अपनी बात

JMM MLA मथुरा महतो ने की घोषणा एक मार्च को करेंगे झारखण्ड आंदोलनकारी विधानसभा का घेराव

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता एवं टुंडी विधायक सह झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक मथुरा महतो ने आज विद्रोही24 से बातचीत में कहा कि उनका संघर्ष मोर्चा आगामी एक मार्च को झारखण्ड विधानसभा का घेराव करेगा। उन्होंने कहा कि बीस वर्ष हो गये, झारखण्ड बने, पर दुर्भाग्य देखिये अभी तक हमलोगों ने अपने दिवंगत झारखण्ड आंदोलनकारियों व उनके परिवारों को वो सम्मान नहीं दिला सकें, जिसके वे हकदार है।

यही नहीं आज भी कई झारखण्ड आंदोलनकारी भटक रहे हैं, उनके परिवार के लोग जैसे-तैसे जीवन बिता रहे हैं, पर कोई देखनेवाला नहीं, भला इसके लिए तो झारखण्ड के आंदोलनकारियों ने तो झारखण्ड अलग राज्य के आंदोलन में भाग नहीं लिया था। इसलिए उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने का फैसला ले लिया और इस बात की जानकारी हमारी झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को भी पत्र द्वारा दे दिया है।

मथुरा महतो कहते है कि झारखंड आंदोलनकारियों के त्याग, बलिदान एवं लंबे संघर्ष के परिणाम स्वरूप झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ। झारखंड आंदोलनकारियों ने अपने संघर्ष काल में अनेक तरह की उपेक्षाएं एवं तमाम यातनाएं झेली हैं, पलायन हुए हैं, हाशिए का जीवन जीते रहे हैं, घर- व्यापार सभी बर्बाद हुए हैं।

अतः भारत के मानचित्र में झारखंड अलग राज्य को स्थापित एवं स्वर्णिम इतिहास गढ़ने वाले  झारखंड आंदोलनकारियों के मांगों का समाधान बहुत जरुरी है, क्योंकि ये मामला सम्मान से जुड़ा है। जिन मांगों के प्रति उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का इशारा किया है, वो इस प्रकार है।

1- मांरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, एन ई होरो, बिनोद बिहारी महतो, निर्मल महतो, देवेंद्र माझी, सीपी तिर्की, डॉ रामदयाल मुंडा, डॉ बीपी केसरी, लाल रण विजय नाथ शाहदेव, रीतलाल प्रसाद वर्मा, एके राय, सोबरन अंसारी, बसीर अहमद सहित हमारे सभी अमर पुरोधा झारखंड आंदोलनकारियों को  झारखंड आंदोलनकारी रत्न देकर अविलंब राजकीय पहचान व सम्मान प्रदान किया जाए। राज्य के दिशुम गुरु शिबू सोरेन से लेकर झारखंड आंदोलनकारियों के मसीहा व मार्गदर्शक श्री मथुरा प्रसाद महतो तक 1-1 झारखंड आंदोलनकारियों, साहित्यकारों, कलाकारों एवं पत्रकारों को भी चिन्हित कर राजकीय सम्मान एवं पहचान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सभी आंदोलनकारियों का नाम गजट में प्रकाशित किया जाए।

  1. झारखंड सरकार,गृह विभाग,संकल्प संख्या -6, विविध -1013/2008-2108 को पारित में संशोधन करते हुए उसका पालन हो व झारखंड आंदोलनकारियों को चिकित्सा सुविधा, आश्रितों को पेंशन, नियोजन एवं बच्चों को नियोजन आदि का लाभ सुनिश्चित किया जाए।
  2. झारखंड आंदोलनकारी चिह्नतिकरण आयोग का पुनर्गठन अविलंब किया जाए। आयोग में अध्यक्ष सहित कम से कम 11 सदस्य हों एवं आयोग का कार्यकाल कम से कम 3 वर्ष के लिए हो। आयोग में लंबित आवेदनों को चिन्हित करने के कार्य समयबद्ध हो। छूटे हुए आंदोलनकारियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर सभी आवेदन आमंत्रित किया जाए।

उत्तराखंड शासन, गृह अनुभाग – 4 , उत्तराखंड के राज्य आंदोलनकारियों को की जाने वाली पेंशन को नियमित करने संबंधी विनियमित करने संबंधी नियमावली 2009, दिनांक 05/Nov/2009 का अनुसरण झारखंड आंदोलनकारियों के हितार्थ किया जाए।

  1. झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाए एवं राज्य स्तरीय समारोह आयोजन कर विशिष्ट पहचान पत्र देकर आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जाए।
  2. भारत सरकार के गृह एवं कारा, आपदा प्रबंध अधिनियम 1952 के तहत जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी झारखंड आंदोलनकारियों को ₹50,000 सम्मान पेंशन दिए जाएं।
  3. झारखंड आंदोलनकारियों के लिए आंदोलनकारी कॉरिडोर का निर्माण हो, राजधानी सहित सभी चौक-चौराहों, मार्गों व सरकारी संस्थानों का नामकरण किया जाए।
  4. झारखंड आंदोलनकारियों के पुत्र/पुत्रियों को प्राथमिक स्तर से उच्चतर स्तर तक की शिक्षा की विशेष व्यवस्था की जाए।
  5. झारखंड आंदोलनकारियों को झारखंड राज्य आवास बोर्ड की कॉलोनियों में मकान आवंटित करने की नीति तय की जाए एवं आवास हेतु न्यूनतम 20 डिसमिल जमीन एवं कृषि कार्य हेतु न्यूनतम 5 एकड़ जमीन की बंदोबस्ती की जाए। झारखंड आंदोलनकारियों के वाणिज्य व्यापार के लिए ब्याज रहित ऋण ₹50,00,000 तक मुहैया कराए जाएं। साथ ही विशेष योजना बनाकर शहरी/ग्रामीण व अधिसूचित क्षेत्रों में झारखंड आंदोलनकारियों एवं उनके उत्तराधिकारी को स्वरोजगार का लाभ प्रदान किया जाए ।
  6. झारखंड आंदोलनकारियों के लिए राज्य व जिलों के परिसदनों में नि:शुल्क ठहरने की व्यवस्था हो।

राज्य के अंदर कहीं भी भ्रमण के लिए नि:शुल्क यात्रा व  रेलवे कूपन की नीति सरकार तय करे। आंदोलनकारियों के परिवार सहित सभी चिकित्सालय में विशिष्ट श्रेणी की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।

  1. राज्य/कमिश्नरी/जिला/अनुमंडल/प्रखंड स्तरीय राज्य सरकार की सभी समितियों, निगम, बोर्ड प्राधिकारों में झारखंड आंदोलनकारियों की सहभागिता का 50 फीसदी तय किया जाए एवं राज्य सरकार की 20 सूत्री/15 सूत्री/ निगरानी समितियों के सभी अवसरों पर आंदोलनकारियों को 50 फीसदी स्थान दिया जाए।
  2. खनन पट्टा स्वीकृति हेतु सभी प्रकार के खनिजों की लीज आर्डर में झारखंड आंदोलनकारियों को प्राथमिकता दी जाए एवं राज्य सरकार द्वारा निर्गत किए जाने वाले सभी प्रकार के व्यापारिक लाइसेंसों में आंदोलनकारियों का कोटा 25 फीसदी तय किया जाए एवं कार्य आदेश भी सुनिश्चित की जाए।

12. झारखंड आंदोलनकारियों व परिजनों की समस्याओं के समाधान करने के लिए स्थाई रूप से एक सेल का गठन होना चाहिए।

13. खेवट -2 ,जमीन के राजमार्ग का नामकरण झारखंड आंदोलनकारी एन ई होरो के नाम पर किया जाए।

14. रांची – टाटा राजमार्ग का नामकरण झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल पथ किया जाए।