भाजपा द्वारा प्रत्याशियों की सूची जारी होने दीजिये, आप देखेंगे कि उसके बाद ये आपस में लड़ेंगे-भिड़ेंगे, इनमें से कुछ झामुमो की ओर दौड़ लगायेंगे, लेकिन हमने इनके लिए कई शर्तें लगा नो इंट्री का बोर्ड लगा दिया हैः सुप्रियो
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज प्रेस कांफ्रेस में कहा कि अभी तो एनडीए गठबंधन झारखण्ड में कितने-कितने सीटों पर लड़ेगा, इसकी केवल घोषणा की हैं। इन्हें अभी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने दीजिये, फिर देखियेगा ये आपस में ही लड़ेंगे-भिड़ेंगे। हम तो झारखण्ड की जनता से सिर्फ इतना अनुरोध करेंगे कि जब मतदान का दिन आयें तो ऐसा मतदान करें कि भाजपा यहां दो अंकों में भी न पहुंच पायें और उसके गठबंधन के साथियों का खाता तक न खुलें।
सुप्रियो ने एक बार फिर ताल ठोककर कहा कि भाजपा के सैकड़ों नेता व कार्यकर्ता उनके सम्पर्क में हैं। लेकिन यहां पर अभी उनके लिए बैरियर लगा दिया गया है। उन्हें कह दिया गया है कि अगर इधर आना हैं तो पहले पश्चाताप करो, फिर संघर्ष करो, तभी आपकी इधर इंट्री होगी, ऐसे नहीं। सुप्रियो ने कहा कि भाजपा ने लूटतंत्र स्थापित करने के लिए तथा कारपोरेट जगत को स्थापित करने के लिए चुनाव लड़ रही हैं, जबकि झामुमो झारखण्ड की अस्मिता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए चुनाव लड़ रही हैं।
सुप्रियो ने कहा आज भाजपा के बड़े-बड़े नेता केन्द्र से मिले सुरक्षाकर्मियों को लेकर यहां बैठकें कर रहे हैं। लेकिन इनकी इतनी हिम्मत नहीं कि वे गांवों में घुम भी सकें, क्योंकि इनकी हिम्मत गांवों में घुमने की हैं ही नहीं। सुप्रियो ने कहा कि भाजपा गठबंधन का दुर्भाग्य देखिये कि इनके एक-एक मंत्री एक-एक सीट के लिए भीख मांग रहे हैं। बिहार में जिसकी सत्ता है, वो दो सीटों से लिए भाजपा के पास जाकर हाथ फैला रहा है।
आजसु सुप्रीमो सुदेश महतो पर चुटकी लेते हुए सुप्रियो ने कहा कि जो पांच साल पहले सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़कर गांवों की सरकार बनवा रहे थे। वे इस बार दस सीट पर ही लड़कर नुक्कड़ की सरकार बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन दस सीटों में से भी एक दो सीटों पर भी इनके जीतने का कोई ठिकाना नहीं हैं, क्योंकि इन नापाक गठबंधनों का समूह झामुमो के सामने टिके रहने का माद्दा नहीं रखता।
सुप्रियो ने कहा कि आज एनडीए को त्यागकर दो दलितों उमाकांत रजक और केदार हाजरा ने झामुमो का दामन थामा है। उसका मूल कारण भाजपा में उनका घूटन, बोलने की आजादी का न होना, औपनिवेशिकवाद होना रहा हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि धीरे-धीरे झामुमो गठबंधन आज उस स्थिति में पहुंच गया है, जिस स्थिति में भाजपा कही नहीं दिखती। हम निश्चय ही 23 नवम्बर को फिर से उस स्थिति में होंगे, जिसके सामने भाजपा कहीं नहीं होगी।