अपनी बात

लोकसभा चुनाव को लेकर ‘विज्ञापन धर्म’ निभाने को झारखण्ड के अखबार तैयार, सत्य व निष्ठा के साथ विज्ञापन देनेवाले राजनीतिक दलों व छुटभैये नेताओं के प्रति रख रहे समर्पण का भाव

लोकसभा चुनाव को लेकर ‘विज्ञापन धर्म’ निभाने को झारखण्ड के सभी अखबार तैयार हैं। इन अखबारों में काम करनेवाले प्रबंधकों, संपादकों, संवाददाताओं ने सत्य व निष्ठा के साथ विज्ञापन देनेवाले राजनीतिक दलों व छुटभैये नेताओं के प्रति समर्पण का भाव रखना भी शुरु कर दिया है। अखबारों के इस समर्पण के भाव को देखते हुए कुछ ऐसे भी राजनीतिक दल व छुटभैये नेता हैं, जिनके पास अथाह माल हैं। वे उन मालों को इन अखबारों व यहां काम करनेवाले लोगों पर लूटाकर स्वयं को जनता के बीच प्रतिष्ठित करने का मौका छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। यह काम आप रांची, जमशेदपुर, धनबाद से निकलनेवाले किसी भी अखबार को देखकर आकलन कर सकते हैं।

उदाहरणस्वरुप आज रांची से प्रकाशित दैनिक भास्कर अखबार देखिये। इस अखबार को जब आप देखेंगे तो इस अखबार का भाजपा के प्रति समर्पण बहुत आराम से दिख जायेगा। कल भाजपा के एक नेता राजनाथ सिंह आये हुए थे। उनकी चतरा में एक सभा थी। जहां खुब बवाल हुआ। लेकिन इस अखबार में राजनाथ सिंह की खबर हैं। लेकिन जो बवाल भाजपा कार्यकर्ताओं ने काटा। उस खबर पर इस अखबार ने कैंची चला दी हैं। मतलब अपने पाठकों को भाजपा कार्यकर्ताओं के बवाल काटने की खबर न पहुंचाकर, उन्हें इस समाचार से वंचित कर दिया।

इसी अखबार ने भाजपा के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे प्रदीप वर्मा की एक खबर वो भी बाइलाइन छापी है। ताकि जो उस पर दाग लगे हैं, उस दाग को छुड़ाया जा सकें। अब प्रदीप वर्मा के उपर लगे दाग कितने छूटे हैं, वो तो भगवान जाने, पर भाजपा की ओर से मिल रहे विज्ञापन का प्रभाव और इसके द्वारा दिये जा रहे अखबार के रिजल्ट सब कुछ कह दे रहे हैं।

इसी अखबार ने रांची के सांसद संजय सेठ का एक विज्ञापन छापा है। साथ ही उनकी एक खबर भी लगाई है। यानी विज्ञापन दीजिये और अपनी सेवा हमसे लीजिये का इतना सुंदर भाव कही और नहीं दिखता। जबकि होना क्या चाहिए, विज्ञापन लेना या छापना एक अलग कृत्य और जनता को सही समाचार परोसना अलग कृत्य होना चाहिए, पर ये लोग कर क्या रहे हैं – एक हाथ दे और दूसरा हाथ ले यानी ‘ले-दे योजना’ पर काम चल रहा है।

रांची से छपनेवाले प्रभात खबर ने तो गजब ढा दिया है। इस अखबार ने भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कृपा शंकर सिंह का कल यानी 15 मार्च को फुल पेज का विज्ञापन छापा और आज उस विज्ञापन के बदले आज यानी 16 मार्च को पेज सात नंबर पर जो राजपाट के नाम से पृष्ठ निकलता है। उसमें कृपाशंकर सिंह की छोटी सी फोटो समेत न्यूज छाप दी, जबकि इससे बड़े-बड़े नेता भाजपा के उस कार्यक्रम में मौजूद थे, लेकिन प्रभात खबर ने उन सबको नजरंदाज कर दिया और कृपा शंकर सिंह को जगह दी। फोटो के नीचे कैप्शन दिया – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के चतरा पहुंचने पर उनका स्वागत करते भाजपा कार्यसमिति सदस्य कृपा शंकर सिंह।

मतलब समझ ही गये होंगे, कैसे विज्ञापन धर्म का इस्तेमाल यहां के अखबार कर रहे हैं और पत्रकार तथा पत्रकारिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लेकिन यही अखबार देखियेगा कि जब पत्रकार या पत्रकारिता को लेकर कहीं गोष्ठी होगी तो इन्हीं अखबारों के संपादकों की टोली पत्रकार व पत्रकारिता पर ज्ञान बघारेंगे। तालियां बटोरेंगे और जो ईमानदार पत्रकार हैं, उनकी छाती पर मूंग दलेंगे तथा इसमें साथ भाजपा और उनसे जुड़े संगठन देंगे, साथ ही वो राजनीतिक पार्टियां भी जो गलत तरीके से अपने राजनीतिक महत्वाकांक्षा  को पूरी करने मे लगे रहते हैं। मतलब वर्तमान में, ये क्या कर रहे हैं। सबकी आंखों के सामने हैं। इसलिए जनता सावधान रहें। इन अखबारों के चक्कर में न पडें। ये सभी पैसों पर बिकने को तैयार हैं। बस आप खरीदार के रुप में चल जाइये।

याद रखिये। आप स्वयं लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आइये। किसी अखबार द्वारा आयोजित लोकतंत्र बचाओ अभियान में भाग मत लीजिये। ये आपका इस्तेमाल करेंगे और अपनी रोटी सेंकेंगे। आप अगर ईमानदार हैं, सत्यनिष्ठ हैं तो फिर आप अकेले काफी हैं, अपने लोकतंत्र को बचाने के लिए आंदोलन करने को। किसी अखबार का झोला मत ढोइये, ये सभी एक ही थैले के चट्टे-बट्टे हैं।