अपनी बात

मिलिये रांची के सीमा मिश्रा से जो प्रतिदिन तीन-चार घंटे देकर मास्क बनाती हैं और फिर जरूरतमंदों को दे देती हैं

फेस मास्क की सिलाई करती भारत की प्रथम महिला सविता कोविन्द की एक फोटो बहुत तेजी से कल वायरल हुई, जो आज बहुत सारे अखबारों की सुर्खियां भी बनी है, सचमुच ये खबर तो सुर्खियां बननी ही थी, बननी भी चाहिए, क्योंकि इस वैश्विक महामारी में भारत की प्रथम महिला का आगे आना एक संदेश है कि हमें अभी करना क्या है।

पर यह भी सच्चाई है कि देश में और भी कई महिलाएं हैं, जो सामान्य है, जो घरेलू कार्यों से लेकर राजनीति में सक्रिय हैं, वे बहुत दिनों से इस प्रकार के कार्यों को अपने हाथों में लेकर, बिना किसी प्रचार-प्रसार के, सेवा-कार्यों में लगी हैं। कई महिलाएं ऐसी भी हैं कि जो कर तो कुछ नहीं रही, पर इन्हीं महिलाओं से वो सारी फेस मास्क लेकर अपना नाम चमका रही हैं, पर इन सभी बातों को दरकिनार कर, कुछ महिलाएं ऐसी भी है, जो आज भी उतने ही तन्मयता से सक्रिय है, जैसा कि कल थी।

ऐसी ही एक महिला का नाम है सीमा मिश्रा, जो भारतीय जनता पार्टी की महिला इकाई से जुड़ी है, जैसे ही कोरोना संक्रमण का इन्हें पता चला और फिर इस संक्रमण में जैसे ही इन्हें फेस मास्क के महत्व का पता चला, वे बिना किसी से पूछे, अपने कामों को गति देने में लग गई। सीमा मिश्रा पिछले बीस दिनों से प्रतिदिन फेस मास्क बना रही है।

वो प्रतिदिन तीन से चार घंटे फेस मास्क बनाने में लेती है, तथा घर में बचे नये सूती कपड़ों से फेस मास्क बनाकर लोगों को उपलब्ध करा रही है। कभी-कभी वो खुद अपने व दूसरे मुहल्लों में चली जाती है, तथा उन फेस मास्क को दे दिया करती है, साथ ही बताती भी है कि फेस मास्क कितना जरुरी है, आज के इस कोरोना संक्रमण काल में। लोग भी उनकी बातों को ध्यान से सुनते हैं।

जब विद्रोही24 डॉट कॉम की नजर सीमा मिश्रा के इन कार्यों पर पड़ी तो सीमा मिश्रा का कहना था कि वो सिर्फ ये सब काम आत्मसंतुष्टि के लिए करती है, क्योंकि ये सब करने से अच्छा लगता है, जब विद्रोही24 डॉट कॉम ने पूछा कि आप इतने दिनों से अपने पैसे लगाकर सूती कपड़ों से फेस मास्क बनाकर लोगों को उपलब्ध करा रही हैं, पर अखबार व चैनल में आप कही नजर नहीं आ रही, जबकि आजकल लोग थोड़ा सा काम करते हैं, और अपनी कामों को मीडिया में लाने के लिए बहुत तरह के हथकंडे अपनाते हैं, तब उनका कहना था कि अगर हम मीडिया में आने के लिए ये सब काम करते हैं तो फिर काम और जनसेवा हो गया।

सीमा मिश्रा का एक ही लड़का है, जो बेंगलूरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है, पति रांची में ही रहते हैं, पर सीमा मिश्रा अपनी सारी पारिवारिक जिम्मेदारी निभाते हुए, बिना किसी स्वार्थ के फेस मास्क बनाकर लोगों की सेवा में लगी है। जहां-जहां इन्होंने फेस मास्क बांटे हैं, वहां के लोगों ने भी इनके द्वारा बनाई गई फेस मास्क की क्वालिटी की प्रशंसा की है।

हालांकि भाजपा की महिला राजनीति में सक्रिय सीमा मिश्रा के साथ और भी भाजपाई महिला है, जो फेस मास्क बनाने के काम में लगी है, पर सीमा मिश्रा इन सब पर भारी है, क्योंकि इन्होंने जो चार अप्रैल से फेस मास्क बनाना शुरु किया, उसे आज तक बनाना छोड़ा नहीं, जबकि कई लोग आज बनाये और दूसरे दिन छोड़ दिया। सीमा मिश्रा का यह कार्य सचमुच प्रशंसनीय है, भाजपा या अन्य दलों में शामिल जितनी भी महिलाएं हैं, उन्हें सीमा मिश्रा से ये सीख लेनी ही चाहिए, ताकि कोरोना के इस लड़ाई में भारत और अपना झारखण्ड बेहतर ढंग से विजय प्राप्त कर सकें।