अब शुरु हुआ CM रघुवर का मोदी स्टाइल में प्रचार प्रारम्भ, यानी काम हो या न हो, पर प्रचार जरुरी है
चाहे वायदे पूरे हो या न हो, पर प्रचार जरुरी है। वह भी मोदी स्टाइल में, क्योंकि हमारे मुख्यमंत्री खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कम नहीं मानते, भले ही उनके मंत्री सरयू राय ताल ठोंककर उनकी गलत, भ्रष्ट नीतियों एवं कार्यों पर अंगूलियां ही क्यों न उठा देते हो, चाहे उनके घर-घर बिजली पहुंचाने के दावे की हवा ही क्यों न निकल जाती हो, पर प्रचार जरुरी हैं।
आपने देश के विभिन्न एयरपोर्टों, पेट्रोल-पंपों, केन्द्रीय कार्यालयों के समक्ष पीएम मोदी के बड़े-बड़े कटआउट व होर्डिंग जरुर देखी होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उज्जवला योजना तथा विभिन्न प्रकार की विकासात्मक योजना की सफलता के कीर्तिमानों को बताते हुए नजर आते हैं, ठीक उसी प्रकार इन दिनों नरेन्द्र मोदी स्टाइल में विभिन्न स्कूलों व विभिन्न पुलिस स्टेशनों के दीवारों पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास नजर आ रहे हैं, और वे बता रहे हैं कि उन्होंने विकासात्मक कार्यों के कीर्तिमान स्थापित कर दिये हैं।
पर सच्चाई राज्य की जनता जानती है, इसलिए वह मौके का इंतजार कर रही है कि कब विधानसभा चुनाव की घोषणा हो, और इन्हें उनके कार्यों का मूल्यांकण कर, इन्हें और इनकी पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाया जाये, हालांकि नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कई बार कहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद सीएम रघुवर दास का जेल जाना तय है, और दूसरा संकेत स्वयं सीएम रघुवर दास के कैबिनेट में शामिल मंत्री सरयू राय ने दे दिया, फिर भी केन्द्र में बैठे लोगों व संघ के उच्चाधिकारियों को पता नहीं सीएम रघुवर दास में क्या दिखाई पड़ रहा है कि वे भाजपा कार्यकर्ताओं तो दूर, वे अपने पुराने वरिष्ठ भाजपा नेता की भी नहीं सुन रहे, ऐसे में झारखण्ड में भाजपा की विदाई पूर्णतः सुनिश्चित हो चुकी है।
इधर बड़े पैमाने पर मोदी स्टाइल में सीएम रघुवर दास के शुरु किये गये प्रचार की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है, उनका कहना है कि आज तक किसी भी मुख्यमंत्री ने इस प्रकार का विज्ञापन न दिया और न ही प्रचार कराया, इस प्रचार को देखकर लगता है कि राज्य में मुख्यमंत्री नहीं, प्रचार मंत्री ने सत्ता संभाल लिया है, जिसका सिर्फ एक ही सूत्री काम है, सिर्फ और सिर्फ अपने नाम का प्रचार करवाना।
कुछ अनुभवी राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चाय में गुड़ उतनी ही डाली जाय, जिसे मिठास बरकरार हो, अगर ज्यादा गुड़ डाली जायेगी तो फिर चाय पीने लायक नहीं रह जाता। भाजपा के लोग, खासकर मोदी जी चाय-चाय की बात ज्यादा करते हैं, ऐसे में उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को समझाना चाहिए कि वे खुद मोदी की तरह प्रचार करवाने से बचे तथा जनता की सेवा करें, नहीं तो ज्यादा प्रचार करने से, जनता स्वयं इरिटेट हो रही हैं, और अगर ये चिड़चिड़ापन और बढ़ा तो भाजपा को लेने के देने पड़ जायेंगे, ये भाजपा को गांठ बांध लेना चाहिए।