झामुमो कोई शिवालय का घंटा नहीं, जिसे जो पाये बजाकर चला जाये, झारखण्ड के संचालन में सुझावों का स्वागत पर निर्देशन मजूंर नहीं
लगता है कुछ लोगों ने झामुमो को शिवालय का घंटा समझ लिया है, जिसे देखो बजाकर चला जाता है। हम ऐसे लोगों को बता देना चाहते है कि झामुमो संघर्ष की पार्टी है। झारखण्ड को संचालन के लिए उनका सुझाव हमें जरुर चाहिए, पर उनका निर्देशन मंजूर नहीं। ये बातें झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व केन्द्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक सवाल के जवाब में कहीं, उनका ये बयान सरयू राय के उस बयान पर केन्द्रित था।
जिसमें उन्होंने अपने एक ट्विट में लिखा था कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को तीन साल के लिए डिबार कर दिया जायेगा व हेमन्त सोरेन को न्यायालय का रुख करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि हेमन्त सोरेन का क्या विकल्प है, सुप्रियो ने ताल ठोक कर कह दिया कि हेमन्त के विकल्प, खुद हेमन्त ही है। पूरे 2024 तक हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में ही यह सरकार चलेगी, क्योंकि साढ़े तीन करोड़ जनता का आशीर्वाद हेमन्त सोरेन को प्राप्त हैं।
सुप्रियो ने साफ-साफ कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि जब चुनाव आयोग का निर्णय सीलबंद लिफाफे में बंद है। स्वयं झारखण्ड के राज्यपाल रांची एयरपोर्ट पर ये कह चुके हैं कि उन्हें इस संबंध में कुछ भी मालूम नहीं, जब वे राजभवन जायेंगे तो देखेंगे कि क्या मामला है, ऐसे में भाजपा के नेताओं को उस बात की सारी जानकारी कैसे मिल गई और देश की प्रमुख चैनलों के साथ-साथ, सोशल साइटों पर इस बात की बाढ़ कैसे आ गई? कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई, कई ने और भी बढ़-चढ़कर लिख डाला।
सुप्रियो ने कहा कि क्या लोगों को नहीं पता, भाजपाइयों को नहीं पता कि देश में संविधान ही प्रमुख है। संविधान ने कई संवैधानिक संस्थाओं को अधिकार भी दिये हैं, जिसमें चुनाव आयोग भी शामिल है। इन संस्थाओं की अपनी स्वायत्तता है, अपने नियम कानून है, और ये सारी संस्थाएं न्यायिक शक्तियां भी रखती है, वो संस्था जो निर्णय लेती है, उन निर्णयों का अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता। आप अपनी दलील दे सकते हैं, न्यायिक सेवा से जुड़े लोग विश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन निर्णय पढ़ने-सुनाने का जिम्मा केवल सक्षम पदाधिकारी का होता है।
सुप्रियो ने कहा कि दरअसल ये सारी पटकथा भाजपा ने लिखी। आश्चर्य है कि भाजपा के नेताओं ने वो बातें की, जो बातें राज्यपाल को नहीं मालूम। ये अजीब विडम्बना है, हम चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि उनके स्वाभिमान व स्वायत्तता से खिलवाड़ करने का काम जो भाजपा ने किया, उस पर वो स्वतः संज्ञान लेते हुए, उस संसद सदस्य के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराएं, क्योंकि ये मामला बर्दाश्त के बाहर है, झामुमो इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।