कोरोना से गई जान, बेटा इंग्लैंड तो बेटी बैंगलोर में फंसे, पत्नी ने किया अंतिम संस्कार, EX-MLA कुणाल षाड़ंगी एवं ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने दिखाई मानवता
कोरोना के भय से लोगों की आंखों का पानी सूख रहा है। संक्रमित की मौत के बाद उनके आस पड़ोस के लोग सुध लेना तक छोड़ दे रहे हैं। इस तरह छोड़ रहे कि कंधा देने की बात तो दूर, चेहरा भी देखने नहीं आ रहे। कोरोना महामारी के बीच ऐसे संवेदनशून्य और अमानवीय मामले नित दिन देखने को मिल रहे हैं। जुगसलाई में कुँवर सिंह चौक के नज़दीक सोमनाथ अपार्टमेंट निवासी 70 वर्षीय अखिल किशोर शुक्ला का बुधवार को कोरोना संक्रमण से देहांत हो गया था। उन्होंने टाटा मुख्य अस्पताल में अंतिम सांस लिया था।
इस ख़बर से व्यथित उनकी बुजुर्ग पत्नी पूनम शुक्ला का भी रो-रोकर बुरा हाल था। इस पीड़ा के बीच पड़ोसियों ने भी सुध लेना तक उचित नहीं समझा। स्व. ए के शुक्ला के एक पुत्र और एक बेटी है। दोनों ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पुत्र इंग्लैंड में हैं और बेटी बैंगलोर में। दोनों ही बच्चें विवाहित हैं। पिता के निधन की सूचना मिली तो विदेश में परेशान बेटा स्वदेश लौटने को हाथ पाँव मारने लगा। लेकिन उक्त देश में लागू कोरोना प्रोटोकॉल का कारण तुरन्त भारत लौटना संभव नहीं हुआ। वहीं बेटी भी एक दो दिनों में ही जमशेदपुर पहुँच पाती।
इस बीच स्व. शुक्ला की अकेली पत्नी असहाय अवस्था में रो रोकर परेशान रहीं लेकिन मदद के लिए पड़ोसियों ने आगे आना उचित नहीं समझा। जानकारी मिलने पर ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने आत्मीयता दिखाते हुए मदद के लिए हाथ बढ़ाया। ब्राह्मण युवा शक्ति संघ से जुड़े जुगसलाई निवासी सुनील जोशी ने इस आशय की जानकारी संघ के संस्थापक सदस्य अप्पु तिवारी को दिया। अप्पु तिवारी ने संघ के अन्य सहयोगी सदस्यों संग जाकर श्रीमती शुक्ला से मुलाक़ात किये और दुःख प्रकट किये। इसके बाद जानकारी मिली कि शवों की लंबी कतार के कारण आज दाह संस्कार संभव नहीं हो सकेगी।
इस स्थिति में ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी और जिला उपायुक्त से हस्तक्षेप का आग्रह किया ताकि दो दिनों से व्यथित और शोकमग्न पत्नी को तनिक शांति मिल सके। कुणाल षाड़ंगी ने जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन से जरूरी बातचीत कर के शव के तत्काल दाह संस्कार के लिए सहमति बनवाया। गुरुवार शाम लगभग पाँच बजे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को दाह संस्कार के लिए भुइयाँडीह बर्निंग घाट के लिए ले जाया गया। स्व. ए के शुक्ला की पत्नी पूनम शुक्ला ने पति का अंतिम दर्शन किया और ब्राह्मण युवा शक्ति संघ के सदस्यों के सहयोग से दाह-संस्कार विधि की औपचारिकता पूर्ण की।
बेटे की अनुपस्थिति में पत्नी पूनम शुक्ला ने ही अंतिम संस्कार के नियमों को पूर्ण किया। उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में मार्मिक सहयोग के लिए हर स्तर पर मदद करने के लिए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी और ब्राह्मण युवा शक्ति संघ के अप्पु तिवारी, सुनील जोशी, अरुण शुक्ला, अभिषेक ओझा, विजय तिवारी, नीरज दूबे एवं अन्य के प्रति आभार प्रकट किया है। वहीं ब्राह्मण युवा शक्ति संघ के संस्थापक अप्पु तिवारी ने आमजनों से आग्रह किया है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में मिलकर एक दूसरे की ओर मदद का हाथ बढ़ाएं।
कोई संक्रमित परिवार हो अथवा किसी की संक्रमण से मृत्यु हुई हो तो उस परिवार से दूरी बना लेना अमानवीय है। ये एकजुटता का समय है। एक दूसरे का परस्पर सहयोग और मनोबल बढ़ाते की अपील की गई है। किसी ने ठीक ही कहा है कि कोरोना बहुत कुछ संदेश दे रहा है। जो लोग विदेश छोड़कर बहरागोड़ा वापस आए, वे क्या कर रहे और जो लोग इस बात पर गौरवान्वित होते होंगे कि बेटा-बेटी बाहर हैं उनका क्या हाल है?