रांची में रघुवर सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों व संस्कृतिकर्मियों का प्रतिवाद मार्च
1857 के झारखण्ड के शहीदों की स्मृति में बने शहीद – स्मारक पर, प्रतिवाद – संकल्प लेते हुए, आज वरिष्ठ लेखक, बुद्धिजीवी व सांस्कृतिक – सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर लगाए गए ” देशद्रोह ” तथा अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता – हनन के खिलाफ नागरिक प्रतिवाद ( बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे) कार्यक्रम किया ।
प्रतिवाद का नेतृत्व जाने-माने अर्थशाष्त्री ज्यां द्रेज़ , वरिष्ठ लेखक व जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविभूषण, चर्चित फिल्मकार मेघनाथ, वरिष्ठ पत्रकार किसलय के अलावे जनवादी लेखक संघ के एम. जेड खान, जसमं राष्ट्रिय सचिव मंडल के जेवियर कुजूर, जेम्स हेरेंज (संयोजक झारखण्ड नरेगा वाच), श्री विद्याधर ( भारतीय परिवर्तन मोर्चा ), आशीष कुमार ठाकुर (दलित -आदिवासी दुनिया , पत्रिका),तथा झारखण्ड जन संस्कृति मंच के अनिल अंशुमन इत्यादि ने किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने सभी 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर से “देशद्रोह” का मुकदमा अविलम्ब हटाने की मांग करते हुए कहा कि लोकतान्त्रिक ढंग से चुनी गयी सरकार, उससे असहमति रखनेवाले या विरोध करनेवालों पर देशद्रोह जैसा आरोप लगाती है तो यह लोकतंत्र का खुला उल्लंघन है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए। हाल के वर्षों में ये देखा जा रहा है कि जो लोग इस सरकार या इसके नेताओं की गलत नीतियों – कार्यों का विरोध करते हैं तो फ़ौरन उनपर राष्ट्रविरोधी या देशद्रोही होने का आरोप / केस थोप दिया जा रहा है । यह हमारे लोकतंत्र में “अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी” का सरासर उल्लंघन है। जिसका विरोध होगा ही।
उक्त कार्यक्रम से यह भी तय किया गया कि यदि सरकार “देशद्रोह” का मुकदमा नही हटाएगी तो नागरिक समाज इस सवाल पर व्यापक प्रतिवाद के लिए जनता के बीच जाएगा और जनदबाव खड़ा कर आम जन के लोकतांत्रिक अधिकारों की आवाज़ बुलंद करेगा।
नागरिक प्रतिवाद कार्यक्रम में झारखंडी – भाषा के शोध छात्र छोटू महतो, झामस के सुदामा खालको, युवा सामाजिक कार्यकर्त्ता आकाश, जलेस के अनिल ठाकुर, मो. खालिक समेत कई अन्य लोगों ने भाग लिया।