भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच सदन में छाये लोबिन, अपनी ही सरकार पर जमकर बरसे, विधानसभा टीवी बंद होने पर जताया ऐतराज, स्पीकर को कहा – ‘हम ऐसे मंत्री कभी नहीं रहे’
आज प्रश्नकाल के दौरान झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम आक्रोशित दिखें। वे अपने प्रश्न को लेकर इतने संवेदनशील थे कि वे किसी को माफ करने के मूड में नहीं थे। जब उनका सवाल चल रहा था, तभी झारखण्ड विधानसभा में चलनेवाली टीवी बंद कर दी गई। फिर क्या था, लोबिन हेम्ब्रम ने साफ कह दिया कि जब तक टीवी चालू नहीं होगा, वे अपना सवाल नहीं रखेंगे। इस प्रकरण पर उनका साथ भाजपा विधायकों ने भी दिया। भाजपा विधायकों ने साफ कहा कि ये लोकतंत्र के लिए उचित नहीं हैं।
लोबिन हेम्ब्रम का गुस्सा इसी बात से भी समझा जा सकता है कि जब स्पीकर ने कहा कि आप मंत्री के उत्तर से संतुष्ट हो जाइये, क्योंकि आप भी कभी मंत्री रहे हैं। लोबिन ने कहा कि हम ऐसा मंत्री नहीं रहे हैं। लोबिन का कहना था कि उन्हें सही उत्तर चाहिए कि सरकार उनके प्रश्न का हल कब तक कर देगी? इधर भाजपा विधायकों का हंगामा चल रहा था। उधर अपने प्रश्न को लेकर लोबिन तब तक खड़े रहे, जब तक सदन स्थगित नहीं हो गया। लोबिन का प्रश्न था – क्या मंत्री, पंचायती राज विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि
1. क्या यह बात सही है कि पी-पेसा 1996 एक केन्द्रीय कानून है।
2. क्या ये बात सही है कि खण्ड एक में वर्णित एक्ट के तहत सभी विभागों को नियमावली बनाकर संवैधानिक रुप में पंचायत को सृदृढ़ करना था, जिस पर अभी तक कोई पहल नहीं की गई है।
3. क्या यह बात सही है कि पी-पेसा का विकेन्द्रीकरण कर राज्य में पंचायत चुनाव कराया जा रहा है, जो संवैधानिक दृष्टिकोण से मान्य नहीं है।
4. क्या यह बात सही है कि खण्ड एक में वर्णित एक्ट के अनुसार नियमावली नहीं बनने से ग्राम स्वराज की अवधारणा को ठेस पहुंची है।
5. यदि उपर्युक्त खण्डों के उत्तर स्वीकारात्मक है, तो क्या सरकार पी-पेसा के तहत नियमावली बनाकर राज्य में लागू करने का विचार रखती है, हां तो कब तक, नहीं तो क्यों?
इन सारे प्रश्नों का जवाब, सरकार के मंत्री ने देने की कोशिश की, पर लोबिन उनके उत्तर से संतुष्ट नहीं दिखे। इसी बीच लोबिन की सरकार व स्पीकर के उपर उनका गुस्सा सभी को अंचभित कर रहा था, पर वे अपने प्रश्नों पर अडिग रहे, सरकार की ओर से भी उनके आक्रोश को कम करने की कोशिश नहीं की गई। इधर हंगामा होता रहा। उधर लोबिन अपने सवालों को लेकर अपने सीट पर खड़े रहें, डटे रहें।
भाजपा विधायकों का सदन में हंगामा जारी
पिछले तीन दिनों से झारखण्ड विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दलों ने हंगामा मचा कर रखा हैं। मतलब आप ऐसे समझिये कि पिछले तीन दिनों से सदन का प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण, अल्पसूचित प्रश्न हंगामें की भेंट चढ़ जा रहे हैं। देखा जा रहा है कि सदन जैसे ही शुरु होता है, विपक्षी दल के नेता 60-40 नाय चलतो का नारा लगाते हुए सदन के वेल में पहुंच जाते हैं।
विधानसभाध्यक्ष प्रश्नकाल का एक-दो प्रश्न लेने की कोशिश करते हैं और ठीक इसके बाद वे सदन 12.30 तक के लिए स्थगित कर देते हैं। जैसे ही 12.35 में वे सदन में पहुंचते हैं, कहते है कि शून्य काल का सारा प्रश्न पढ़ा हुआ मान लिया गया। फिर ध्यानाकर्षण के सवालों को लेते हैं, फिर विपक्ष हंगामा करता है और उसके बाद सदन दो बजे तक के लिए स्थगित हो जाता है। ये गत सोमवार से ऐसा ही चल रहा है, ये कब तक चलेगा, इसका कोई अंत नहीं दिखता।
विपक्ष की मांगें हैं कि सरकार नियोजन नीति पर अपनी बातें स्पष्ट करें, 1932 के खतियान पर उसका आज का दृष्टिकोण क्या है, वो बताएं, वे इसका जवाब सरकार से मांग रहे हैं। आज तो आजसू विधायक दल के नेता सुदेश महतो ने स्पीकर को उनके फर्ज की याद दिलाई और कहा कि आपका भी फर्ज बनता है कि सरकार से जो सवाल पूछे जा रहे हैं, उनका जवाब आप सरकार से दिलवाएं। समाधान का रास्ता आपको ही निकालना है। अगर सदन नहीं चल रहा तो इसके लिए कार्यमंत्रणा की बैठक बुलाइये। सभी को विश्वास में लीजिये और सदन चलाइये।
मुख्यमंत्री हेमन्त ने भाजपा विधायकों के हंगामें पर ली चुटकी
इसी बीच हंगामा चलता रहा, आज भाजपा के रणधीर सिंह वेल में ही बैठ गये, जबकि 60-40 नाय चलतो का टी-शर्ट पहने भाजपा के विधायक सदन में हंगामा मचाते रहे। इसी बीच सदन के स्थगित हो जाने के बाद इस पूरे हंगामें पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भाजपा विधायकों से बातचीत करने के क्रम में अच्छी चुटकी ली और इन चुटकियों के माध्यम से अपना और अपनी सरकार का ध्यान आकृष्ट भी करवा दिया। जो प्रेस दीर्घा में बैठे पत्रकारों को भी सुनाई पड़ी।