राज्यसभा सीट को लेकर झामुमो और हेमन्त पर विश्वास किया जा सकता है, पर कांग्रेस पर नहीं
तो क्या यूपीए लोकसभा चुनाव में किया अपना वायदा निभायेगी, फुरकान अंसारी को राज्यसभा में भेजेगी या फिर अपने स्वभावानुसार अपने किये वायदे से मुकर जायेगी। राज्य सभा का चुनाव सर पर है। झारखण्ड में राज्यसभा की दो सीटें हैं, एक सीट पर तो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने क्लियर कर दिया है कि उसके प्रत्याशी शिबू सोरेन होंगे।
पर दूसरा कौन होगा? इसको लेकर माथापच्ची जारी है, हालांकि शिबू सोरेन तो आराम से राज्यसभा में पहुंच जायेंगे, पर दूसरा प्रत्याशी यूपीए का जीत पायेगा भी या नहीं, इसको लेकर संशय बरकरार है। इधर भाजपा ने राज्यसभा से अपना प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी है, पर उसका उम्मीदवार कौन होगा, इसको लेकर भी संशय है।
पर इतना तय है कि बिन पेंदी के लोटे के नाम से जानी जानेवाली आजसू भाजपा का ही समर्थन करेगी और सरयू राय तो पूर्व में खांटी भाजपाई रह चुके हैं, उनका भाजपा से अभी भी मोहभंग नहीं हुआ, ये जगजाहिर है। दूसरी ओर यूपीए की ओर से राज्यसभा का प्रत्याशी बनने के लिए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी ने जोर लगा दी है।
उन्होंने इस सिलसिले में कांग्रेस और झामुमो के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क साधा है। संपर्क साधने के क्रम में उन्होंने विद्रोही24.कॉम को बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने तो पूर्व की तरह राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने की हामी भर दी हैं, पर कांग्रेस ने अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं किया। वे यह कहने से भी नहीं चूकते, कि झामुमो पर तो इस मुद्दे पर विश्वास किया जा सकता है, पर कांग्रेस पर कभी विश्वास नहीं किया जा सकता, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी अपना स्टैंड सही समय पर सही पक्ष में क्लियर ही नहीं किया।
ऐसे में राज्यसभा सीट के मुद्दे पर कौन अल्पसंख्यकों के साथ धोखा कर रहा हैं, ये आज समझने की जरुरत है, कल तक जो लोकसभा चुनाव के दौरान अल्पसंख्यकों के पक्ष में राज्यसभा सीट देने की बात करनेवाले आज चुप्पी साध रखी है, ऐसे में अल्पसंख्यकों की राजनीति करनेवाले लोगों एवं पार्टी की जनता के सामने कलई एक तरह से खुल गई है।