झामुमो ने दी केन्द्र को चेतावनी, मजबूर मत करिये नहीं तो राजमहल से राजहरा तक एक भी खदान नहीं चलने देंगे, न एक ढेला कोयला बाहर जाने देंगे, कोयला कंपनियां हमारा पैसा चुकाएं, नहीं तो फावड़ा चलाना बंद करें
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में केन्द्र सरकार द्वारा यह कहे जाने पर कि राज्य सरकार का एक भी पैसा केन्द्र पर बकाया नहीं है, ताल ठोककर कहा कि इस मुद्दे पर अगर लड़ना ही है, तो राज्य सरकार लड़ने को तैयार है। ये झूकनेवाली सरकार नहीं, अपना हक लेनेवाली सरकार है।
इसलिये जो भाजपा के लोग गलतफहमी फैला रहे हैं। उस पर अब अंतिम कील ठुकने ही वाला है। कोयला कंपनी के अधिकारी समझ लें, आप अपने घर से पैसे नहीं दे रहे। प्राइवेट प्लेयर्स भी जान लें कि कोयला का खान उन्हें ऑक्शन पर मिला है। पहले राज्य सरकार को पैसा चुकाएं, तब फावड़ा चलाएं, नहीं तो सारा फावड़ा बंद करा देंगे।
सुप्रियो ने कहा कि कोविड के बाद जब 2022 में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के विकास को लेकर एक बैठक की थी। तब बैठकोपरांत उन्होंने तत्कालीन कोयला मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा था। उस पत्र में इस बात का जिक्र था कि जो कोयले के उत्खनन के दौरान जो विस्थापन, पर्यावरण का नुकसान हुआ हैं, जो राज्य सरकार को रॉयल्टी मिलनी है, जो करीब एक लाख छत्तीस हजार 42 करोड़ रुपये बनता है। वो राज्य सरकार को दे दिया जाये।
जब तत्कालीन कोयला मंत्री पीयूष गोयल झारखण्ड के दौरे पर आये थे। तब उन्होंने प्रोजेक्ट बिल्डिंग में सीएम हेमन्त सोरेन से मिलने के बाद सार्वजनिक तौर पर बयान दिया था कि झारखण्ड का जो बकाया है। वो जल्द से जल्द पूरा कर देंगे। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उसके बाद इसी प्रकार का पत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी दिया था। लेकिन संसद के चालू सत्र में राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा पूछे गये एक सवाल पर जिस प्रकार से केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बयान दिया, वो चालाकी भरा था।
सुप्रियो ने कहा कि पंकज चौधरी ने संसद में एक बार भी कोयले से जुड़ी मुद्दे पर बात नहीं की। इन्होंने कहा क्या तो 21-22, 22-23, 23-24 के राज्य सरकार के जीएसटी, सेन्ट्रल स्पान्सर्ड स्कीम, फिनांस कमीशन द्वारा दिये गये पैसों की बात कर दी और कह दिया कि कोई पैसा बकाया नहीं हैं।
सुप्रियो ने कहा कि केन्द्र और उनके मंत्री नाटक करना बंद करें। कोयला हमारा, जमीन हमारा और उनकी ये दलील अब नहीं चलेगी। आज तो राज्य सरकार ने आदेश भी निकाल दिया। भू-राजस्व विभाग द्वारा कहा गया है कि कोल इंडिया 15 दिनों के अंदर जवाब दें, बैक स्थिति को स्पष्ट करें, यह भी कह दिया गया कि अब हमलोग छोड़नेवाले नहीं। हमें मजबूर मत करिये, राजमहल से राजहरा तक एक भी कोयला का खदान नहीं चलेगा। एक ढेला कोयला बाहर ले जाने नहीं देंगे।
सुप्रियो ने कहा कि कहां हैं भाजपा के लोकसभा सदस्य, राज्यसभा सदस्य और उनके मंत्री, सब गूंगे-बहरे हो गये क्या? पूरा का पूरा विस्थापन हम झेंले। पर्यावरण का नाश किया सो अलग, जंगल काटेंगें, एलर्जिक डिजीज से हम लड़ेंगे और ये चालाकी कर रहे हैं। हमने साफ कह दिया है कि किस मद में किसका पैसा बाकी है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने जो पत्र लिखा है, उसमें सारा डिटेल्स दे दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के नौ सदस्यीय फुल बेंच का आदेश तक हमारे पक्ष में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि रॉयल्टी टैक्स नहीं होता। अब तो हम यह भी जोड़ेंगे कि हमारे भूखंड से जो रेल से ढुलाई होती हो, उस पर भी रॉयल्टी लेंगे।