अपनी बात

संगठन मंत्री कर्मवीर ने धनबाद में राज सिन्हा को लोकसभा की टिकट दिलाने के लिए जैसे-तैसे रायशुमारी की मात्र औपचारिकता पूरी करवाई, भाजपा के एक बड़े गुट में दिखा आक्रोश

धनबाद के सांसद हालांकि पीएन सिंह हैं। लेकिन धनबाद के विधायक राज सिन्हा, स्वयं को सांसद से कम नहीं मानते। शायद यही कारण है कि धनबाद के राज सिन्हा गुट के भाजपा कार्यकर्ताओं में ये स्वयंभू सांसद के रुप में ज्यादा लोकप्रिय होते जा रहे हैं, जबकि पीएन सिंह गुट के भाजपा कार्यकर्ता इन दिनों राज सिन्हा और उनके गुट के कार्यकर्ताओं से कुछ ज्यादा ही नाराज चल रहे हैं।

उनके नाराजगी के कारण भी है। हालांकि पीएन सिंह और राज सिन्हा या इनके गुटों के कार्यकर्ता जब कभी किसी स्थान पर मिलते हैं तो इनके चेहरे पर दिखती बनावटी हंसी स्पष्ट रुप से नजर आ जाती है। राजनीतिक पंडित बताते हैं कि चूंकि एक मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा धनबाद में हैं। पीएम मोदी दोनों गुटों के चहेते हैं। इसलिए फिलहाल दोनों गुट अपने नेता पीएम मोदी के कार्यक्रम को बेहतर बनाने में लगे हैं।

लेकिन पिछले दिनों धनबाद का अगला सांसद कौन होगा? इसको लेकर धनबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई रायशुमारी से पीएन सिंह व पीएन सिंह गुट के सारे कार्यकर्ता खफा हैं। मतलब पार्टी के अंदर किरोसिन फैला हुआ है। बस एक माचिस की तिल्ली की चिंगारी काफी हैं, पार्टी के अंसतोष को जमीन पर ला पटकने की। राजनीतिक पंडितों की मानें तो सर्वाधिक गुस्सा भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं में हैं और वे पिछले दिनों हुई रायशुमारी को भाजपा में जातिवाद व धनबल के प्रपंच का परिणाम बताते हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि उस रायशुमारी में प्रदेश से आये कौन थे, तो उनका नाम था – बाल मुकुन्द सहाय। जिस होटल में रायशुमारी हुई। वो होटल कौन सा है, तो प्रियांशी, जो मनोज मालाकार का है और ये जनाब राजसिन्हा के आप्त सचिव भी है। राजनीतिक पंडित बताते हैं कि रवि सिन्हा, जो वर्तमान में राज सिन्हा के ग्रामीण प्रतिनिधि है। जिसे राज सिन्हा जिला के महामंत्री बनाने में भी लगे हैं, वे कभी सदस्यता घोटाला के आरोपी भी रहे हैं, जब उन्हें भाजपा के सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया गया था।

जिसका पर्दाफाश आज भाजपा को छोड़ चुके भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता कृष्णा अग्रवाल ने की थी। सूत्र बता रहे हैं कि पिछले दिनों जो जिला कमेटी की पहली पदाधिकारी बैठक हुई थी, उसमें भी रवि सिन्हा मौजूद थे और राज सिन्हा तथा सरोज सिंह के इशारे पर बने इनके अतिप्रिय जिलाध्यक्ष श्रवण राय ने घोषणा की कि रवि सिन्हा बतौर जिला पदाधिकारी के रुप में उपस्थित भी रहेंगे व कार्य भी करेंगे। जबकि भाजपा का संविधान इसकी इजाजत नहीं देता।

इसका मतलब है कि भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने पहले से ही अपने चहेते प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह और विधायक राज सिन्हा के कहने पर ये रायशुमारी का झूठा प्रपंच धनबाद में रखा था, जिसकी केवल औपचारिकता मात्र संपन्न की गई। लोग बताते है कि कल तक कहा जाता था कि कोयलांचल की राजनीति का केन्द्र धनबाद का धनसार हुआ करता था। अब वो जगजीवन नगर स्थित विधायक आवास में शिफ्ट हो गया, जबकि धनसार स्थित पीएन सिंह का आवास सिर्फ मामूली सांसद आवास के रुप में परिणित हो गया।

यही कारण है कि धनबाद में रायशुमारी के नाम पर जो पहले से ही तय था कि राज सिन्हा का नाम उपर जायेगा। उसे सभी ने जातिवाद और धनबल के प्रपंच पर मुहर लगा दिया, जो अखबार में सुर्खियां भी बन गई। सुर्खियां थी – राज सिन्हा, धनबाद सांसद प्रत्याशी के रुप में भाजपा कार्यकर्ताओं की पहली पसन्द। जबकि ऐसा नहीं है। सोशल साइट पर इसका विरोध भी हो रहा है।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो अगर ऐसा होता है, तो धनबाद में भाजपा यह सीट निकाल ही लेंगी, इसकी संभावना कम दिख रही है, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ताओं के अंदर चल रही गुटबाजी भाजपा का ही सत्यानाश कर देगी। फिलहाल सभी का ध्यान कल पीएम मोदी की सभा की ओर है। भाजपा के विधायक व सांसद का टिकट चाहनेवालों को भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे भी जहां सभा होनेवाली है। लोग बताते है कि वहां भाजपा कितना भी कुछ कर लें, 30 से 40 हजार से ज्यादा की भीड़ नहीं जुटती।