रांची रेल मंडल का मुरी जं. स्थित महिला शौचालय का पुरुष करते हैं जबरन इस्तेमाल, पुरुषों के इन हरकतों से महिला रेलयात्री परेशान, पर रेल अधिकारियों को इनसे कोई मतलब नहीं
मुरी जंक्शन से यात्रा की शुरुआत करनेवाले या मुरी जंक्शन में यात्रा समाप्त करनेवाले रेलयात्रियों का परिवार इन दिनों काफी परेशान हैं। खासकर महिला रेलयात्री ज्यादा परेशान हैं। उसका मूल कारण मुरी जंक्शन के पश्चिम साइड में प्लेटफार्म नं. 2-3 पर बने महिला शौचालय का पुरुषों द्वारा जबरन इस्तेमाल है। देखा गया है कि इस महिला शौचालय पर पुरुषों का दल हमेशा मंडराता दिखता है और इस शौचालय का बलपूर्वक इस्तेमाल भी करता है।
पुरुषों के इस रवैये को देख महिलाओं का समूह डरता रहता है कि कही ऐसा नहीं कि वो महिला शौचालय का इस्तेमाल करें और फिर ये पुरुषों का दल जबरन महिला शौचालय में उसी वक्त प्रवेश कर जायें। आश्चर्य है कि ठीक इस महिला शौचालय के बगल में पुरुषों के लिए अलग से शौचालय बना हुआ हैं, पर ये बदमाश स्वभाव के लोग पुरुषों के लिए बने शौचालयों का इस्तेमाल न कर महिला शौचालय का ही इस्तेमाल करना ज्यादा पसन्द करते हैं।
जब विद्रोही24 ने इन घटिया स्तर की सोचवाले लोगों की हरकतें देखीं तो इनकी सोच के बारे में जानने की कोशिश की। विद्रोही24 ने जब महिला शौचालय का इस्तेमाल कर रहे लोगों से बात की और पूछा कि जब पुरुष शौचालय बना हुआ हैं तो आप पुरुषों के लिए बने शौचालयों का इस्तेमाल क्यों नहीं करते, महिला शौचालय का इस्तेमाल क्यो करते हैं? तब इन सभी का चेहरा देखनेलायक होता था। कोई मुस्कुराकर चल देता तो कोई बदन ऐंठ कर चल देता, जैसे उसने कोई बहुत बड़ा करिश्मा कर दिया हो।
आश्चर्य है कि ये घटियास्तर की सोचवाले लोग महिला शौचालयों पर कब्जा जमाते रहते हैं, पर वहां कार्यरत रेल अधिकारियों व रेल पुलिस इन लोगों पर कार्रवाई नहीं करती। विद्रोही24 ने जब इन लोगों की हरकतें देखी, तो इनका विजुअल उतारा और आपके समक्ष रखने का प्रयास किया। ये सारे विजुअल आपके समक्ष हमने रख दिये हैं और आप स्वयं सोचे कि क्या ये सभ्य समाज में उचित है?
आखिर इसके लिए कौन दोषी है? किसे सजा मिलनी चाहिए? आखिर इसे कौन रोकेगा? ये सारे के सारे दृश्य 20 सितम्बर की सुबह के हैं, जब इस्लामपुर से आनेवाली और हटिया को जानेवाली 18623 अप इस्लामपुर हटिया एक्सप्रेस मुरी जंक्शन के प्लेटफार्म नं. 2 पर लगी थी। आश्चर्य इस बात की भी है कि गाड़ी स्टेशन पर खड़ी थी। लोग बड़ी संख्या में इन बदमाशों का हरकत देख रहे थे, पर किसी ने इन्हें रोकने की भी कोशिश नहीं की, कि आखिर ये गलत काम क्यों कर रहे हैं? किसी ने यह पूछने की कोशिश नहीं की, कि अगर महिला शौचालयों का इस्तेमाल पुरुष ही करेंगे तो फिर महिलाएं कहां जायेंगी?