बोले कुणाल- जमशेदपुर बना महानगरों की तर्ज पर नशे का हब, प्रशासन छोटे ड्रग्स पैडलर को पकड़कर थपथपा रहा पीठ, नशे के बड़े सौदागर प्रशासन की पहुंच से कोसों दूर, एनसीबी ले संज्ञान
पूर्व विधायक सह झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने एनसीबी के महानिदेशक (डीजी) सत्य नारायण प्रधान से दिल्ली में मुलाकात कर जमशेदपुर में नशे के फैल चुके कारोबार की जानकारी देते हुए संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई का अनुरोध किया है ताकि शहर की युवा पीढ़ी को बर्बाद होने से बचाया जा सके। कुणाल ने मीडिया रिपोर्ट्स, पुलिस और अन्य स्रोतों से एकत्रित की गई जानकारी एस.एन. प्रधान से साझा करते हुए बताया कि किस तरह यह छोटा और शांत शहर दिल्ली, मुंबई और गोवा की तर्ज पर नशे का हब बन चुका है।
कुणाल ने कहा कि युवाओं और किशोरों को ड्रग्स पैडलर निशाना बनाते हैं। जमशेदपुर और इससे सटे आदित्यपुर क्षेत्र में खासकर ब्राउन सुगर के कारोबार का जाल फैला हुआ है। यहां ब्राउन सुगर, गांजा, कोकीन, हेरोईन, स्मैक वगैरह गली-मोहल्लों में आसानी से ड्रग्स पैडलर के माध्यम से छोटे पैकेटों में युवाओं को 100/200 रुपये में उपलब्ध कराया जाता है जिससे पूरी पीढ़ी न सिर्फ बर्बाद हो रही है बल्कि शहर में अपराध का ग्राफ भी बेतहाशा बढ़ गया है।
कुणाल षाड़ंगी ने डीजी को बताया कि एनसीबी की दखलअंदाज़ी इसलिए जरुरी है क्योंकि स्थानीय प्रशासन छोटे ड्रग्स पैडलर्स या स्थानीय सरगना को ही गिरफ्तार करके अपनी पीठ थपथपा लेता है और इस नशे के कारोबार के पीछे की बड़ीं मछलियों पर हाथ नहीं डालता। पकड़े गए छोटे ड्रग्स पैडलर्स कुछ समय में ही जेल से बाहर आ जाते हैं और फिर से वही खेल दुष्चक्र की तरह चलता रहता है।
प्रशासन शहर में सप्लाई चेन को तोड़ने में असफल रही है। ऐसे में समस्या का वृहद समाधान नहीं निकल पाता है। बड़ी संख्या में नशे की गिरफ्त में आ चुके युवा डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में नशे की गिरफ्त में आए कई युवाओं ने आत्महत्या का कदम उठाया हैं जिसके आंकड़े भयावह हैं। वहीं नशे की गिरफ्त में युवा और किशोरों के आने से परिवार के परिवार तबाह हो रहे हैं एवं घरेलू हिंसा के मामले भी काफी बढ़ गए हैं।
जानें क्या है एनसीबी
एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) भारत के गृह मंत्रालय के अधीन एक ऐसी एजेंसी है जिसका काम खुफिया जानकारी एकत्रित करके देश में ड्रग्स/नशीले पदार्थ की तस्करी को रोकना और खत्म करना है। इसे देश के किसी भी हिस्से में जांच का अधिकार प्राप्त है।