हजारों भूमिहारों को जमामो माता का झूठी कसम खिलवाकर निरंजन राय फिर से भाजपा में हुआ शामिल, इधर इस घटना से आक्रोशित भूमिहारों ने भाजपा को हराने की ठानी, झामुमो की धनवार में स्थिति हुई मजबूत
“हाथ उठाइये, सब भूमिहार हाथ उठाइये, टोटल भूमिहार हाथ उठाइये, कहां उठा रहा हैं सब, सब आदमी हाथ उठाइये, सब खड़ा होइये, टोटल आदमी हाथ उठाकर कसम खाइये, ए चलिये, हम बोलते जायेंगे आप सब बोलियेगा, हल्ला कोई नहीं कीजियेगा। मैं जमामो माता की कसम खाता हूं कि किसी भी सूरत में रवीन्द्र बाबा आवे या लक्ष्मण बाबा आवे, हम नहीं बदलेंगे। हम निरंजन राय के साथ हैं, निरंजन राय चुनाव लड़ने को तैयार है। बोलिये जमामो माता की जय, हर,हर महादेव।”
(हम बता दें कि निरंजन राय द्वारा भूमिहारों को खिलाये गये कसम की वीडियो विद्रोही24 के पास आज भी सुरक्षित है। निरंजन राय ने ये कसम 24 अक्टूबर 2024 को संध्या 16.46 मिनट पर एक विशाल वृक्ष के नीचे बने खूले मंच पर खिलवाई थी। उस वक्त निरंजन राय काले पैंट और पीले कुर्ते में मंच पर विद्यमान होकर खुद हाथ में माइक लेकर कसम खिलवा रहा था।)
ये कसम हैं, धनवार के भूमिहारों का, कसम किसने खिलवाया तो निरंजन राय ने, किसकी कसम दिलाई तो जमामो माता की और आज क्या हुआ तो निरंजन राय चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं। निरंजन राय अमित शाह के गोद में बैठकर बाबूलाल मरांडी को जीताने का अमित शाह के समक्ष कसम खा लिया हैं। यह चरित्र है, आज के राजनीतिबाजों का। मैं राजनीतिबाज इसलिए लिख रहा हूं, क्योंकि राजनीतिज्ञ लिखूंगा तो इस शब्द से वैसे राजनीतिज्ञों का अपमान हो जायेगा, जिन्होंने अपने चरित्र के बल पर देश व समाज का नाम रौशन किया। निरंजन राय जैसे लोग तो अपने जाति/समुदाय तक के लोगों के लिए कलंक है, ये राजनीतिज्ञ कैसे हो सकता है, इसलिए इसके लिए राजनीतिबाज ही शब्द ठीक रहेगा।
इधर निरंजन राय द्वारा पलटी मार दिये जाने से धनवार के भूमिहार निरंजन राय की हरकतों से खफा है। जैसे ही यह घटना घटी। हजारों भूमिहारों ने एक सभा की और उस सभा में एक ने कहा कि पहले तो निरंजन राय ने उनलोगों से कसमें खिलवाई और आज खुद ही कसम तोड़कर भाजपा में शामिल हो गये। अगर उनको भाजपा में शामिल ही होना था तो पहले जैसे पांच हजार भूमिहारों को कसम खिलवायें थे। उन्हें पहले हम भूमिहारों को विश्वास में लेना था। लेकिन उन्होने विश्वास में नहीं लिया और खुद ही निर्णय ले लिये।
आक्रोशित भूमिहारों का कहना है कि निरंजन राय ने हम सभी को बीच मझधार में छोड़ा है। निरंजन राय को भाजपावाले हेलीकॉप्टर पर बैठाकर ले जा सकते हैं। लेकिन हमारे वोट को वो नहीं ले जा सकते। इसी बीच भीड़ से आवाज आती हैं कि बीजेपी को वोट मत दो। अब झामुमो को जीताओ। इधर कइयों ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब आप सभी भूमिहार स्वतंत्र हैं। आपको जिसे वोट देना है, दीजिये। लेकिन याद रखिये, जो निरंजन राय को हाईजैक करके ले गये हैं। उन्हें जवाब देना है। यानी भाजपा को शिकस्त देनी है। कइयों ने कहा कि कार्यकर्ताओं की पीड़ा ये लोग नहीं जान सकते। निरंजन राय और भाजपा के लोगों ने हमलोगों के आंखों में धूल झोंका हैं, तो परिणाम उन्हें ही भुगतना पड़ेगा।
इधर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जिस उद्देश्य से भाजपा के शीर्षस्थ नेता निरंजन राय को अपनी पार्टी में मिलाये हैं। अब ये घटना भाजपा के लिए ही भारी पड़ती हुई दिख रही हैं। जो अखबार के लोग, ये लिख रहे हैं कि निरंजन राय के भाजपा में शामिल होने से भाजपा मजबूत हो गई। बाबूलाल मरांडी मजबूत हो गये। उन्हें नहीं पता कि अब बाबूलाल मरांडी धनवार से और कमजोर हो गये। अब तो उनकी हार और सुनिश्चित हो गई, क्योंकि जमामो माता की कसम खानेवाले हजारों की संख्या में भूमिहार इस बात को कैसे भूल जायेंगे कि उन्होंने भाजपा को सबक सिखाने की कसमें खाई हैं और वो कसम नहीं पूरा हुआ तो जब जमामो माता अपना कोप दिखाना शुरु करेंगी तो उसका परिणाम क्या होगा। क्योंकि ईश्वर के सामने झूठी कसमें खाने का क्या परिणाम होता हैं, वो तो भूमिहारों से बेहतर और कौन जान सकता है।