अपराध

निशिकांत का आरोप HC को JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन के अधिवक्ता द्वारा दी गई गलत जानकारी, लोकपाल मामले में स्थगन आदेश को निरस्त करने के लिए हस्तक्षेप याचिका दायर

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल में चल रहे केस संख्या 38/2020 में एक नया मामला सामने आ गया है। लोकपाल मामले में ही दिल्ली हाईकोर्ट से जारी स्थगन आदेश मामले के बाद जो लोकपाल ने भाजपा सांसद निशिकांत दूबे को जो पत्र जारी कर सूचना दी है। वो चौकानेवाला है। जिसमें एक नई बात आ रही है। इधर इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने दिल्ली हाईकोर्ट से मिले स्थगन आदेश को निरस्त कराने के अनुरोध के साथ हस्तक्षेप याचिका दायर कर सुनवाई का आग्रह कर डाला है।

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक़ शिबू सोरेन के वकील की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट को बताया गया था कि इस मामले में लोकपाल और निशिकांत दूबे को अग्रिम सूचना दी गई है, लेकिन उन दोनों की तरफ़ से कोई कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। कोर्ट ने इसके बाद स्थगन आदेश दे दिया और 14 दिसम्बर को अगली सुनवाई की तारीख़ तय कर दी।

अब लोकपाल ने निशिकांत दूबे को भेजी जानकारी में कहा है कि उन्हें 12 सितम्बर 11.30 बजे इसी मामले को लेकर एक अधिवक्ता ने मेल कर बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले में स्थगन आदेश दिया है और आपको नोटिस जारी किया है। फिर 13 सितम्बर को हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी भेजी गयी। भाजपा सांसद निशिकांत दूबे का भी कहना है कि उन्हें इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश की सूचना समाचार माध्यम से मिली। इससे पहले उन्हें या लोकपाल को भी कोई अग्रिम जानकारी नहीं मिली थी ताकि वे 12 सितम्बर को अपना पक्ष रख सकें।

भाजपा सांसद निशिकांत दूबे का कहना है इसका मतलब है यह तथ्य को छिपाकर एवं सूचना दिये जाने की झूठी जानकारी अदालत को देकर, अदालत को गुमराह करने का काम किया गया है। इसीलिये वे आदेश निरस्त कराने की गुहार लेकर हस्तक्षेप याचिका दायर किये हैं। इसी बीच भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने इन्हीं दो मामलों को लेकर आज ट्विट किया जो चर्चा का विषय बना हुआ है।

पहला ट्विट है – “इ सोरेन परिवार तो लोकपाल से भी झूठ बोला और दिल्ली हाई कोर्ट को औरों झूठ बोलकर न्यायालय की अवमानना किया। अब तो भगवान ही मालिक है, गोबेल्स साहब से मुकाबला सोरेन परिवार ही कर सकता है।” जबकि दूसरा ट्विट है – “अब ना बच पाओगे, झारखण्ड की जनता से वादाखिलाफी और झूठ से तो बच रहे थे, कोर्ट, भारत निर्वाचन आयोग, आयकर व प्रवर्तन निदेशालय इ सबसे भी लगातार झूठे बोलते रहे, अब सब पकड़ा गया, झारखण्ड में एक था सोरेन परिवार? यही होनेवाला है।”