अपनी बात

PM नरेन्द्र मोदी में भगवान की छवि देखनेवाले और भाजपा में खुद को समाहित करने की सोच रखनेवाले पत्रकारों को मोदी व भाजपा भक्ति की सीख बिना देर किये प्रभात खबर से सीखना चाहिए

झारखण्ड के हर पत्रकार को जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भगवान का अवतार मानते हैं, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी में ब्रह्माण्डीय चेतना दिखाई पड़ती हैं, उन्हें प्रभात खबर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा के प्रति भक्ति की भावना तथा उनके प्रति कैसे सर्वस्व समर्पण करना चाहिए, यह सब सीखना चाहिए। ताकि उन्हें भी कालातंराल में मोदी व भाजपा भक्ति के बदले वो हर चीज वरदान के रूप में प्राप्त हो, जिसकी वे चाहत रखते हैं।

हमारे बड़े बुजुर्गों ने भी कहा हैं कि कोई भी चीजें किसी से भी सीखने में बुरा नहीं मानना चाहिए। कहा भी गया है – पंथ कौन है? तो विद्वानों ने कहा – महाजनो येन गताः स पन्थाः। जिसे रास्ते से बड़े लोग जाये, वहीं रास्ता सही हैं। इसलिए झारखण्ड का सर्वाधिक प्रसारित दैनिक स्वयं अपने मुख से कहनेवाला प्रभात खबर ने मोदी भक्ति और भाजपा भक्ति की जो आधारशिला पूरे झारखण्ड में रखी हैं। उससे प्रत्येक मोदी भक्त व भाजपा भक्त पत्रकार को सीख लेनी चाहिए।

ये सब सीखने से पहले, सर्वप्रथम प्रभात खबर को अपने घर में एक ऊंचे स्थान पर रखें और प्रभात खबर में जिस पृष्ठ पर भाजपा के नेताओं का विज्ञापन अथवा समाचार अथवा पीएम मोदी से संबंधित समाचार या विज्ञापन दिखाई दें। उस पृष्ठ को सामने रखकर उस पर अपना ध्यान केन्द्रित करें। ध्यान केन्द्रित करने के बाद मन ही मन निम्नलिखित मंत्र पढ़ें।

जैसे – ओम् प्रभात खबराय नमः। ओम् भाजपा भक्तिलीनसमाचार पत्राय नमः। ओम् मोदीभक्तिलीन समाचार पत्राय नमः। ओम् आशुतोषाय नमः। ओम अनुजाय नमः। ओम् विजय पाठकाय नमः। इन मंत्रों के पढ़ने से आपकी अंतरात्मा शुद्ध हो जायेगी और फिर प्रभात खबर को पढ़ने से उसके अंदर की जितनी भी बुद्धि हैं वो आपके अंदर समा जायेगी। आप एक शानदार मोदी भक्त और भाजपा भक्त पत्रकार बन जायेंगे।

इससे देश व झारखण्ड का भी कल्याण हो जायेगा तथा आप जिस भी अखबार में इसके बाद जायेंगे या काम करेंगे या जहां रहेंगे आपको भाजपा नेताओं की कृपा मिलती रहेगी। भाजपा नेता आप पर कृपा बरसाते रहेंगे। जैसे आज ही का अखबार प्रभात खबर देख लीजिये। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रभात खबर को अपनी सरकार की उपलब्धियों से संबंधित विज्ञापन देकर वहां के मालिकों/संपादकों और पत्रकारों पर धनवर्षा करा दी। इसी बात पर प्रेम से बोलिये प्रभात खबर की जय। भक्तवत्सल असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की जय।

अब आगे देखिये। मैंने क्यों कहा कि मोदी भक्ति और भाजपा भक्ति सीखना हैं तो प्रभात खबर से सीखिये। कल हजारीबाग में पीएम मोदी की सभा थी। पीएम मोदी की सभा को लेकर केवल प्रभात खबर ने ही खबरें नहीं छापी। बल्कि रांची से निकलनेवाले सभी अखबारों ने खबरें छापी है। लेकिन जो भक्ति व समर्पण का प्रदर्शन प्रभात खबर ने किया। वो किसी ने नहीं किया।

प्रभात खबर ने मोदी भक्ति में लिखा – ‘हजारीबाग में परिवर्तन महारैली, उमड़ा जनसैलाब, मोदी के निशाने पर झामुमो, कांग्रेस और राजद’। यही नहीं इस अखबार ने प्रथम पृष्ठ तो पूरा-पूरा मोदी को समर्पित किया ही। मोदी पर एक विशेष पेज भी निकाला, आप इसका आज का पृष्ठ संख्या छः भी देख सकते हैं – लिखा है – हजारीबाग में प्रधानमंत्री।

अब आप कहेंगे कि जब हजारीबाग में जनसैलाब उमड़ेगा तो प्रभात खबर तो लिखेगा ही कि जनसैलाब उमड़ा। लेकिन भाई इसी प्रकार की परिवर्तन रैली तो बेरमो में भी थी। जमशेदपुर में भी था। धनबाद में भी था। रांची में भी 23 अगस्त को भाजयुमो की रैली थी। दुमका में भी रैली थी। हर जगह भाजपा की सभा या परिवर्तन रैली का बैंड बज रहा था। तो प्रभात खबर ने ये क्यों नहीं लिखा कि परिवर्तन रैली की हवा निकल रही हैं। दरअसल कोई भी नौकर, जिसकी कृपा से उसकी दुकान चल रही होती हैं, वो अपने मालिक की प्रशंसा छोड़ उसकी आलोचना किया है कि प्रभात खबर करेगा।

यही तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि मोदी भक्ति और भाजपा भक्ति सीखनी हैं तो प्रभात खबर से सीखिये। भाजपावाले खुलकर प्रभात खबर को विज्ञापन दे रहे हैं और उनका विशेष ख्याल भी रख रहे हैं। केन्द्र की सरकार हो या राज्यों में चल रही भाजपा शासित सरकार हो सभी प्रभात खबर पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। जिसका असर प्रभात खबर पर दिख रहा है।

राजनीतिक पंडित तो साफ कहते हैं कि चूंकि हजारीबाग में पीएम मोदी की सभा में भीड़ इसलिए दिखी। क्योंकि जहां-जहां सभा हो रही थी परिवर्तन रैली की, वो सारी रैली टायं-टायं फिस्स हो रही थी। उसमें लोग नहीं दिख रहे थे। पीएम मोदी की सभा हजारीबाग में भी टायं टायं फिस्स न हो जाये।

इसके लिए भाजपा ने अपने सारे सांसदों/विधायकों को भीड़ लाने को कहा था। उन्हें केन्द्र से लेकर प्रदेश तक के नेताओं ने टाइट कर दिया था। कि कही पीएम मोदी की सभा में पड़ी कुर्सियां खाली न रह जाये। इसलिए सभी ने कुर्सियों को भरने में ज्यादा समय लगाया और यहां भीड़ दिख गई। लेकिन फिर वहीं बात। भीड़ का आना और भीड़ में उत्साह दिखना। दोनों अलग-अलग बात है।

विद्रोही24 तो आज भी ताल ठोककर कह रहा है कि ढोकर लाई गई भीड़ और स्वतः आई भीड़ में आकाश जमीन का अंतर होता है। पीएम मोदी की सभा में जो भीड़ आई, जिसे प्रभात खबर ने मोदी भक्ति व भाजपा भक्ति में जनसैलाब बता दिया, वो ढोकर लाई गई भीड़ थी। वो भाजपा का वोटर नहीं था। आज भी आप भाजपा के सांसदों व विधायकों के फेसबुक वॉल को देख लीजिये। आपको पता लग जायेगा कि इसकी तैयारी ये भाजपा के विधायक और सांसद कितने दिनों से कर रहे थे और कौन उन्हें इसके लिए हुरपेठ रहा था और कैसे ये भीड़ लाई गई।

विद्रोही24 ने आज रांची के ही एक पत्रकार से बात की तो पता चला कि भाजपावाले आजकल उन अखबारों/चैनलों व पोर्टलों में काम करनेवालों को भी अपने साथ लेकर चल रहे हैं, तथा उनका विशेष ख्याल रख रहे हैं। जो उनका उठते-बैठते गुणानवाद करते हैं। हाल ही में नेतरहाट में भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की सभा थी। वो सभा में कहीं भीड़ नहीं थी। लेकिन किसी भाजपा भक्त अखबार/चैनल व पोर्टल ने उक्त सत्य को अपने अखबारों/चैनलों व पोर्टलों में नहीं रखा, क्योंकि भाजपावालों की कृपा इन सारे पत्रकारों पर बरसी थी। तो भला ये किस मुंह सें भाजपा के इस सभा का सत्य जनता के बीच रखते।

आज ही का प्रभात खबर देखिये। पूरा अखबार देखने के बाद आपको पता लग जायेगा कि भाजपा कहां हैं और भाजपा को टक्कर देनेवाली झामुमो कहां है? कल ही पीएम मोदी की सभा को लेकर झामुमो ने रांची में एक प्रेस कांफ्रेस किया। जिसे सुप्रियो भट्टाचार्य ने संबोधित किया। इस प्रेस कांफ्रेस में सुप्रियो ने पीएम मोदी की सभा का जबर्दस्त ढंग से पोस्टमार्टम किया। लेकिन प्रभात खबर में ये खबर पेज नं. 2 पर वो भी सिंगल कॉलम में छोटा सा देकर झामुमो के पूरे समाचार को इतिश्री कर दिया। ये भाजपा भक्ति- मोदी भक्ति नहीं तो क्या है?

आश्चर्य यह भी है कि इतना गिर जानेवाला अखबार आज भी ताल ठोककर स्वयं को सर्वश्रेष्ठ कहलाने में शर्मिंदगी महसूस नहीं करता। अपने उपर किताब लिखता है और उस किताब को दो-दो बार, दो जगहों पर लोकार्पण करता है। उस लोकार्पण में तथाकथित समाज के प्रबुद्ध लोग भी शामिल होते हैं और वहां प्रभात खबर में ही कभी प्रधान संपादक के काम करनेवाला व्यक्ति उसकी स्तुति गान करता है।

विद्रोही24 पिछले कई वर्षों से रांची में रह रहा है और वो जानता है कि कौन कितना बड़ा अखबार है और कौन कितना पाठकों के भरोसों पर खड़ा उतरता है। आप पाठकों को मूरख बनाते रहिये। पाठक मूरख तब तक बनते रहेंगे, जब तक उनके अंदर बर्दाश्त करने की क्षमता है। जिस दिन ये क्षमता समाप्त होगी। आप कहां होंगे। आपको खुद पता नहीं। दैट्स ऑल।

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