फर्जी प्रमाण पत्र व झूठे शपथ पत्र देकर निशिकांत ने गोड्डा से जीता चुनाव, विष्णुकांत ने देवघर थाने में लिखाई रपट, झामुमो ने भी उठाए सवाल
विष्णुकांत झा ने देवघर थाना में इस बात की शिकायत दर्ज कराई है कि गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने जाली प्रमाण पत्र के आधार पर झूठा शपथ पत्र दाखिल कर लोकसभा का चुनाव जीता है, इसलिए इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर, कानूनी कार्रवाई की जाय। इधर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने भी रांची में संवाददाता सम्मलेन कर भारत निर्वाचन आयोग व लोकसभाध्यक्ष से इस मामले में संज्ञान लेकर उचित कदम उठाने का अनुरोध किया है।
देवघर थाने में दी गई शिकायत में लिखा गया है कि निशिकांत दूबे ने लोकसभा चुनाव 2009 में अपने शपथ पत्र में दिनांक 28 मार्च 2009 को अपना अंतिम शैक्षणिक योग्यता दिल्ली विश्वविद्यालय में एमबीए लिखा था और लोकसभा चुनाव 2014 में भी उम्मीदवार के रुप में अपने शपथ पत्र में एक अप्रैल 2014 को अपना अंतिम शैक्षणिक योग्यता दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए ही लिखा। निशिकांत ने अपने शपथ पत्र में 26 अप्रैल 2019 को अपना अंतिम योग्यता पीएचडी लिखा है, जाहिर है बिना स्नातकोत्तर के कोई भी व्यक्ति पीएचडी नहीं कर सकता।
विष्णुकांत झा ने अपने शिकायत में प्रमाण के साथ कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से जब इस संबंध में जानकारी हासिल की गई, तब दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पष्ट जवाब दिया है कि निशिकांत दूबे नाम का कोई भी व्यक्ति वर्ष 1993 में न तो दाखिला लिया और न ही यहां से पास आउट हुआ है। इसका मतलब है कि निशिकांत दूबे ने फर्जी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर, फर्जी शपथ पत्र के आधार पर लोकसभा चुनाव 2019 में उम्मीदवार बने और उसी आधार पर सांसद बन गये। बताया जाता है कि निशिकांत दूबे से संबंधित जानकारी सूचना के अधिकार के तहत गोरखपुर के रहनेवाले विजयेन्द्र कुमार पांडे ने मांगी थी, जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय ने उपलब्ध कराया, जिसमें इस बात का जिक्र है कि निशिकांत दूबे नाम का कोई भी व्यक्ति उस काल में न तो दाखिला लिया और न ही पास आउट हुआ।
इधर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची में संवाददाता सम्मेलन कर, इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा में ऐसे लोगों की भरमार है, कई केन्द्रीय मंत्री व फायरब्रांड नेता इस प्रकार का फर्जीवाड़ा कर कर चुके हैं, उन्होंने यह भी कहा कि निशिकांत दूबे यहीं नहीं एक पवित्र स्थान की जमीन, जिसकी कीमत करीब 20 करोड़ थी, उसे तीन करोड़ में ही लेकर मामले को अपनी ओर कर लिया। सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मामले को भारत निर्वाचन आयोग व लोकसभाध्यक्ष के समक्ष भी रखने की बात कही है, उनका कहना था कि इस मामले पर दोनों को संज्ञान लेना चाहिए और निशिकांत दूबे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।