JMM MLA सीमा देवी ने CM रघुवर के भ्रष्टाचार मुक्त झारखण्ड के दावे का सदन में ही खोला पोल
सवाल तो साफ है, जब रघुवर सरकार सदन में स्वीकार कर रही है कि बन्दोबस्ती मामले में, अनियमितता के आरोप में तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार लोकायुक्त द्वारा दोषी पाये गये हैं, और लोकायुक्त कार्यालय के उप-सचिव के पत्रांक संख्या 5762, दिनांक 9.10.18 के संदर्भ में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के द्वारा कार्रवाई किया जाना है, तो आखिर ये कार्रवाई अब तक हुई क्यों नहीं?
इसका मतलब है कि राज्य सरकार भ्रष्ट अधिकारियों पर कृपा लूटा रही हैं, क्योंकि लोकायुक्त के कार्यालय से पत्र निर्गत हुए तो तीन महीने से भी अधिक हो गये, क्या भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए भी वर्ष का इंतजार करना पड़ता है। सरकार को तो इस पर अपना रुख स्पष्ट करना ही चाहिए, क्योंकि जनाब रघुवर दास बराबर एक मंत्र जपा करते हैं कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं होगा और वे भ्रष्टाचार मुक्त झारखण्ड बना रहे हैं, जबकि आलोक कुमार प्रकरण, सीएम रघुवर के उक्त दावे की पोल खोल कर रख दे रहा है।
ज्ञातव्य है कि रांची जिलान्तर्गत सोनाहातु प्रखण्ड के डोमनडीह निवासी रमेश चंद्र महतो की पत्नी दुरो देवी उर्फ द्रोपदी देवी को वर्ष 2005-06 में भूमिहीन दिखाकर दो एकड़ जमीन बंदोबस्ती तत्कालीन अंचलाधिकारी द्वारा कर दी गई थी, जिसमें उक्त बंदोबस्ती में अनियमितता के आरोप में तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार को लोकायुक्त द्वारा दोषी माना गया था, जिसे सरकार भी स्वीकार कर चुकी है। आज इस मामले को झामुमो की सिल्ली विधायक सीमा देवी ने विधानसभा में उठाया था।
इधर इस प्रकरण पर सीमा देवी का कहना है कि भाजपा और आजसू दोनों भ्रष्टाचार के दोषी अधिकारी आलोक कुमार पर कार्रवाई न कर, उसे सरकारी संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार इसकी गंभीरता को समझें तथा इस भ्रष्ट लोकसेवक पर अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित करे।