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दुमका में आयोजित भाजपा की परिवर्तन रैली में न जनता दिखी न दिखे कार्यकर्ता, आपसी सिरफुटौव्वल का खुला नजारा देख, राजनीतिक पंडितों ने ली चुटकी, कहा यहां भाजपा पूरी तरह साफ

उपर में खाली कुर्सियों से पटी जो सभा आप देख रहे हैं। ये सभा है – भारतीय जनता पार्टी के परिवर्तन रैली के समापन का, जो दुमका के आउटडोर स्टेडियम में कल संपन्न हुई। इस रैली को संबोधित किया था, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के साथ-साथ मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने।

यह फोटो उस समय का है, जब अर्जुन मुंडा का भाषण समाप्त हो चुका था और मंच संचालक बाबूलाल मरांडी को भाषण देने के लिए आमंत्रित कर रहे थे। इसका वीडियो आज भी विद्रोही24 के पास मौजूद है। जो चाहे वो यहां आकर देख सकता है। भाजपा के दुमका की यह सभा साफ कह दे रही है कि दुमका में भाजपा पूरी तरह से साफ होने को तैयार है। चाहे वो कुछ भी कर लें।

दुमका के राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस सभा में भीड़ की संख्या पांच से सात सौ लगभग थी। कमाल है भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बाल मुंकुद सहाय जो भाजपा को खुल कर चला रहे दीपक प्रकाश के सजातीय और खासमखास है, पिछले चार दिनों से यहां बैठे थे, व्यवस्था देख रहे थे। आखिर उन्होंने कौन सी व्यवस्था देखी कि भीड़ परिवर्तन रैली में दिखी ही नहीं। ज्यादातर कुर्सियां खाली क्यों और कैसे रह गई?

राजनीतिक पंडित कहते है कि इस रैली का प्रभारी पूर्व मंत्री लुईस मरांडी और पूर्व जिलाध्यक्ष निवास मंडल को बनाया गया था, जिसके उपर दुमका सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव हार चुकी सीता सोरेन भी गंभीर आरोप लगा चुकी है। लोग कहते है कि चूंकि प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा से इसकी गजब की सेटिंग हैं। इसलिए ये अभी भी दुमका में महान बना हुआ है।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो यहां का वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव कांत को लेकर अभी भी भाजपा कार्यकर्ताओं में गजब का आक्रोश हैं। वे अभी भी इसे स्वीकार नहीं कर रहे तथा इसके खिलाफ जमकर आंदोलन भी चला रहे हैं। जिसका प्रभाव भी कल के समापन रैली में दिखा। कमाल है, जिस गौरव कांत को प्रदेश के नेता जिलाध्यक्ष बनाकर फूले नहीं समा रहे, उस गौरवकांत को दुमका के  ही भाजपा कार्यकर्ता पचाने तक को तैयार नहीं हैं।

राजनीतिक पंडित कह रहे है कि कल की समापन समारोह के कार्यक्रम में पांच हजार लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। लेकिन वो व्यवस्था कही दिखी नहीं। कुल मिलाकर न तो इस रैली में जनता ने भाग लिया और न ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने। कल की रैली गौरवकांत और उनके परिवारों की रैली बनकर सिमट गई। राजनीतिक पंडित साफ कहते है कि कल की रैली साफ बताता है कि भाजपा संताल परगना में जमीनी स्तर पर कही नहीं दिख रही। दुमका से इस बार भी लुईस मरांडी का हारना तय है, क्योंकि जिन लोगों को भाजपा ने यहां दायित्व सौंपा है। वो आम जनता और कार्यकर्ताओं में पूरी तरह अलोकप्रिय है।

राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है कि दुमका में जब से जिला अध्यक्ष गौरव कांत को बनाया गया है। लगातार दुमका जिले के सभी मंडलों व सभी पंचायतों में उसका जोरदार विरोध हो रहा है। लोग बताते है कि कल के कार्यक्रम के फेल होने से यह बात प्रमाणित हुआ कि गौरवकांत राजनीतिक रूप से पूर्ण रूपेण फेल साबित हुए है।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो दुमका जिला का एक-एक कार्यकर्ता यह जानता है कि दुमका में कहने को जिला अध्यक्ष गौरव कांत प्रसाद है, लेकिन सारा काम निवास मंडल ही करता है। वह जो चाहता है गौरवकांत वही करता है। कौन मंच पर बैठेगा? कौन  संचालन करेगा? कौन माला पहनाएगा? कौन बुके देगा? इस प्रकार यह प्रमाणित होता है कि इन लोगों के द्वारा पुनः दुमका में विधानसभा चुनाव के सभी सीटों पर भाजपा को हराने की तैयारी लगभग तय है।