हेमन्त सोरेन के चुनाव प्रचार पर आई बाधा को लेकर झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा त्राहिमाम आवेदन
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र संप्रेषित किया है। जिसकी प्रतिलिपि मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, झारखण्ड, रांची को भी संप्रेषित की गई है। पत्र में सुप्रियो ने लिखा है कि “आप हमारे प्यारे देश की प्रथम नागरिक है।
भारत देश के संविधान में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था को आत्मसात करते हुए आपको समस्त नागरिकों का अभिभावक एवं संरक्षक पद पर सुशोभित किया गया है। हम भारत गणराज्य के लोग संघीय-संसदीय शासन व्यवस्था के लिए प्रत्यक्ष रूप से लोकसभा तथा विधानसभा का निर्वाचन कर अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से सरकार गठन करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
माननीय को ज्ञात है कि हमारे राज्य झारखण्ड में छठे विधानसभा के गठन के लिए निर्वाचन प्रक्रिया वर्तमान में चलायमान है। हमारे राज्य में 81 विधानसभा सदस्यीय साधारण निर्वाचन दो चरणों में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 13 व 20 नवम्बर को संपन्न करवाया जायेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हम सभी राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय राजनैतिक दलों को लिखित एवं मौखिक रूप से यह आश्वस्त किया गया था कि प्रतिद्वंदी राजनैतिक दलों के नेताओं, प्रचारकों तथा अधिकृत प्रत्याशियों को एक समान अवसर देकर निष्पक्ष एवं भयमुक्त चुनाव प्रचार के साथ-साथ मतदान सुनिश्चित किया जायेगा।
महोदया हमारे प्रिय पार्टी झामुमो के स्टार प्रचारक एवं वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरन का पश्चिम सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड में अपराह्न एक बजकर 15 मिनट पर निर्वाचनी सभा आयोजित थी, जो सभा के पश्चात एक बजकर 45 मिनट पर खत्म होकर दुसरी सभा सिमडेगा के बाजारटांड मैदान में दो बजकर 25 मिनट पर होना सुनिश्चित एवं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमति प्राप्त था।
आज ही भाजपा के स्टार प्रचारक तथा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चाईबासा कॉलेज मैदान में दो बजकर 40 मिनट पर निर्वाचनी जनसभा था। चाईबासा से गुदड़ी की दूरी लगभग 80 किलोमीटर है तथा गुदड़ी से सिमडेगा की दूरी लगभग 90 किलोमीटर है। प्रचार में प्रयुक्त होनेवाले हमारे प्रचारक हेमन्त सोरेन के प्रचार हेलीकॉप्टर को प्रधानमंत्री के सुरक्षा का हवाला देते हुए लगभग 150 किलोमीटर की दूरी में डेढ़ घंटे से भी ज्यादा समय तक उड़ान भरने से रोका गया। निर्वाचन आयोग द्वारा यह बताया गया था कि प्रधानमंत्री के सुरक्षा दृष्टिकोण से 50 किलोमीटर के व्यास से उड़ानवर्जित क्षेत्र जो 15 मिनट का होगा को लागू किया जायेगा।
महोदया, आप भारत की प्रथम नागरिक के साथ-साथ सर्वोच्च संवैधानिक सत्ता की प्रधान है। भारत निर्वाचन आयोग भी संविधान के तहत एक स्वायत्त तथा निष्पक्ष संस्थान है। हम अपने निर्वाचन आयोग का पूर्ण सम्मान करते हुए उनके सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हैं। हमारे मुख्यमंत्री एक जनजातीय आदिवासी समुदाय से आते हैं। आप भी जनजातीय आदिवासी समुदाय से हैं और अपने कठोर संघर्ष से इस उच्चतम पद पर आसीन है। हम आपसे इस त्राहिमाम आवेदन के द्वारा यह अपेक्षा करते हैं कि आप यह जरूर सुनिश्चित करेंगी कि संघर्षरत जनजातीय जन-प्रतिनिधियों की हर प्रकार का संवैधानिक सुरक्षा एवं सम्मान को अक्षुण्ण बनाएं रखा जाये तथा राजनैतिक दल के सभी स्टार प्रचारकों को मिलनेवाले विशेष अवसर तथा प्रावधानों को समान बनाए रखा जाय।”