झामुमो की तीखी प्रतिक्रिया भाजपावाले मजदूरों को मजदूर नहीं समझते, जिन्दा लाश समझते हैं, इन्हें वर्ल्ड कप देखने की फुर्सत, पर उत्तरकाशी जाने का समय नहीं
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र में शासन भाजपा का, जिस उत्तरकाशी में घटना घटी जहां एक सुरंग में 41 मजदूर फंसे हैं, वहां शासन भाजपा का, जो योजना चलवा रहे हैं वो योजना भी उनकी और वहां आपातकालीन निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं, इसका मतलब क्या है कि, इसका मतलब है कि ये भाजपावाले मजदूरों को मजदूर समझते ही नहीं। ये समझते है कि ये जिन्दा लाश है, अंदर ठेल दो।
सुप्रियो ने कहा कि अब जब घटना घट चुकी है, तो ये अब इस पर राजनीति शुरु कर चुके हैं, बाबूलाल मरांडी तेलंगाना चले गये और वहां से बयानबाजी कर रहे हैं, अरे जाना है तो उत्तरकाशी जाओ, लेकिन वहां ये नहीं जायेंगे। सुप्रियो ने कहा कि क्या बाबूलाल मरांडी और भाजपाइयों को पता नहीं कि राज्य के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर कितने संवेदनशील है।
क्या ये सही नहीं है कि कोरोना काल में जिन भाजपाइयों ने मजदूरों को सड़कों पर पैदल चलने पर मजबूर कर दिया था, उन्हीं मजदूरों को राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रेलमार्ग और वायुयान से झारखण्ड लाया। पर ये भाजपा नेता करते क्या है, ये जानबूझकर मजदूरों के घर जाकर इस तरह की निगेटिव बातचीत करेंगे, जिससे उनका दर्द और बढ़े।
उन्होंने कहा कि अगर बाबूलाल मरांडी को कोई काम-धाम नहीं हैं तो वे हमसे कहें, हमलोग उनका एकांतवास का प्रबंध कर देंगे। लेकिन राज्य के बारे में गलत बात नहीं करें। उन्होंने कहा कि देश में बार-बार घट रही घटनाएं बताती है कि इसके लिए किसी न किसी को जिम्मेदारी तो तय करनी ही पड़ेगी।सुप्रियो ने कहा कि केन्द्र सरकार के नेताओं को वन-डे इंटरनेशनल क्रिकेट देखने का समय है, पर ये उत्तरकाशी नहीं जायेंगे। ये मणिपुर नहीं जायेंगे। बाबूलाल मरांडी तेलंगाना जायेंगे, पर उत्तराखण्ड नहीं जायेंगे।
सुप्रियो ने कहा कि बाबूलाल मरांडी उत्तराखण्ड जायें, वे अपनी ओर से व्यवस्था कर देंगे, पर वे ऐसा नहीं करेंगे, केवल ट्विट करेंगे। ये तो किसान हो या मजदूर या सेना के जवान सभी पर राजनीति करेंगे। उन्होंने कहा कि वे सभी से अपील करेंगे कि जो भी दक्ष लोग हैं, एक्सपर्ट लोग हैं, वे उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों के बचाव में आगे आये। सुरंग में फंसे मजदूरों और उनके परिवारों की चिन्ता राज्य सरकार को हैं और जैसे ही वे मजदूर बाहर निकलेंगे, उनकी बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए हेमन्त सरकार प्रतिबद्ध है।
सुप्रियो ने कहा कि यह दिवाली के दिन यानी 12 नवम्बर की घटना है। आज नौ दिन बीत चुके। उत्तरकाशी में बन रहे टनल में फंसे 41 मजदूरों को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। इन 41 मजदूरों में 15 मजदूर झारखण्ड के हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी इस प्रकार की घटना घट रही हैं, वो भाजपा के शासनकाल में होती रही है। उन्होंने कहा कि इसी उत्तरकाशी में एक और घटना घटी थी, जिसमें 100 से ज्यादा मजदूर फंस गये थे, जब टनल में पानी घुस गया था।
इसी प्रकार मिजोरम में भी घटना घटी थी, सिक्किम में तो डैम ही बह गया, यहां 24 सेना के जवान आज तक लापता है, पता नहीं चल सका। आश्चर्य इस बात की है कि केन्द्र सरकार योजनाएं तो चला रही हैं, पर घटना घटने के पूर्व ऐसी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार रखना कि आपातकालीन अवस्था में मजदूरों को बचाया जा सकें, उस पर ये कार्य नहीं करती। राज्य सरकार ने एक तीन सदस्यीय दल उत्तराखण्ड भेजा है। जो स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, सरकार से वे संपर्क में हैं, जैसे ही सुरंग में फंसे मजदूर बाहर आयेंगे, उन्हें विशेष बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने को सरकार तैयार बैठी है। लेकिन भाजपा इस समय जो कार्य कर रही है, उसे कभी ठीक नहीं कहा जा सकता, इस पूरे मामले पर बाबूलाल मरांडी की गतिविधि बेहद ही शर्मनाक है।