झामुमो का बयान भाजपा ने राज्य में शुरु किया नया ट्रेंड, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को थमाया टास्क, मोदी के प्रचार का एडिशनल चार्ज मिला राजभवन को
झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर कहा कि झारखण्ड में एक नया कमाल शुरु होने जा रहा है। कल भाजपा राजभवन गई थी। राज्यपाल को टास्क देने गई थी। आप संथाल परगना का दौरा करके आ गये। अब कोल्हान का स्वरुप क्या होगा, ये बताने का काम करे। कोल्हान के बाद, पलामू प्रमंडल का होगा, तत्पश्चात कोयलांचल का होगा।
अंत में दक्षिण छोटानागपुर का होगा, यह एक नया ट्रेंड शुरु हुआ है। भाजपा की ओर से एक तो केन्द्रीय मंत्री हर हफ्ते आ रहे हैं। वे नौ-नौ साल का रट लगा रहे हैं। मोदीजी-मोदीजी कर ही रहे हैं, अब इसका एडिशनल चार्ज राज्यपाल ने लिया है। उनके कार्यक्रम में दो ही तस्वीर छप रही है। एक मोदीजी और दूसरा राज्यपाल का।
आश्चर्य है कि राज्यपाल को तो मोदीजी के द्वारा किये जा रहे काम तो खूब याद आ रहे हैं, उसका नाम भी ले रहे हैं, पर राज्य सरकार द्वारा किये गये जनोपयोगी काम उनको याद नहीं आ रहा। राज्यपाल संथाल गये फूलो झानो आशीर्वाद योजना भूल गये। ये तो आपकी सरकार की योजना थी। आप पलाश प्लान्ट पर नहीं बोले, कमल ब्रांड तो है नहीं संथाल में, सावित्री बाई फूले छात्रवृति योजना की बात नहीं किये, कोल्हान जाकर पोटो खो के बारे में नहीं बताये।
राज्यपाल जनप्रतिनिधि का काम जनप्रतिनिधि को करने दें और अपनी भाषा पर ध्यान दें
सुप्रियो ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के बारे में ये नहीं बतायेंगे, सर्वजन पेंशन योजना की बात नहीं करेंगे, पुरानी पेशंन पर बात नहीं करेंगे, आदर्श विद्यालय की बात नहीं करेंगे। आप शौचालय की बात करते हैं, उज्जवला की बात करते हैं, तो अब राज्यपाल ही बतायें कि केन्द्र का मंत्री जब यहां आयेगा तो वो क्या प्रचार करेगा? राज्यपाल जनप्रतिनिधि का काम, जनप्रतिनिधि को करने दें और भाषा पर भी ध्यान दें, क्योंकि उनकी भाषा सही नहीं हैं, वे कह रहे है कि दादागिरी नहीं होगा, सुधर जाइये।
सुप्रियो ने कहा कि लगता है कि भाजपावाले अपना हरमूवाला कार्यालय छोड़कर कचहरी तरफ ही रहेंगे। उन्हें नहीं पता कि 2024 में भी हम (झामुमो) ही आयेंगे। हम चाहेंगे कि उस वक्त भी यही राज्यपाल रहें और यही हेमन्त सोरेन को फिर से मुख्यमंत्री की शपथ दिलाये। आजकल राज्यपाल बड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिससे उनका मार्गदर्शन भी मिलेगा, क्योंकि राज्य का दौरा करने के बाद जो उन्हें फीड बैक मिल रहा है। उससे वे परमार्श भी देगे।
सुप्रियो ने कहा कि झामुमो राज्यपाल को राज्य का अभिभावक मानती है और जिस प्रकार राज्य की सरकार जनता तक पहुंची और उनकी समस्याओं का समाधान किया, उसका भी फीड बैक उन्हें जरुर ही मिला होगा। राज्यपाल के पास जो फीड बैक हैं, वे उन फीड बैक को लेकर राज्य सरकार को परामर्श देंगे तो ये राज्यहित में भी होगा, अगर भाजपा के अनर्गल प्रलाप को वे इन्टरटेन करेंगे तो वे अपना समय भी जाया करेंगे और राज्य को भी इससे क्षति होगी।
दीपक प्रकाश विधानसभाध्यक्ष को फोर्थ ग्रेड स्टाफ समझने की भूल न करें
उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सांसद दीपक प्रकाश का कहना है कि स्पीकर को बर्खास्त कर दीजिये। जैसे लग रहा है कि विधानसभाध्यक्ष फोर्थ ग्रेड के स्टाफ है कि कल से काम पर न आने का उसे आदेश दे दिया गया हो। ऐसा संभव है क्या? क्यों इस तरह की बात होती है? राजभवन का कार्य, राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के कारण, राज्य सरकार को परामर्श देना होता है।
राज्य सरकार के परामर्श लेकर उनको अपनी बात रखनी होती है। मंत्रिमंडल का जो परामर्श होगा, राज्यपाल उसी बातों को कहेंगे। अभी 2024-25 का वित्तीय वर्ष होगा, उस बजट के पूर्व राज्यपाल का जो अभिभाषण होगा, उसमें वे मंत्रिमंडल के परामर्श से अगले वितीय स्थिति का चित्रण करेंगे, पर यहां तो नया ट्रेंड शुरु कर दिया गया।
सीपी राधाकृष्णन प. बंगाल का स्थापना दिवस मना लिये और प. बंगाल की मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी ही नहीं
सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने 20 जून को देखा कि राजभवन में प. बंगाल स्थापना दिवस मनाया गया। प. बंगाल के सीएम ने कहा कि हम उस राज्य के मुख्यमंत्री हैं, हमें ही नहीं मालूम और वे स्थापना दिवस मना लिये। वे गुजरात-महाराष्ट्र का भी स्थापना दिवस मना लिये। ये कौन सा तरीका हो गया कि आप उन राज्यों का स्थापना दिवस भी मना लेते हैं और वहां के मनीषियों का फोटो भी नहीं लगाते। क्या बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र में कोई मनीषी पैदा ही नहीं लिया।
सुप्रियो ने कहा कि अरे इतना मंदिर-मंदिर करते है, कम से कम सोमनाथ या द्वारका के ही मंदिर का फोटो दे देते, ये क्या केवल मोदी और राज्यपाल का फोटो, ओंकारेश्वर या त्रयम्बकेश्वर का दे देते, यदि मनीषियों को भूल जाना है तो। उन्होंने कहा कि ये सभी चीजें सही स्थिति को नहीं दिखा रही। सकारात्मक कार्य व रोजगार देने का काम लोगों के भविष्य का सृजन का काम राज्य में शुरु हुआ तो इसमें भाजपा वाले घालमेल करने शुरु कर दिये, हम इस नैरेटिव को खूब समझ रहे हैं। इससे लड़ना भी जानते हैं। इसलिए इस तरह की राजनीति बंद होनी चाहिए, हम इसकी तीव्र समालोचना और भर्त्सना करते हैं।
हेमन्त की प्राथमिकता नौजवानों को सरकारी नौकरी देने की
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की प्राथमिकता है राज्य के नौजवानों को सरकारी नौकरी देने का। आज भी आईटीआई में पांच सौ नौजवानों का यह सपना साकार हुआ। 2550 सरकारी विभिन्न पदों पर कुछ दिन पहले ही हेमन्त सरकार ने नियुक्तियां की। बहुत जल्द ही और नियुक्तियां देखने को भी मिलेगी। श्रावणी मेला का सफल आयोजन देखने को मिलेगा। ये उपलब्धियां अथवा राज्य सरकार की जो सकारात्मक जनोपयोगी पहल है, उस पहल से भाजपावाले बौखला गये हैं।
उन्होंने कहा कि ये अपनी विफलताएं व अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए अब वे सारे संवैधानिक मर्यादाओं को ध्वस्त करने का काम कर रहे हैं, जिसे किसी भी परिस्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता। विधानसभा सचिवालय द्वारा बार-बार बोला जा रहा है, कि बहुत सारे आयोग के पद जो रिक्त है, उसमें प्रतिपक्ष का परामर्श नहीं आ रहा, क्योंकि जो विपक्ष में बैठे भाजपा के 25 लोग हैं, साथ-साथ आजसू के जो तीन लोग हैं, ये अपना नेता ही नहीं चुन पा रहे। आज साढ़े तीन साल हो गये, विधानसभा के निवार्चन के पश्चात भी भाजपा अपना एक अदद नेता नहीं चुन पा रही। भाड़े पर आदमी लाकर नेता बना रही है।