भगवान राम का काज करने का सौभाग्य सभी को थोड़े ही मिलता है, ये तो हमारा सौभाग्य है कि हम अयोध्या से आये निमंत्रण पत्र और अक्षत को घर-घर बांट रहे हैं – सीपी सिंह
उधर अयोध्या से भगवान श्रीराम का निमंत्रण अक्षत आया और इधर रांची के भाजपा विधायक सीपी सिंह अपनी मंडली के साथ निकल पड़े अपने इलाके के श्रीरामभक्तों को निमंत्रण पहुंचाने। स्थिति ऐसी हैं कि वे निकलते हैं अपने घरों से कुछ लोगों को लेकर, पर जैसे ही मुहल्ले की ओर बढ़ते हैं, उनकी टोलियों की संख्या में भारी वृद्धि हो जाती हैं। टोलियों में श्रीराम भक्तों के भाव और उनके उमंग तथा दूसरी ओर निमंत्रण अक्षत प्राप्त करनेवाली माताओं-बहनों के अंदर छुपी श्रीरामभक्ति को देखकर कहीं-कहीं वे भाव-विह्वल भी हो जा रहे हैं।
विद्रोही24 जब उनसे संपर्क करता है तो वे निमंत्रण अक्षत बांटने और प्राप्त करनेवाले भक्तों के भाव का जब वर्णन करते हैं, तो वे भावुक हो जाते हैं। वे कहते हैं कि बात ये पीले रंग के अक्षत की नहीं, बल्कि इसमें छुपे भाव की है। शायद इस मर्म को रांची का प्रत्येक रामभक्त समझ चुका है तभी तो वो जयश्रीराम का नारा लगा रहा है।
तभी तो वो पीली अक्षत की पुड़िया को प्राप्त करने के लिए घरों से बाहर निकल रहा है। वे कहते हैं कि जब वे घर-घर पहुंच रहे हैं और जब महिलाएं आंचल फैलाकर जब वो पीली अक्षत, निमंत्रण पत्र स्वीकार करती हैं, तो वह दृश्य मनोहारि होता है। उस मनोहारि दृश्य का आप शब्दों में वर्णन नहीं कर सकते।
वे कहते हैं कि वे तो शुरु से ही श्रीराम आंदोलन से जुड़े रहे हैं। उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके समक्ष यह आंदोलन सफल होता दिखा है। आज भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर बनकर तैयार है। वे इसका निमंत्रण पत्र बांट रहे हैं। ऐसा सौभाग्य सभी को कहां मिलेगा। हमें गर्व हैं कि हमारे पूर्वजों द्वारा जारी आंदोलन 550 वर्षों बाद सफल हुआ है। यह श्रेय हमारे पार्टी के नेताओं को भी जाता है। वे कहते हैं कि वे जिस मुहल्ले में गये, उस मुहल्ले में सभी लोगों ने भगवान श्रीराम के इस आमंत्रण पत्र को इस प्रकार स्वीकार किया, जैसे भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा हो।
वे कहते हैं कि विद्यानगर, श्रीनगर, किशोरगंज, कैलाश मंदिर का इलाका, रातू रोड, विकास नगर, लक्ष्मीनगर ये सारे इलाके में जाकर निमंत्रण पत्र बांट चुके हैं। वे एक जनवरी से बांटना शुरु किये हैं जो 15 जनवरी तक चलेगा। इसी बीच इसे अपने भाव में विद्रोही24 को देख मुस्कुराते हुए कहते हैं कि – रामकाज किन्हे बिना मोहिं कहां बिश्राम।
उनके साथ स्पीकरयुक्त एक वाहन भी चल रहा हैं, जिसमें श्रीराम जी का भजन और अयोध्या आमंत्रण से संबंधित उद्गार व्यक्त हो रहा होता है। वे बताते है कि एक दिन एक भक्त बोयाम लेकर उनके घर पहुंच गये कि उन्हें श्रीरामजी का पीला अक्षत चाहिए, वे बताते है कि उन्होंने उस भक्त को बताया कि भाई यहां बोयाम की जरुरत नहीं, बल्कि पुड़ियावाली अक्षत ही मिलेगी और जब उनके घर जाकर वो पुड़िया उपलब्ध कराई तो वे भी श्रीराम के आगे नतमस्तक दिखे।
सीपी सिंह कहते है कि भगवान राम के आगे कौन टिकेगा। वे धन्य हैं, जिन्हें निमंत्रण मिला, जिन्हें निमंत्रण पत्र प्राप्त हो रहा हैं। जो दल इस कार्यक्रम का बहिष्कार करता है, वो कर्म अभागा है, ऐसे लोगों को भगवान श्रीराम का आशीर्वाद कहां से प्राप्त होगा। भगवान श्रीराम का आशीर्वाद भी भाग्य वाले को मिलता हैं। उन्हें खुशी है कि वे भगवान राम के काम-काज में लगे हैं। अंत में जयश्रीराम कहकर बातें समाप्त करते हैं और फिर आगे की चल देते हैं।