को नौकरी भी दांव पर लगाने की आवश्यकता पड़े तो लगा देना चाहिए। कमाल है भाई, झाविमो के नेता को बुखार छुड़ाने का अद्भुत प्रयास और यहीं काम सत्तारुढ़ दल के खिलाफ करने की बात आये तो सभी के हाथ-पांव फूलने लगे।

किसी ने ठीक ही कहा है कि चूंकि झाविमो पूर्णतः अशुद्ध पार्टी है, इसलिए उनके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई तो होनी ही चाहिए, और रही बात भाजपा की, तो ये तो शुद्ध देसी गाय द्वारा निर्मित पंचगव्य और पंचामृत से परिष्कृत की गई पार्टी है, इसलिए इस पार्टी में गलत लोग होने की कल्पना तो आप सपने में भी नहीं कर सकते, इसलिए तो इनके लोग, जय भाजपा, विजय भाजपा, तय भाजपा आदि-आदि नारे लगाते हैं और जो लोग इनका विरोध करते हैं, इनके समर्थक उनके पीछे हाथ-पैर धोकर पड़ जाते हैं।