अपनी बात

चलो CM हेमन्त को आभास तो हुआ कि राज्य में कानून व्यवस्था को ग्रहण लगा हुआ है, अब लगे हाथों हेमन्त DGP बदलें ताकि राज्य में अमन-चैन कायम हो

चलो देर से ही सही, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को आभास तो हुआ कि झारखण्ड में और खासकर राजधानी रांची में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा, और इसे लेकर अपने मुख्यमंत्री आवास में उन्होंने बैठक भी कर दी, अधिकारियों को बुलवाया और कानून-व्यवस्था बहाल करने की बात की। सचमुच जिस प्रकार से मोराबादी में कल गोलीकांड हुआ, वो बताने के लिए काफी है कि राज्य में कानून व्यवस्था ठप हैं।

लोग अपराधियों के साये में जीने को विवश है, नक्सलियों ने जो तांडव मचा रखा हैं, वो तो अलग ही हैं, आज रांची से निकलनेवाले सारे समाचार पत्रों का मुख्य पृष्ठ ही नक्सलियों की हरकतों के समाचारों से भरा पड़ा है। अगर आम जनता की बात करें, तो जनता साफ कहती है कि बैठक करने से समस्या का समाधान नहीं होता, समाधान होता है कि उस बैठक का नतीजा क्या निकला?

राजनीतिक पंडितों की मानें तो जब से पुलिस महानिदेशक के पद पर नीरज सिन्हा विराजमान हुए हैं, तब से लेकर आज तक कानून-व्यवस्था चरमराती चली गई है। उसके लिए एक नहीं कई उदाहरण है। झारखण्ड उच्च न्यायालय की टिप्पणियां को सुनकर भी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जिस राज्य में दो-दो दारोगा आत्महत्या कर लें, साहेबगंज में रुपा तिर्की और डालटनगंज में लालजी यादव उसके प्रत्यक्ष उदाहरण है।

यहीं नहीं जिन दागियों को साइड में रखना चाहिए, उन दागियों को महत्वपूर्ण स्थानों पर बिठा दिया गया, ऐसे में तो साफ पता लग जाता है कि सरकार या उनमें शामिल लोग कहना और करना क्या चाहते हैं? अब सुनने में यह भी आ रहा है कि नीरज सिन्हा को और समय देने का मन सरकार बना चुकी हैं, तो ऐसे में राज्य की कानून व्यवस्था क्या और कैसी होगी? इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

फिर भी मुख्यमंत्री सचिवालय से जारी यह प्रेस विज्ञप्ति पर आपको विश्वास होता हैं तो वो पढ़ लीजिये, इसमें मुझे क्या जाता हैं, प्रेस विज्ञप्ति इस प्रकार है… “मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में आज राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं हर हाल में अपराध रोकने का निर्देश पुलिस पदाधिकारियों को दिया है।

उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिस पेशेवर अपराधियों को चिन्हित कर उनसे सख्ती से निपटने का कार्य करे। राज्य में अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस संवेदनशील और तत्पर रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की अहम जिम्मेदारी है। अपराध नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था के सख्त होने से राज्य में चल रहे विकास कार्यों की गति बढ़ेगी तथा योजनाओं का वास्तविक लाभ लोगों को मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने रांची के मोरहाबादी मैदान में दिनदहाड़े हुई गोलीबारी की घटना को लेकर चिंता जताई। मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि मोरहाबादी घटना में शामिल अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नही जाना चाहिए जाए। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कानूनी-कार्रवाई सुनिश्चित हो। बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव-सह-गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, एसएसपी रांची सुरेंद्र कुमार झा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।”