अपनी बात

कड़िया मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र, हस्तलिखित मुण्डारी रामायण रामलला दरबार को किया सादर भेंट

झारखण्ड के प्रमुख आदिवासी नेताओं में से एक तथा लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके कड़िया मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने मुंडारी भाषा में लिखे हस्तलिखित रामायण को अयोध्या स्थित रामलला दरबार को भेंट की है। इस पत्र में उन्होंने मुंडारी भाषा में लिखे इस रामायण को जनजातीय मंत्रालय द्वारा संपोषित तथा संवर्द्धित करने का भी अनुरोध किया है। पत्र इस प्रकार है।

माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री जी,

भारत सरकार, नई दिल्ली।

भगवान बिरसा मुंडा की जन्मभूमि से और उनकी कृपा से श्री छत्रपाल सिंह मुंडा हमारे संबंधी हैं जो मुण्डारी साहित्यकार और कवि हैं। वे भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक सेवानिवृत्त उप-निदेशक रहे हैं। उन्होंने अथक परिश्रम से तुलसीदास कृत रामचरितमानस के सातों काण्ड बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड) और उत्तरकाण्ड का पद्यानुवाद मुंडारी भाषा में अनुदित करने की बड़ी पहल की है, साथ ही श्रीमद्भागवद्गीता और हनुमान चालीसा भी मुंडारी काव्य में अनुदित हुआ है।

मेरी राय में इन सभी का प्रकाशन भारत सरकार के जनजातीय मंत्रालय द्वारा गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित होता तो इसके प्रचार-प्रसार में एक संबल मिलता, वैसे स्थानीय तौर पर भी हम सभी प्रयास कर रहे हैं, वैसे मुण्डारी हनुमान चालीसा लगभग 5000 प्रति प्रकाशित और वितरित हो गयी है।

इस महती कार्य योजना में महात्मा नारायण दास ग्रोवर शोध संस्थान सहित कई अन्य जनजाति क्षेत्र में कार्य करनेवाले संस्थाओं का योगदान है। भगवान रामलला के मंदिर उद्घाटन के पूर्व चर्चा उपरांत श्री चंपतराय जी (महासचिव, रामजन्मभूमि न्यास तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट) को सम्पूर्ण पाण्डुलिपि आपके हेतु समर्पित किया जा रहा है। कृपया इसे स्वीकार कर आशीर्वाद और प्रोत्साहन प्रदान करने की कृपा करें।

भवदीय

कड़िया मुंडा