झामुमो का बयान इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने भाजपा के हिडेन एजेंडा को किया उजागर, उधर हेमन्त सोरेन के उपर ईडी की कार्रवाई पर दस्तावेजों के माध्यम से उठाए सवाल
इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की, कि भारतीय स्टेट बैंक कल यानी 12 मार्च को सारी जानकारी का खुलासा करें और चुनाव आयोग सारी जानकारी इक्टठे कर 15 मार्च सायं पांच बजे तक अपने वेबसाइट पर डाल दें कि झामुमो ने स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला आई ओपनर है। इस फैसले से भाजपा का जो हिडेन एजेंडा था, वो भस्मीभूत हुआ है। दरअसल इस इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से भाजपा पूरे देश में अपने पावर का मिसयूज कर रही थी। ये बातें आज झामुमो के नेता द्वय सांसद विजय हांसदा व झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कही।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि चुनावी चंदा और एजेंसियों के दुरुपयोग का मामला आज सभी ने देख लिया। सुप्रियो ने कहा कि देश का दुर्भाग्य देखिये, जो भाजपा के लोकसभा के कैंडिडेट हैं, वे चुनाव को संचालित करनेवालों का 15 मार्च को चयन करेंगे। अब कैंडिडेट तय करेगा कि दुध की रखवाली जैसे बिल्ली से करवायी जाती है, उसी प्रकार वोट की रखवाली अब मोदी जी बैठेंगे तो आप जानते ही होंगे कि क्या होगा?
सुप्रियो ने कहा कि जब प्रवर्तन निदेशालय की आड़ में जल जंगल जमीन और यहां के जानवरों तक को अपने कब्जे में करने की बात हुई, तो इसका प्रतिकार करना राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शुरु किया। परिणाम क्या हुआ तो एक झूठी कहानी गढ़ी गई। बड़गाई मौजा की भुईहरी जमीन को सामने लाया गया और हेमन्त सोरेन को जेल में डाल दिया गया। सुप्रियो ने कहा कि आज से हम उन सारे प्रकरणों पर से पर्दा उठाना शुरु करेंगे, जिसको लेकर झूठी कहानियां गढ़ी गई और हेमन्त सोरेन को फंसाया गया।
सुप्रियो ने कहा कि बड़गाई की जो जमीन है, वो खेवट है। वो राज कुमार पाहन की जमीन बताई गई है। ये जमीन आज भी उनके कब्जे में है। 2015 में इस पूरे साढ़े आठ एकड़ जमीन को हिलारियस कच्छप को लीज में रजिस्टर्ड डीड द्वारा दिया गया। हिलारियस कच्छप ने जमीन को खेती के लिए लिया, जिसके लिए उसने बिजली हेतु बिजली विभाग को आवेदन भी दिया। मीटर भी लगवाये और उसका बिजली बिल का भुगतान भी किया।
सुप्रियो ने कहा कि जैसे आज एसबीआई का पोल खुला है, ठीक उसी तरह अब ईडी का भी पोल खुलना शुरु हुआ। अब ईडी भी इसे समझ चुकी है। सुप्रियो ने कहा कि ईडी की साजिश में अडानी और मोदी का प्लान था। जिसका एक्सक्यूशन अमित शाह ने किया ईडी द्वारा, वो किस धरातल पर है, ईडी की सच्चाई अब डाक्यूमेंट के तौर पर उपलब्ध है। तो ऐसे में 2008-09 में हेमन्त सोरेन कहां से आ गये? ये समझ से परे है। आखिर ये कौन सा नाटक है? ये गंभीर मुद्दा है। हम मीडिया के माध्यम से उस जमीन पर जो ईडी का क्लेम है, जो परशेप्सन बनाया गया है, जो तरह-तरह की सूचना जो मीडिया को उपलब्ध कराई गई, उसका आधार क्या है?
सुप्रियो ने कहा कि आप सब कुछ गढ़ सकते हैं। पर सरकारी दस्तावेज नहीं गढ़ा जा सकता। खाता, खेवट, खतियान कभी नहीं मरता। ईडी, सीबीआई, आईटी, सीवीसी, डीआरआई यहां तक की चुनाव आयोग का जो नेक्सेस है, उसे बताना होगा कि अब क्या होगा? अब चुनाव आयोग के आयुक्त भाजपा के कैडिंडेट पीएम मोदी और होम मिनिस्टर अमित शाह करेंगे।
सुप्रियो ने कहा कि अब दोनों तय करेंगे कि चुनाव में कैसे फर्जीवाड़ा किया जाता है। उनके सांसद कहते हैं कि 400 पार जाना चाहते हैं ताकि संविधान बदल दें। इसका मतलब है कि आज की लड़ाई सिर्फ हेमन्त सोरेन की नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की हैं। अब बताना होगा चुनाव आयोग और ईडी को भी आपने जिन-जिन के यहां छापा मारा, विभिन्न एजेंसियों ने छापा मारा, वैसे उद्योगपतियों से छः महीने में ही 335 करोड़ भाजपा के खाते में कैसे डाले गये, अब तो तथ्य भी सामने हैं।
सुप्रियो ने कहा कि केवल एक आदिवासी का यही गुनाह है न कि उनसे अपनी अस्मिता के साथ समझौता नहीं किया, इसलिए आपने उसे जेल में डाल दिया। इसका प्रतिकार होगा। कई पहलू हैं ईडी के। क्रमवार उन सारे पहलूओं को खोलेंगे। कुछ रिकार्डस आये हैं। कुछ का इंतजार है। आज जमीन का पोल खोले हैं। उस जमीन को जिसे 17 बार, 17 लोगों ने चार-पांच बार बेचा और उसकी सूचना जब राज कुमार पाहन को मिली तो उन्होंने आवेदन दिया। उस आवेदन के बाद इस पूरे मामले की जांच हुई। जांचोपरांत सारे डीड कैंसिल किये गये। राज कुमार पाहन को उसका मालिकाना हक दिलाया गया।