मॉब लिंचिंग – अल्पसंख्यकों समेत हाशिये के नागरिकों के इन्साफ को लेकर अगस्त महीने में होगा रांची में राज्यस्तरीय कन्वेंशन
रांची में आयोजित प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए मशहुर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि यह मॉब लिंचिंग नही बल्कि “मोबलाइज़ लिंचिंग” है, अब कथित चोरी के नाम पर मॉब लिंचिंग हो रहा है, पहले किसी और नाम से होता था, झारखंड सरकार मोबलाइज़ लिंचिंग के मृतक तबरेज़ के परिवार समेत झारखंड में कुल 18 पीड़ित परिवार को इंसाफ़ दें, जिन्हें अब तक इंसाफ़ नही मिला है। जो सर्वधर्म के रहें हैं।
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि झारखंड के 19 आम नागरिकों को मृतक बना दिया गया, यह कैसा सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास है? जो दहशत का पर्याय बनते दिख रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रघुवर सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर पहल करते हुए विशेष क़ानून अविलंब लाना चाहिए, ताकि हाशिये पर गये लोगों के दिलों में थोड़ा सा सरकार के पक्ष में विश्वास जगे, कि सरकार उनकी भी सुन रही हैं।
उन्होंने कहा कि मृतक तबरेज़ अंसारी के परिवार के पास अब तक झारखंड सरकार नही पहुँची है, यह बहुत अफ़सोसनाक है, एसआईटी और पुलिस के कार्य से वे सहमत नही हैं, क्योंकि 12 घण्टे बाद पुलिस पहुँचती है और पुलिस कहती है कि यह चोर था और खरसावां पुलिस कप्तान कहते है कि यह चोर नही था, रघुवर सरकार को इस संबंध में कड़ा कदम उठाना चाहिए जो आरोपी है, उसके गले में बीजेपी का पट्टा था, इसलिए झारखंड सरकार अभी तक कोई कड़ा कदम नही उठा रही है।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अपमान कर रही है, उन्होंने कहा कि वे मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर यहां के सामाजिक-सिविल सोसाईटी के लोगों के साथ खड़े हैं। घटना स्थल एव जिला स्तर पर सभ्य-जागरूक नागरिकों को भी चाहिए कि ऐसे असामाजिक-उन्मादी-फ़सादी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो, इसके लिए वे सरकार पर दबाव बनाये।
उन्होंने कहा कि मोबलाइज़ लिंचिंग पर राज्यस्तर पर लीगल सेल बनाकर एक सप्ताह में क़ानूनी लड़ाई राज्य से केंद्र तक लड़ी जाएगी। मोबलाइज़ लिंचिंग-अल्पसंख्यक-हाशिये के नागरिकों पर इंसाफ़ के मुद्दों पर अगस्त में झारखंड राज्यस्तरीय कंवेंशन रांची में आयोजित किया जाएगा। जिसमें उनके साथ अन्य लोग भी शामिल होंगे, जो समाज के विभिन्न वर्गों से आते हैं।