अपनी बात

अब झारखण्ड के पत्रकार प्रेस क्लबों में पुलिस अधिकारियों का जन्मदिन मनायेंगे, उनसे दिशा-निर्देश लेकर जीवन धन्य करेंगे, इस नई परम्परा की शुरुआत कल से शुरु हुई, रांची प्रेस क्लब ने जताया ऐतराज

सचमुच अब झारखण्ड के पत्रकारों का समूह जल्द ही अपने-अपने प्रेस क्लबों में पुलिस पदाधिकारियों का जन्मदिन मनायेंगे। उनसे दिशा-निर्देश लेकर अपना जीवन धन्य करेंगे। इस नई और दिव्य परम्परा की शुरुआत झारखण्ड के धनबाद से शुरु हुई है। जहां कतरास प्रेस क्लब के पत्रकारों ने वहां की डीएसपी निशा मुर्मू का अपने प्रेस क्लब में जन्मदिन मनाकर इस नई परम्परा की शुरुआत की।

धनबाद के कतरास प्रेस क्लब में हुई इस नई परम्परा की शुरुआत की चर्चा केवल धनबाद में ही नहीं, बल्कि पूरे झारखण्ड में हैं। इस नई परम्परा की शुरुआत से पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग हैरान है। बताया जा रहा है कि कतरी नदी स्थित प्रेस क्लब, कतरास में कल यानी शुक्रवार को दोपहर समय विशेष आमंत्रित अतिथि बाघमारा डीएसपी निशा मुर्मू के आगमन पर क्लब के पत्रकारों ने उन्हें सम्मानित किया।

कार्यक्रम में पहुंची डीएसपी निशा मुर्मू को क्लब के संरक्षक उमेश श्रीवास्तव, दिलीप वर्मा ने बुके देकर सम्मानित किया। मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए डीएसपी निशा मुर्मू ने पुलिस-पत्रकार मैत्री को मजबूत बनाने पर बल दिया। वो बोली पत्रकार और पुलिस एक दूसरे का पूरक है। इस परंपरा को हम दोनों निर्वहन करें। तभी हम एक मजबूत समाज का निर्माण कर सकते है। पॉजेटिव और निष्पक्ष खबरों से समाज को अच्छा संदेश जाता है। स्वस्थ आलोचना का पुलिस स्वागत करती है।

इस दौरान प्रेस क्लब परिवार ने केक काटकर डीएसपी निशा मुर्मू का जन्मदिन मनाया। साथ ही उन्हें शुभकामनाएं दी। प्रेस क्लब के अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान, कार्यकारी अध्यक्ष राम पांडेय ने क्लब में शुभ उपस्थिति के लिए डीएसपी निशा मुर्मू के प्रति आभार व्यक्त किया। क्लब के पदाधिकारियों ने निशा मुर्मू को प्रेस क्लब का मोमेंटो देकर आतिथ्य स्वागत किया। इस दौरान सुधीर सिंह व मो. कलाम ने उन्हें विशेष उपहार भी दिये।

कार्यक्रम की सफलता में प्रेस क्लब के दीपक गुप्ता व सुमन सिंह का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब के महासचिव विनोद रजक ने डीएसपी निशा मुर्मू के प्रति आभार व्यक्त किया। मौके पर क्लब के संरक्षक उमेश श्रीवास्तव, दिलीप वर्मा, मुस्तकीम अंसारी, अध्यक्ष इंद्रजीत पासवान, कार्यकारी अध्यक्ष राम पाण्डेय, महामंत्री विनोद रजक, जितेंद्र कुमार जीतू, प्रेम कुमार साव, दीपक गुप्ता, अब्दुल हमीद, निकेश पांडेय, सुमन सिंह, उपाध्यक्ष सोहन विश्वकर्मा, मो कलाम, मो राजा खान, विश्वजीत चटर्जी, कुमार अजय, समर शक्ति सिंह,अविनाश मिश्रा, मुन्ना ठाकुर, इत्यादि उपस्थित थे।

इधर प्रभात खबर जमशेदपुर के संपादक व रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र से विद्रोही24 के संपादक ने इस मुद्दे पर बातचीत की। तब वे यह सुनकर हैरान रह गये। साथ ही डीएसपी के इस कथन पर कि पुलिस और पत्रकार एक दूसरे के पूरक है। ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि पुलिस और पत्रकारों के बीच में अन्योन्याश्रय संबंध हो सकता है, लेकिन वे एक दूसरे के पूरक नहीं हो सकते। पुलिस से जान-पहचान होना और दोस्ती होना दोनों दो अलग-अलग चीजें हैं। पुलिस और पत्रकार का संबंध आग और पानी की तरह होता है, जिनका स्वभाव एक दूसरे के विपरीत है।

अगर पत्रकार और पुलिस एक दूसरे के पूरक हो जायेंगे तो फिर कभी कोई जनता किसी पत्रकार के पास अपना दुखड़ा रोने नहीं जायेगी और न कोई पत्रकार उस स्थिति में होगा कि वो जनता की बातें, जनता के समक्ष रख सकें, सरकार के समक्ष रख सकें, उन्हें उनकी समस्याओं से निजात दिला सकें। सच्चाई यह है कि इससे तो पत्रकारिता का ही बंटाधार हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि अगर किसी पत्रकार को किसी पदाधिकारी के प्रति सम्मान है तो वो अपने घर ले जाकर उस पुलिस पदाधिकारी का सम्मान करें, जन्मदिन मनाएं, वो अलग बात है, पर प्रेस क्लब में इस प्रकार का जन्मदिन मनाया जाना, केक काटना एक गलत परम्परा की शुरुआत है। यह जितना जल्द बंद हो जाय। उतना ठीक है। नहीं तो जनता के बीच पत्रकारों की स्थिति बेहद ही निम्नस्तर की हो जायेगी। ये सभी को समझ लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पदाधिकारियों को भी चाहिए कि पत्रकारों द्वारा इस प्रकार के जो आयोजन किये जा रहे हैं, उससे वे दूरियां बनाये, क्योंकि ये सस्ती लोकप्रियता उन्हें भी कहीं का नहीं छोड़ेगी।