कार्मिक विभाग ने जारी की CS को नोटिस, अमित खरे CS पद के प्रबल दावेदार
आखिरकार कार्मिक विभाग ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को चारा घोटाले मामले में नोटिस जारी कर ही दिया। नोटिस में संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय द्वारा उठाये गये सारे मामले व केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो से संबंधित नोटिस को समावेशित किया गया है तथा उन्हें इस संबंध में अपना पक्ष शीघ्र रखने को कहा गया है। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले दिनों ही इस बात के संकेत दे दिये थे, कि वे इस प्रकरण पर मुख्य सचिव को छूट नहीं देने जाने रहे, इसलिए उन्होंने कार्मिक विभाग को निदेश दिया था कि वह जल्द इस मामले में मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहे।
इधर नैतिकता के आधार पर वर्तमान अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह द्वारा अपने पद से हटने का आग्रह करना भी एक प्रकार से नैतिक दबाव का कारण बन गया, जिसके कारण कार्मिक विभाग के पास कोई विकल्प नहीं बचा और आज मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को नोटिस जारी कर दिया गया।
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने चाईबासा की उपायुक्त पद पर रहते हुए न तो कोषागार का निरीक्षण किया, न ही मासिक एकाउंटस एजी को भेजी। कुछ एकाउंटस भेजे भी, लेकिन उन पर जूनियर अफसरों के हस्ताक्षर थे। इसी दौरान 1998 में सीबीआई ने इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार को भेजी थी। तत्कालीन मुख्य सचिव को सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट और केस फाइंडिग्स देते हुए कहा था कि सरकार राजबाला पर मेजर पनिशमेंट चलाएं। राज्य सरकार ने कार्रवाई के नाम पर उनसे प्रतिक्रिया लेनी चाही, 30 से भी अधिक रिमाइंडर भेजे, पर राजबाला वर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया, यानी जिसका जवाब 15 दिन में देना था, उस जवाब को देने में 14 साल बीत गये।
इसी बात को संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कई स्थानों पर उठाया तथा इस संबंध में मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र भी लिखे और मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। इसी मुद्दे को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा झारखण्ड विकास मोर्चा के नेताओं ने भी जोर-शोर से उठाया तथा इस मुद्दे को आगामी विधानसभा की शीतकालीन सत्र में उठाने का मन बना लिया। मुख्य सचिव प्रकरण पर मुख्यमंत्री रघुवर दास की भी अग्नि परीक्षा प्रारंभ हो गई थी, तथा पूरी सरकार विपक्ष के कटघरे में आ रहा था।
इधर कार्मिक विभाग द्वारा नोटिस जारी करने तथा अपना पक्ष रखने को कहने से मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा जो दांव पर लगी थी, फिलहाल बचती दीख रही हैं, पर जिस प्रकार से मुख्य सचिव के खिलाफ माहौल बन रहा है, उससे नहीं लगता कि आनेवाले समय में राजबाला वर्मा अब ज्यादा दिनों तक मुख्य सचिव के पद पर बनी रहेंगी, सूत्र बताते है कि हो सकता है कि जल्द ही मुख्यमंत्री रघुवर दास मुख्य सचिव मामले में निर्णय ले तथा अपने उपर लग रहे दाग को हटाने के लिए वे मुख्य सचिव पद पर जल्द ही किसी नये चेहरे को लाकर बिठा दें, हालांकि फिलहाल मुख्य सचिव पद पर अमित खरे का ही पलड़ा भारी दीख रहा है। इधर स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने देर से ही सही, पर एक सुंदर निर्णय लिया है, जिसकी सराहना होनी चाहिए।
राजबाला वर्मा को जाना ही चाहिये, अगर CM यह डिसीजन लेते हैं यह उन के हक में भी होगा