हे भाजपा के लिए अपनी अस्तित्व तक को खुद ही चुनौती देनेवाले कार्यकर्ताओं, वक्त को पहचानो, तुम भी अपनी बहू, पत्नी, बेटे, भाई के लिए रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, मधु कोड़ा, चम्पाई व ढुलू के जैसा जीना सीखो
“महाजनो येन गतः स पन्थाः” अर्थात् पथ वहीं सही है, जिस पथ पर महापुरुष या श्रेष्ठ लोग चलते हैं। इसलिए हे भाजपा कार्यकर्ताओं, हे भाजपा का झंडा ढोनेवालों, हे भाजपा के लिए सब कुछ लूटा देनेवालों, हे भाजपा के लिए अपनी अस्तित्व को खुद ही चुनौती दे देनेवालों कार्यकर्ताओं, अब वक्त आ गया हैं, तुम्हें भी भाजपा के अंदर जो श्रेष्ठ लोग हैं, उनके बताये मार्ग पर चल चलना है। अब इसके लिए तुम्हें किसी दूसरे दल में जाने की जरुरत नहीं, तुम्हें किसी और दल के दरवाजे खटखटाने की जरुरत नहीं। अब तुम्हारी पार्टी में भी ऐसे महान श्रेष्ठ विचारकों को जन्म हो चुका हैं, जिनका आश्रय तुम ले सकते हो।
अगर खुलकर जानना चाहते हो, तो लो मैं खुलकर बता देता हूं। अब तुम्हें लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव, सोनिया गांधी आदि नेताओं द्वारा संरक्षित पार्टियों के पास जाने की जरुरत नहीं। अब तो तुम्हारे यहां भी बहुत सारे ऐसे नेता आ चुके हैं। जो तुम्हारे लिए प्रेरणास्रोत बनने को तैयार है। हम भी आपके लिए ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि आपका भी मनोकामना जल्द से जल्द पूरा हो।
आप भी भाजपा के अंदर रह रहे रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, ढुलू महतो, मधु कोड़ा, चम्पाई सोरेन जैसे नेताओं के मार्ग का अनुसरण करो। ताकि कल तुम्हारे घर की भी बहू, रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू दास की तरह किसी विधानसभा सीट से अपना भाग्य बदलने के लिए निकल पड़े। अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा की तरह, तुम्हारी पत्नी भी खुद के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए निकल पड़े।
सजायाफ्ता ढुलू महतो का भाई शत्रुघ्न महतो की तरह, तुम्हारा भाई भी अपनी कायाकल्प कर सकें। मधु कोड़ा की पत्नी की तरह, तुम्हारी पत्नी भी कभी सांसद तो कभी विधायक बनने की दौड़ में हमेशा शामिल रहे। चम्पाई सोरेन की तरह खुद के लिए भी और चम्पाई के बेटे बाबूलाल सोरेन की तरह तुम भी अपने बेटे को भी बम-बम करने के लिए फैसलें कर सको, ताकि सदा के लिए आदर्शवादिता और सद्चरित्र का गला घुंट जाये।
यह वर्तमान में देश की मांग भी हैं। क्योंकि अगर हम आदर्श और सदचरित्र को अपनायेंगे तो फिर हम कही मुंह दिखानेलायक नहीं रहेंगे। इसलिए नया भारत बनाना है और अपनी पत्नी, बहू, बेटे, भाई और साले मात्र के लिए अब जीना है। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, महाराणा प्रताप आदि महापुरुषों के मैं क्या नाम लूं, ये सब बेवकूफ थे, तभी तो देश के लिए स्वयं को कुर्बान कर दिये और इनका परिवार आज कहां हैं, कोई जानता भी नहीं।
इसलिए तुम्हें रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, चम्पाई सोरेन, ढुलू महतो, मधु कोड़ा, दीपक प्रकाश, प्रदीप वर्मा, कर्मवीर सिंह, आदित्य साहू जैसे लोगों की तरह बनना है। ताकि तुम्हारे घर की भी बहुएं, बीवियां, बच्चें, साले-सालियां उपकृत होकर, तुम्हारे किये गये कीर्तियों पर बलिहारी जाये। क्योंकि ऐसे भी हमारे पूर्वज कह गये है कि कि मार्ग वहीं हैं, जिस मार्ग से होकर श्रेष्ठ जन जायें, तो ओडिशा का गवर्नर कोई छोटा पद होता हैं क्या? जब वो अपनी बहू को आगे ले आये तो आप भी वैसा ही करों तो क्या गलत हैं।
इसलिए आज ही संकल्प करों कि हमें ऐसे ही भाजपा नेताओं की तरह बनना है। पं. दीन दयाल उपाध्याय बनोगे तो क्या मिलेगा, मालूम है न, मुगलसराय की घटना। इसलिए कभी भी पं. दीन दयाल उपाध्याय की बताई मार्गों पर मत चलों, ऐसे लोगों के तस्वीर पर रघुवर दास और अर्जुन मुंडा की तरह समय-समय पर फूलमाला चढ़ाते रहो और अपनी आर्थिक सेहत मजबूत बनाते रहो। क्योंकि धन रहेगा तो सब कोई पूछेगा। सम्मान का क्या करोगे, अचार डालोगे?
लाज़वाब। कृष्ण की कलम बिहारी की तरह बेबाक़ चली है। बधाई