अपनी बात

अब ये दिन आ गये भाजपा के, पिकनिक पर गये लोगों से सदस्य बनने का लगायेंगे गुहार, समर्पित कार्यकर्ताओं ने स्वीकारा कि हेमन्त और कल्पना ने पार्टी की ऐसी थुराई कर दी कि अब लोग भाजपा से जुड़ना भी नहीं चाहते

आज सबेरे-सबेरे पता चला कि झारखण्ड भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की ओर से वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। जिसमें पार्टी की ओर से चलाये जा रहे सदस्यता अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने पर जोर दिया गया। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह ने वर्चुअल बैठक में शामिल सभी सदस्यों को आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक लोगों को पार्टी के प्राथमिक सदस्य और सक्रिय सदस्य बनाने का प्रयास करें।

मतलब साफ है कि झारखण्ड विधानसभा चुनाव 2024 में बुरी तरह से हाशिये पर आ गई पार्टी को फिर से पुनर्स्थापित करने का प्रयास पार्टी के नेताओं द्वारा शुरु किया गया है। इस वर्चुअल बैठक में शामिल हुए एक सदस्य ने विद्रोही24 को बताया कि ऐसे तो भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों की संख्या 435 हैं। लेकिन इस बैठक में मात्र 157 लोगों ने ही भाग लिया। बैठक में सांसदों-विधायकों व प्रदेश के पदाधिकारियों से पांच-पांच हजार सदस्य बनाने व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्यों से पांच-पांच सौ सदस्य बनाने को कहा गया। इसी प्रकार आम कार्यकर्ता ढाई सौ सदस्य बनायेंगे, ये बातें भी सामने आई।

बताया जा रहा है कि इस वर्चुअल बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चूंकि ठंडा का सीजन है। ऐसे मौके पर बड़ी संख्या में लोग पिकनिक करने को जाते हैं। इसलिए इस पिकनिक का भी लोग फायदा उठाएं और पिकनिक पर गये लोगों से भी कहें कि वे भाजपा का सदस्य बनें तथा उन्हें भाजपा का सदस्य बनाने पर जोर भी डालें।

इसी बीच इस वर्चुअल बैठक में भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़ाने की बात पर कई भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इन भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये लोग फिर से भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं से सदस्यों की संख्या बढ़ानेट पर जोर डाल रहे हैं। भाजपा के समर्पित नेता व कार्यकर्ता भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़ायेंगे भी।

लेकिन ऐन मौके पर क्या होगा? कोई बाहर के दल का नेता पार्टी में शामिल हो जायेगा और उसे पार्टी का टिकट थमा दिया जायेगा और कहा जायेगा कि आपलोगों को बाहर से आये व्यक्ति के लिए काम करना है और उन्हें जीताना है। नतीजा क्या होगा? जितना मेहनत भाजपा कार्यकर्ताओं ने सदस्यों को बढ़ाने में किया था। उनका सारा मेहनत पर पानी यहीं लोग फेंरेंगे और फिर पार्टी हाशिये पर चली जायेगी।

जैसा कि 2024 के विधानसभा चुनाव में देखा गया। दरअसल, पता नहीं आजकल के भाजपा के प्रदेश नेताओं को क्या हो गया हैं? ये लोग समझते हैं कि सर्वाधिक काबिल और सर्वाधिक बुद्धि बस इन्हीं लोगों के पास पड़ा हैं। लेकिन ये नहीं मालूम कि इस प्रकार की वर्चुअल बैठक से कुछ नहीं होता।

ले-देकर, अंत में जो परेशानी और जलालत भाजपा के अंतिम पायदान पर पड़े कार्यकर्ताओं को झेलनी पड़ती हैं। वो जलालत किसी बड़े नेताओं को झेलनी नहीं पड़ती। बड़े नेता तो मनी और हनी के चक्कर में शुरु से लेकर आखिरी तक पड़कर पार्टी का सत्यानाश करने में लगे रहते हैं।

इधर वर्चुअल बैठक पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बैठक में शामिल एक सदस्य ने विद्रोही24 को बताया कि ये बैठक ऐसी हो रही थी, जैसे कि किसी नेटवर्किंग कंपनी का कोई सीएमडी बैठक ले रहा हो और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को अगले तीस दिनों में क्या करना हैं, वो सारी बातें बता रहा हो तथा उनके अधीनस्थ कर्मचारी यस सर, यस सर कर रहे हो। उक्त नेता ने बताया कि अब ये लोग कुछ भी कर लें, भाजपा का जो थुराई हेमन्त सोरेन और कल्पना सोरेन ने किया है, उसकी निकट भरपाई अब संभव नहीं हैं।

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