झामुमो ने किया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का पोस्टमार्टम, सुप्रियो ने कहा दूसरे दलों से भाजपा में गये भूतों, उसके गलत मंसूबों और सत्ता के नशे का घमंड झामुमो जैसे पार्टी के ओझा ही उतारेंगे
झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने जमशेदपुर में भाजपा की परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये भाषण की जमकर पोस्टमार्टम कर दी। उन्होंने रांची में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज की सभा में एक बहुत ही सुंदर बाते कहीं, वो बातें थी भूत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि न जाने किस पार्टी का भूत किस पार्टी में चला जाता है। बात भी सही है।
जब प्रधानमंत्री मोदी जमशेदपुर की मंच पर पहुंचे तो उनके सामने भूत ही भूत नजर आ रहे थे। कोई झामुमो से आया भूत था तो कोई कांग्रेस से आया भूत। भाजपा को मिले 240 सांसदों में तो 115 सांसद भूत ही हैं, जिसमें 95 भूत कांग्रेसी हैं। मणिपुर में जिसने आग लगाया, असम का सीएम भी भूत है। जो डेढ़ साल से मणिपुर जल रहा है, उसका सीएम भी भूत है।
केवल एक ही भूत नहीं था, जो मंच के सामने कुर्सी पर बैठा था, जिनका नाम था शिव राज सिंह चौहान, जो मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे और वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री है। जमशेदपुर के स्थानीय सांसद भी भूत ही है। जो मंच का संचालन कर रही थी, वो भी भूत थी। ऐसा लगा कि जैसे जमशेदपुर में भूतों का जमावड़ा लगा हो।
सुप्रियो ने कहा कि प्रधानमंत्री को समझ में आ गया है। उनकी कल की कुरुक्षेत्र की रैली, प्रधानमंत्री के संसदीय जीवन में इतनी विशाल रैली कभी नहीं हुई होगी। जिसमें पांच हजार से ज्यादा लोग नहीं जुटे। तीन हजार के लोगों की सुरक्षा में 2500 सिर्फ पुलिसकर्मी थे। कल से उनका नींद उड़ा हुआ है। अब तो उनको हर जगह हार का भूत सता रहा है। महाराष्ट्र में हार का भूत, और अब झारखण्ड में हार का भूत सामने दिखाई दे रहा है। आश्चर्य है, जिस झारखण्ड ने उन्हें 2019 में 12 सांसद दिये। 2014 के चुनाव में भी नौ सांसद कम नहीं होते, फिर भी डरे हुए हैं।
सुप्रियो ने कहा कि प्रधानमंत्री मंच से कहते है कि आपसे हमें मिलने से कोई रोक नहीं सकता। लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंता जब पीएम मोदी को फोन करते हैं कि सर आइये, ऐसा भीड़ हमने कभी नहीं देखा। पीएम तब भींगते-भांगते रांची से चलने को तैयार होते हैं। वो भी तो भूत का ही असर था। ट्रेन के उद्घाटन को भी सौगात के रूप में पेश किया जा रहा है। ये कह रहे है कि ये ट्रेन मध्यम वर्ग के लोगों का है। ऐसा कौन सा व्यक्ति होगा जो हावड़ा जाने के लिए ढाई हजार से तीन हजार रुपये खर्च करेगा।
सुप्रियो ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि झारखण्ड से हजारों रुपये मिले। लेकिन गुजरात में उनके मित्र 16 लाख करोड़ लेकर विदेश चल दिये, उस पर वे कुछ नहीं बोलते। इधर सेबी चीफ पर जो खुलासे हुए हैं। उस पर वे नहीं बोलते। झामुमो से इतना डर। डरना भी चाहिए, क्योंकि सत्ता के नशे का घमंड झामुमो जैसे पार्टी के ओझा ही उतारेंगे, तैयार रहियेगा। आप रांची में थे तो पीएम थे। लेकिन जमशेदपुर पहुंचते ही आपने चुनावी शंखनाद कर दिया।
सुप्रियो ने कहा कि हम भाजपा के मंसूबों का भूत उतारेंगे। पीएम मंच से बोलते हैं कि यहां बांगलादेशी घुसपैठ हुआ। गलतबयानी करते हुए कोर्ट को उद्धृत करते है कि हाइकोर्ट ने एक इंडिपेंडेट इन्क्वायरी सेटअप किया है। क्या ये हाईकोर्ट को डिक्टेशन है। क्या ये गंभीर बात नहीं। जो बात हाई कोर्ट ने कही नहीं, उस बात को भी कहा जा रहा है तो फिर घुसपैठ की जांच कौन करेगा।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने दो एजेंसियों को कहा था कि आप रिपोर्ट दीजिये। एक एजेंसी ने कहा कि हम शपथ पत्र नहीं दे सकते, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक होगा। तब जाकर भारत सरकार ने शपथ पत्र दायर किया। आप स्वयं शेख हसीना को भारत में घुसपैठ करवा चुके हैं और अडानी को बांगलादेश में घुसवा दिया है। आप देश के प्रधानमंत्री है। हाईकोर्ट को लेकर की गई टिप्पणी अत्यंत खतरनाक है। अगर फिर से ऐसी बातें होगी तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव की दिशा क्या होगी?