राजनीति

झामुमो के सुप्रियो भट्टाचार्य का पहलगाम की आतंकी घटना पर दुर्भाग्यपूर्ण बयान, पाकिस्तान को उनके बयान से मिलेगी ताकत, पहलगाम की घटना को पुलवामा की तरह प्रयोग करार दे दिया

भारत एक सार्वभौमिक देश है। हमारी सार्वभौमिकता को बचाने के लिए, उसे अक्षुण्ण रखने के लिए हम भारत सरकार के साथ है। भारत सरकार जो निर्णय लेगी। हम उनके साथ हैं। जो आतंकवाद और घृणा भाव हमारे पड़ोसी मुल्क के पास है। उसका समूल नाश हो। यह हमारी पार्टी चाहती है। मंगलवार को जब कश्मीर के पहलगाम में जो देश के दुश्मनों ने जो कुकृत्य किया। उसकी कड़ी निन्दा और भर्त्सना हमारी सरकार और पार्टी ने भी की है। ये बातें आज संवाददाता सम्मेलन में झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही।

उन्होंने यह भी कहा कि जब-जब ऐसी घटनाएं घटती है। तो यह संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग भी होता है। जब-जब देश में जब कभी संवेदनशील मुद्दे होते हैं। तब-तब उक्त संवेदनशील मुद्दे पर से ध्यान हटाने के लिए इस प्रकार की घटनाएं हो जाती है। यह संयोग पुलवामा में भी देखा गया। पुलवामा में कितनी बसें चल रही थी। उसमें एक ही बस बिना बुलेट प्रूफ थी। उसी में आरडीएक्स द्वारा टारगेट कर विस्फोट किया गया और उसमें हमारे 40-42 जवान शहीद हो गये।

उन्होंने कहा कि मंगलवार को भी पहलगाम में ऐसी घटनाएं घटती है। जब देश में संवेदनशील मुद्दा चल रहा था। इसी दौरान इस घटना को इस प्रकार प्रोपेगंडाइज्ड किया जाता है। हमारे यहां तो जब राजनीतिक धरनाएं भी दी जाती हैं तो उस इलाके के थाना का थानाधिकारी चार-पांच बल लाठी बल ही उस जगह तैनात कर देता है, जहां धरना चल रही होती हैं। लेकिन पहलगाम में जहां इतनी बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे। वहां कोई सुरक्षाकर्मी तक नहीं था।

सुप्रियो ने कहा कि दस दिन पूर्व जहां गृह मंत्री तीन दिन मौजूद थे। सुरक्षा के बारे में बता रहे थे। वहां तीन दिन पूर्व ऐसी घटना घट जाती है। आनेवाले तीन मई से जिस पहलगाम में अमरनाथ यात्रा का बेसमेंट बनना है। वहां इस प्रकार का अटैक होना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि केवल पानी रोकने से नहीं होगा। आतंकवाद को रोकना होगा। आज पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है। कश्मीर केवल हिन्दुस्तान का सिरमौर नहीं, बल्कि सर्वोच्च स्थान है। कश्मीरियों के आतिथ्य भाव को वहीं जान सकता है, जो कश्मीर गया है। किसी देश का जनरल जब धर्म की बात करता है और कही का सांसद जब धर्म की बात करता है तो हमारे और उसमें कोई फर्क नहीं रह जाता।

उन्होंने कहा कि देश के गद्दार को पहचानिये और उसे सजा दीजिये। वो कौन गद्दार हैं, जो उन आतंकियों को पहलगाम के सैलानियों तक पहुंचा दिया। पुलवामा के गद्दार डीएसपी को तो आज तक ढुंढ नहीं पाये, पहलगाम के गद्दार को कैसे ढुंढ निकाल पाइयेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित करें कि नार्थ-ईस्ट से लेकर नार्दन एरिया तथा साउथ के टूरिस्ट स्पॉटों पर विशेष निगरानी बढ़ाएं। पहलगाम में हुई आतंकी घटना ने वहां के आर्थिक व्यवस्था को चरमरा दिया है। कश्मीर 20 साल पहले की स्थिति में चला गया है। बोलने से कुछ नहीं होगा, जिम्मेदारी तय करनी होगी। अमरनाथ यात्रा को हर हाल में चालू करना होगा और देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।

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