राजनीति

धनबाद में हो रही अवैध कमाई से सिर्फ नेता ही नहीं, पत्रकार भी हो रहे मालामाल – बाबू लाल मरांडी

धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर राज्य में कथित जंगल राज के आगमन को लेकर आयोजित एक धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाजपा विधायक दल के नेता बाबू लाल मरांडी ने साफ कहा कि राज्य में खासकर धनबाद में चल रहे अवैध कमाई से केवल नेता ही नहीं, बल्कि पत्रकार भी मालामाल हो रहे हैं, नेता व पत्रकार दोनों को लूट का बड़ा हिस्सा मिल रहा है। उन्होंने साफ कहा कि राज्य की जनता की सुरक्षा भाजपा का नैतिक कर्तव्य और धर्म है, इसके लिए भाजपा को जो भी करना होगा करेगी, पार्टी सड़कों पर भी संघर्ष करने के लिए तैयार है।

उन्होंने राज्य की वर्तमान दयनीय दशा पर दुखी मन से कहा कि बर्बाद-ए-गुलिस्तां की खातिर बस एक ही उल्लू काफी है, यहां हर साख पर उल्लू बैठा है, अंजाम-ए-गुलिस्ता क्या होगा? उन्होंने कहा कि धनबाद में चौपट होती विधि व्यवस्था हो या कोयले की लूट, हत्या हो या दुष्कर्म की घटनाएं, एकमुश्त राशि के लिए धमकियां हो या उद्यमियों का पलायन बताने के लिए काफी है कि राज्य की क्या स्थिति हैं?

प्रदेश में अपराधियों ने अपना खुला साम्राज्य स्थापित कर लिया है, जब तक इस सरकार को जड़ से समाप्त नहीं कर दिया जाता, प्रदेश में अमन-शांति की बहाली की संभावना न के बराबर है। उन्होंने राज्य की हेमन्त सरकार और धनबाद के एसएसपी की इस बात को लेकर कड़ी आलोचना की, इन दोनों के कारण धनबाद की स्थिति बद से बदतर हो गई।

धनबाद के राज सिन्हा और संचालक संजय झा ने धनबाद के एसएसपी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस शख्स ने धनबाद की ऐसी स्थिति कर दी हैं कि आज एक डाक्टर धनबाद में रहने को तैयार नहीं, वो पूरे परिवार के साथ दूसरे जगह पर शिफ्ट होने की तैयारी कर रहा है। कई वक्ताओं ने कहा कि धनबाद की जैसी आज की स्थिति हैं, वैसी स्थिति कभी नहीं रही।

इधर राजनीतिक पंडित की मानें, तो बाबू लाल मरांडी का ये कहना कि धनबाद में लूटतंत्र में पुलिस-नेता-पत्रकार गठजोड़ शामिल हैं, बताने के लिए काफी है कि धनबाद की कितनी स्थिति खराब है, जब पत्रकार ही इस प्रकार की अवैध कमाई में संलिप्त हो जायेंगे तो सामाजिक ढांचा ही समाप्त हो जायेगा, अखबार-चैनलों व पोर्टलों के मालिकों को चाहिए कि ऐसे पत्रकार जो इस प्रकार के अवैध धंधे में लिप्त हैं, उन्हें अपने संस्थान से हटाएं या जो स्वतंत्र पत्रकारिता करते हैं, उनका सामाजिक बहिष्कार करें।