झामुमो का बयान – केंद्र की भाजपा गठबंधन सरकार ने रोका पेंशन और खुद कर रही पेंशन नहीं देने का विलाप यानी भाजपा कर रही हाथी मार कर उसे सूप से ढंकने का प्रयास
प्रदेश भाजपा ने झारखण्ड सरकार पर गरीबों को पेंशन नहीं देने आरोप लगाया है जबकि इसकी गुनहगार केंद्र सरकार है और केंद्र में भाजपा की सरकार है। समय पर पेंशन नहीं मिलने की पीड़ा गरीबों से अधिक कौन समझ सकता है, लेकिन केंद्र सरकार ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए अगस्त एवं किसी-किसी जिले में मई माह से झारखण्ड के गरीबों और जरूरतमंदों को पेंशन नहीं दिया है।
ऐसे में एक बात साफ है कि झारखण्ड भाजपा जानती है कि कैसे अपनी गलती का आरोप दूसरे पर मढ़ा जाए। झारखंड के लाखों वृद्ध, विधवा और दिव्यांग पेंशन की आस लगाए हैं और केंद्र सरकार में बैठे भाजपा के लोग आरोप राज्य सरकार पर लगाने से पीछे नहीं हट रहें हैं, ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके।
वे लोगों को क्यों नहीं बताते कि केंद्र प्रायोजित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि को विगत अगस्त माह से केंद्र सरकार द्वारा भुगतान नहीं किया गया है। अब अगर भाजपा झारखण्ड के नेतागण इसका विरोध कर रहें हैं। ये अच्छी बात है लेकिन उन्होंने पेंशन नहीं देने का आरोप राज्य सरकार पर नहीं लगाना चाहिए। राज्य सरकार ने तो राज्य संपोषित विभिन्न पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान अक्टूबर 2024 तक कर दिया है।
वहीं असम से मुख्यमंत्री हो या झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी वे लगातार हेमन्त सोरेन पर पेंशन नहीं देने का आरोप लगा रहें हैं। कम से कम उन्हें एक बार फैक्ट चेक कर लेने की जरूरत थी। अगर फैक्ट चेक कर लेते तो हाथी मारकर उसे सूप से ढांकने की जरूरत नहीं पड़ती। खैर इन्होंने मधु मक्खी के छत्ते पर हाथ डाल ही दिया है फिर इसके डंके को भी सहन करना ही होगा। वैसे हेमन्त सोरेन ने राज्य संपोषित मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन, स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री राज्य आदिम जनजाति पेंशन योजना, मुख्यमंत्री राज्य HIV/AIDS पीड़ित सहायतार्थ पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि का अक्टूबर 2024 तक का भुगतान कर दिया है।