JMM ने IPRD JHARKHAND के कुकर्मों को लेकर भारतीय प्रेस परिषद् का दरवाजा खटखटाया
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष को आज एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें झारखण्ड सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के कुकर्मों की चर्चा है। इस पत्र के माध्यम से झामुमो ने अपनी वेदना को प्रकट किया है, तथा राज्य में पत्रकारों को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा दिये जा रहे प्रलोभनों और उसके दुष्प्रभाव की विस्तार से चर्चा भी की है।
आश्चर्य यह है कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास ही हैं, और जितनी धज्जियां मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में इसकी उड़ाई गई, आज तक किसी के कार्यकाल में ऐसा नहीं देखा गया। सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्र में लिखा है कि झारखण्ड जनसम्पर्क निदेशालय द्वारा विभिन्न जनसंवाद माध्यम (समाचार पत्र) में अधिसूचना संख्या पीआर 216421 आइपीआरडी (19-20) के द्वारा वर्तमान सरकार की योजनाओं से संबंधित पत्रकारों हेतु आलेख प्रकाशन हेतु आवेदन आमंत्रित की गई है।
झारखण्ड सरकार के विभिन्न लाभप्रद योजनाओं से संबंधित आलेख 16 सितम्बर 2019 के अपराह्न 3 बजे तक स्वीकार करने की बात कही गई है। प्राप्त प्रस्तावों का चयन 17 सितम्बर 2019 को संबंधित कार्य हेतु गठित समिति द्वारा करने की सूचना दी गई। प्राप्त आवेदनों से कुल 30 पत्रकारों के आलेखों का चयन कर उन्हें पन्द्रह हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया।
सभी तीस पत्रकारों के आलेखों को विभिन्न समाचार पत्रों में आगामी 30 दिनों के अंदर प्रकाशित करने की बाध्यता होगी एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी इसी दायरे में अपने आलेखों का प्रसारण करने को कहा गया। चयनित एवं प्रकाशित 30 आलेखों में 25 आलेखों को संबंधित समिति द्वारा चयन कर उसे जनसम्पर्क निदेशालय की पुस्तिका में प्रकाशन करने के लिए अलग से पांच-पांच हजार रुपये विभाग द्वारा सम्मान राशि के रुप में प्रदान किये जाने की बात कही गई।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह भी लिखा है कि पुनः अधिसूचना संख्या पीआर 217438 (19-20) के द्वारा शुद्धि पत्र का प्रकाशन कर पत्रकारों द्वारा शोध एवं अन्वेषण कार्यक्रम 2019 के तहत आवेदन आमंत्रित किये गये, जहां उक्त 16 सितम्बर 2019 की तिथि को आगे बढ़ाते हुए 26 सितम्बर 2019 को अंतिम तिथि निर्धारित की गई। शेष प्रावधान अर्थात् 30 पत्रकारों के आलेखों का चयन एवं प्रकाशन उपरान्त विनिमय में पन्द्रह-पन्द्रह हजार रुपये का भुगतान तथा पुनः चयनित 25 आलेखों के चयन उपरान्त पांच-पांच हजार रुपये अतिरिक्त सम्मान राशि प्रदान करने का उल्लेख किया गया है।
झामुमो ने भारतीय प्रेस परिषद् से प्रार्थना किया है कि चूंकि झारखण्ड राज्य मे आगामी दो माहों में विधानसभा का आम चुनाव संभावित है, ऐसे परिस्थिति में राज्य सरकार की योजनाओं का व्याख्यान करना या प्रशंसास्वरुप आलेख प्रस्तुत करना कहां तक तर्क एवं न्यायसंगत है? झामुमो ने यह भी कहा कि भारतीय प्रेस परिषद् द्वारा 2009 के आम चुनाव के पूर्व पेड न्यूज से संबंधित महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किये गये थे, जिसके तहत इस तरह के समाचारों को पूर्णतः वर्जित करने के प्रावधान है एवं इस संबंधित समाचार पत्रों के प्रमुख या सम्पादकों से अपेक्षित भी है।
इसलिए झामुमो भारतीय प्रेस परिषद् से इस गंभीर विषय पर त्वरित संज्ञान लेते हुए तत्काल आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का अनुरोध करती है साथ ही सम्मानित पत्रकार साथियों को इस प्रकार के सरकारी प्रलोभनों में न आने की गुजारिश भी करती है, ताकि स्वस्थ लोकतंत्र में संविधान के चौथे स्तंभ जन संवाद माध्यम की निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता प्रमाणिकता के साथ स्थापित रहे।