अपराध

समाचार प्लस के कैमरामैन बैजनाथ महतो पर हुए जानलेवा हमले से भड़के राजधानी के पत्रकार, हमलावरों को जल्द पकड़ने की मांग, पुलिस मुख्यालय तक पहुंचा

राजधानी रांची में कैमरामैन बैजनाथ महतो पर हुए जानलेवा हमले से राजधानी रांची के पत्रकार आक्रोशित है। यह आक्रोश स्वाभाविक भी है। बैजनाथ महतो की वर्तमान दशा कोई देखेगा, तो वह आक्रोशित हो जायेगा। हंसमुख स्वभाव के कैमरामैन बैजनाथ पर इस प्रकार के जानलेवा हमले हो सकते हैं, तो सामान्य लोगों की क्या बिसात होगी? समझा जा सकता है।

बैजनाथ महतो को हमलावरों ने इस प्रकार से पिटाई कि, उसके सर पर कई जगहों पर भारी चोट है, गर्दन पर कटे का निशान है, संभावना जताई जा रही है कि हमलावरों ने इस प्रकार से पिटाई की, कि उन्हें लग गया कि बैजनाथ अब नहीं रहे, तभी छोड़ा है। वो तो भला हो, पुलिस वैन का जिसकी नजर सड़क पर पड़े बैजनाथ पर पड़ी और आनन-फानन में बैजनाथ को पुलिसकर्मियों ने रिम्स पहुंचाया और वहां रिम्स में बैजनाथ का इलाज जारी है।

बताया जा रहा है कि 24 घंटे से भी अधिक हो गये, लेकिन बैजनाथ को होश तक नहीं आया। ज्यादातर पत्रकारों का ये भी कहना है कि बैजनाथ अगर ठीक भी हो जाता है तो उसकी ऐसी स्थिति नहीं होगी कि वो फिर से पहले की तरह काम कर सकें, ऐसे में हमलावरों को अब तक नहीं पकड़ा जाना संदेह को जन्म देता है।

शायद यही कारण रहा कि रांची प्रेस क्लब से जुड़े सभी प्रमुख लोग पुलिस मुख्यालय पहुंच गये और वहां पुलिस महानिदेशक के मुख्य द्वार पर जाकर बैठ गये। पुलिस महानिदेशक ने शीघ्र ही सारे पत्रकारों को कांफ्रेस हॉल में बैठाकर, उनसे बातचीत की और सारे पत्रकारों को संतुष्ट किया कि बैजनाथ महतो के हमलावरों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जायेगा, जल्द ही ये सभी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

इधर बैजनाथ पर हुए हमलों का संज्ञान राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी लिया, जबकि इस घटना पर राज्यपाल रमेश बैस ने भी दुख व्यक्त किया। ज्यादातर पत्रकारों का कहना है कि ये घटना पूरे पत्रकारिता जगत के लिए दुखद है, अगर ऐसा ही हाल रहा तो पत्रकार कैसे खुलकर काम करेंगे, जब उसकी जिंदगी ही सुरक्षित नहीं रहेगी, तो फिर वो कैसे काम करेगा?

इस पूरी घटना पर राजधानी के सारे पत्रकार एक है और सरकार तथा प्रशासन पर दबाव बनाने में लगे है कि जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ा जाये, कुछ पत्रकारों ने धमकी भी दी है कि अगर जल्द ऐसा नहीं  किया गया, तो वे उग्र आंदोलन भी करेंगे, चुपचाप नहीं बैठेंगे।