लक्ष्मीकांत वाजपेयी के आपत्तिजनक बयान से गुस्से में झामुमो, चुनाव आयोग से की शिकायत, इधर राज्य पुलिस से की गुहार, भाजपा प्रभारी के बयान पर ले संज्ञान, करे गिरफ्तार, जेल में डाले
हम अपने यहां मां-बेटी, बहन की इज्जत करते हैं। लेकिन भाजपा की नजर में मां-बहन, बेटी के प्रति उनकी क्या सोच है। उसका दर्शन के लिए आज प्रेस कांफ्रेस बुलाया गया है। हमें माफ करेंगे, मैं मजबूर हूं, उस वक्तव्य को सुनाने के लिए जो भाजपा के झारखण्ड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने जमशेदपुर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस में कहे और इतना कहते ही, झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने वो ऑडियो चलवा दिये, जो लक्ष्मीकांत वाजपेयी के थे, जो विवादास्पद थे, जिसमें मां-बहन को रेखांकित गाली-गलौज जैसे शब्दों का प्रयोग था।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने ऑडियो सुनाने के बाद सीधे सवाल दागे और पूछा कि आखिर ये क्या था। आपकी (लक्ष्मीकांत वाजपेयी) सोच क्या है। ये सोच लेकर आये है क्या। क्या यही भाषा है। जिस भाषा को हम दुहरा भी नहीं सकते, क्योंकि यही हमारी मजबूरी है। सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को इसकी शिकायत भेजी है कि किस प्रकार का निम्न भाषा का स्तर यहां आ गया। क्या यही सोच तानाशाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का है, क्योंकि वे भी उत्तर प्रदेश से सांसद है। क्या यही सोच बाबूलाल मरांडी का है। यही बात जेपी नड्डा को भी बताना पड़ेगा। सुप्रियो ने कहा कि दो दिन पहले भी उन्होंने ऐसी भाषा पर आपत्ति जताई थी।
सुप्रियो ने कहा कि ये यूपी से आकर हमें गाली-गलौज कर रहे हैं। इस तरह के सोच के व्यक्ति को पुलिस संज्ञान में ले। तुरन्त गिरफ्तार करे। कारागार में डाले। ये भाषा है क्या। होश उड़ गये, तानाशाह पीएम के जब कांग्रेस का न्याय पत्र आया। 400 पार कहनेवाले अभी तक घोषणा पत्र नहीं दे पाये हैं। क्योंकि घोषणा पत्र में इलेक्टरोल बॉन्ड भी होगा। दस साल का रिपोर्ट कार्ड भी होगा। देश जानना चाहता है। पर ऐसे लोग तो गाली गलौज करेंगे। वोट नहीं दिया तो हमलोग ऐसा ही करेगे। हर घर में घुसकर करेंगे। सुप्रियो ने कहा कि वाजपेयी जी जान लीजिये, ये झारखण्ड है। मैं अंगूली उठाके, दिखाके बातें कह रहा हूं, ऐसा सोच रखोगे न तो तुम्हारे साथ भी ऐसा ही बर्ताव होगा। यहां धमकी देने आये हो।
सुप्रियो ने बाबूलाल मरांडी से पूछ डाला कि ये उनके प्रभारी के कौन से वचन है। झारखण्ड में घूम रहे हैं और गाली-गलौज कर रहे हैं। 21 को महारैली न्याय व उलगुलान की घोषणा हमनें क्या किया। लगे हिन्दू-मुसलमान करने। सुप्रियो ने कहा कि ये वहीं भाजपावाले हैं, जिनके शासनकाल में बेटियों के सीने पर पुलिस का लात जाता था। समझिये कि भाजपा की क्या सोच है। हेमन्त बाबू की पत्नी जब न्याय की बात लेकर आई तो बाबूलाल के पेट में दर्द हो गया। निशिकांत माथा पकड़कर बैठ गये। मतलब कल्पना के डर की कल्पना ने इन्हें इतना डरा दिया। इन्हें मालूम होना चाहिए कि झारखण्ड झूकेगा नहीं और लक्ष्मीकांत वाजपेयी को छोड़ेगा नहीं।