अपनी बात

गांडेय से भारी मतों से जीत रही कल्पना ने कहा – मैं तो घर, बच्चों, बाबा, मां और परिवार की दुनिया में खुश थी, पर तानाशाहों ने 31 जनवरी को हमारी जिंदगी ही बदल दी, मेरी आत्मा तक को कैद कर लिया

गांडेय से विधानसभा चुनाव लड़ रही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने सोशल साइट पर अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने अपने जीवन में चल रही उथल-पुथल और उससे वो कैसे लड़ रही हैं, कैसे विजय पा रही हैं? इसे वो बड़े ही सरल भाषा में आम जनता के बीच में रखा हैं। आप सभी को उनकी बातें पढ़नी चाहिए और उनके दिल के दर्द को समझना चाहिए। कल्पना सोरेन का दर्द इस प्रकार है…

“राजनीति, दल, सरकार सब आप की ज़िम्मेदारी रही। मैं घर, बच्चे, आदरणीय बाबा, मां और परिवार के देखभाल में खुश थी। ना मुझे कभी राजनीति में आने को शौक़ था, ना ही मैंने कभी सोचा था कि मुझे यह करना है। पर तानाशाहों ने 31 जनवरी को हमारी ज़िंदगी बदल दी। आपके साथ ही मेरी आत्मा को भी चारदीवारी में क़ैद कर लिया।

आपने हमेशा झारखंड के लोगों को अपनी सबसे बड़ी ताक़त माना, अपनी सबसे बड़ी जिम्मेवारी माना। इस जिम्मेवारी को निभाने के क्रम में हमने आपको एक ओर गरीब-मजलूमों को झुककर गले लगाते देखा, तो दूसरी ओर तानाशाह के सामने सीना ताने खड़े भी देखा। चारदीवारी से बाहर निकल, आपके झारखंड परिवार से रूबरू होने के बाद ही मैं आपके इस जुनून के पीछे की शक्ति एवं संकल्प को सही से समझ पायी। तानाशाही-सामंती ताकतों के सामने खड़े आप सच्चे अर्थों में झारखंड के स्वभाव को प्रतिबिंबित करते हैं। एक ओर जहां आप झारखंड के करोड़ों लोगों की हिम्मत हैं वहीं मैं समझती हूं कि आपकी हिम्मत झारखंड के लोग ही हैं।

जैसा स्नेह और आशीर्वाद अब तक मुझे राज्य के कोने-कोने में मिला है, वह आपके प्रति लोगों के प्यार के कारण ही हो सका है। मेरे साथ-साथ, झारखंड के लोगों ने ठाना है कि INDIA गठबंधन के उम्मीदवार सभी सीटों पर बड़ी जीत दर्ज कर सकें जिससे कि भविष्य में कोई तानाशाह षड्यंत्र रचने के पहले हजार बार सोचे।

मेरे साथ-साथ, आपके करोड़ों समर्थक, आपका इंतजार कर रहे हैं। आज जब जनता से मुझे एक नई पारी की शुरुआत का आशीर्वाद मिल रहा है तो आपकी कमी सबसे ज़्यादा खल रही है। एक नई पारी के रूप में शुरुआत पर मैं इतना ही कह सकती हूं कि मैं आपके संघर्ष और अपने झारखंड परिवार के सुख-दुख में सदैव मजबूती से खड़ी रहूंगी। झारखंड झुकेगा नहीं, INDIA रुकेगा नहीं। जय झारखंड!

~ कल्पना मुर्मू सोरेन”